कंपनी का रिजल्ट

कंपनी का रिजल्ट

कंपनी का रिजल्ट

किसी कंपनी के वित्तीय परिणामों को जारी करना निवेशकों और हितधारकों के लिए समान रूप से एक महत्वपूर्ण क्षण होता है ये रिपोर्ट किसी निश्चित अवधि में कंपनी के प्रदर्शन का एक स्नैपशॉट प्रदान करती हैं और इसकी संभावनाओं में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती हैं उनमें राजस्व, लाभ और प्रति शेयर आय जैसे प्रमुख वित्तीय मैट्रिक्स के साथ-साथ प्रबंधन टिप्पणी और भविष्य के लिए मार्गदर्शन शामिल हैं

कंपनी के परिणामों का विश्लेषण निवेश निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है जो निवेशकों को यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि कंपनी एक अच्छा निवेश है या नहीं इस लेख (कंपनी का रिजल्ट) में, हम कंपनी के परिणामों पर करीब से नज़र डालेंगे और उन्हें समझने और उनका विश्लेषण करने के महत्व का पता लगाएंगे

Results‘ जिसको सुनकर हमारें मन में कई प्रकार के ख़याल आते हैं वैसे तो हमारें जीवन के हर एक पढ़ाव में अनेकों परीक्षाएं आती हैं मगर उनमें उनकें परिणामों का बेहद अहम रोल होता हैं ठीक उसी प्रकार स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनीयों के Quarterly Results का भी बेहत महत्व होता हैं और आज हम इसी टोपिक (कंपनी का रिजल्ट) को पूर्ण विस्तार से समजने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं

Quarterly Results क्या होता हैं :-

शेयर बाज़ार में एक कंपनी के परिणाम का क्या महत्व होता है, कंपनी अपने अलग – अलग क्वार्टर के रिजल्ट को कैसे डिक्लेयर करती है उस सभी के Time of Duration को उनके Number of Quarter के साथ समजेंगे, साथ ही Quarterly Results of Companies की स्टॉक मार्केट में क्या अहमियत है साथ ही इसे उदाहरण के माध्यम से भी बेहतर तरीकेसे समजेंगे और आखिर में हम जानेंगे की आखिरकार इन Result को Company वाइस किस प्रकार देख सकते है

स्टॉक मार्केट में कंपनी के रिजल्ट्स का महत्व

शेयर बाज़ार में भी किसी कंपनी का रिजल्ट बेहद महत्वपूर्ण होता है ऐसा इस लिए है क्योंकि कंपनीयों के अच्छे Results ही स्टॉक मार्केट का सुनहरा भविष्य Decide (नक्की) करता है

भारतीय शेयर बाज़ार अपने आप में ही एक विस्तृतता और विशालता की परिभाषा है, शेयर बाजार सिर्फ एक निवेश करने का जरिया ही नहीं बल्कि यह पुरे देश की अर्थव्यवस्था को संदर्भित करता हैं

भारतीय स्टॉक मार्केट में काफी अनेकता देखने को मिलती है इसमें अलग – अलग क्षेत्रों से जुड़े सेक्टर मोजूद है उन सभी अलग – अलग सेक्टरों में न जाने कितनी कंपनीयों के शेयरों को लिस्टेड किआ हुआ है उन सभी कंपनीयों में रोजाना लाखो – करोड़ों शेयरों का कारोबार (ट्रेडिंग) होता है 

एक तरह से इसे ऐसे भी कह सकते है की देश के अनगिनत लोगो के जरिये इन शेयरों के द्वारा इन कंपनीयों में निवेश किया जाता है जो इन कंपनीयों को विकसित बनाने में मदद करता है

तो यह जाहिर सी बात है की एक सामान्य लिस्टेड कंपनी का रिजल्ट एक सामान्य निवेशक के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं और साथ ही स्टॉक मार्केट में लिस्टेड इन जैसे सभी कंपनीयों के शेयरों के रिजल्ट्स India Stock Market के Future के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं

कंपनीयों के रिजल्ट्स की निगरानी सेबी के हथोमे

भारतीय शेयर बाजार का कन्ट्रोल SEBI के हाथ में होने से शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनीयों के रिजल्ट एकदम स्पस्ट और रियल रिजल्ट ही डिक्लेयर किये जाते है यानि स्टॉक मार्केट में लिस्टेड सभी कंपनीयों को अपना व्यापारिक कारोबार कैसा चल रहा है, वो प्रोफिट में है या लोस में है, यदि प्रोफिट है तो कितने करोड़ का प्रोफिट है, उस कंपनी की NPA पिछले साल के मुकाबले हालमे कितनी कम हुई है

इस प्रकार की सभी निजी जानकारियाँ न्यूज के जरिये डिक्लेयर करनी पड़ती है क्युकी उस कंपनी में निवेश करने वाले सभी निवेशकों को यह जाननेका पूरा हक़ है की वह जो निवेश कर रहे है उसकी क्या प्रति क्रिया मिलेंगी यानि उनका निवेश सुरक्षित है या नहीं, चलिए अब Company के Quarterly Results क्या होते है उसे समजते हैं

Quarterly Results of Companies :-

कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट्स का सीधा मतलब बनता है की आखिरकार कंपनी ने पिछले तिमाही में कितना व्यापार (कारोबार) किया यानि पिछले साल प्रोफिट किया या लोस किया और प्रोफिट है तो कितना और लोस है तो कितना है

उदाहरण के तौरपर कंपनी Auto Industry क्षेत्र की है, तो उस Auto Company ने कितनी नईं गाड़ियों का निर्माण (उत्पादन) किया उनमेसे उसे कितना खर्च हुआ और पुरे सालभर में कितनी Cars की बिक्री हुई इन जैसे सभी प्रकार के कैलकुलेशन करके आखिर में कंपनी ने उस तिमाही में कितना मुनाफा कमाया

अब यह फिक्स तो नहीं यानि मुनाफे की जगह नुकसानी भी तो हो सकती है, कंपनी के इन्ही प्रोफिट या लोस के रिपोर्ट को Company का Quarterly Result कहा जाता हैं

भारतीय कैलेंडर के मुताबिक साल के 1 April से नया वितीय साल शुरू होता है और अगले सालकी 31 March को यह Financial Year ख़तम होता है

इस पुरे साल को Quarter वाइस 3 – 3 महिनों के 4 भागों (हिस्सों) में बाटा गया है, इन चारों तिन – तिन महिनों की समय अवधि को तिमाही कहा जाता है इन्ही तिमाहियों को पुरे साल के चार भाग किये गए हैं इन्ही भागों को दूसरें शब्द में Quarter कहा जाता हैं

DurationQuarter Numbers
1st April to 30th JuneFirst Quarter (Q1)
1st July to 30th September Second Quarter (Q2)
1st October to 31st DecemberThird Quarter (Q3)
1st January to 31st MarchFourth Quarter (Q4)

उपरोक्त दर्शाये गए फिक्स महिनों पर ही हर Quarter के ख़तम होने के बाद ही कंपनीयां अपने Quarter के Results को पेश करती है, इन Results को Companies का Quarterly Results कहा जाता हैं

कंपनियों के तिमाही नतीजों के क्या हैं फायदे :-

स्टॉक मार्केट में कंपनी के Quarterly Results का एक अलग ही महत्व है साथ ही इनके कही सारे उपयोग है इनको हम वन बाय वन समजते है

क्वार्टरली रिजल्ट्स के मुताबिक कंपनी का प्रदर्शन 

इनकी मदद से हम यह जान सकते है की पुरे साल में किन – किन Quarter (तिमाही) में कंपनी ने कैसा प्रदर्शन किया है यानि कंपनी पुरे साल के चार अलग – अलग तिमाहियों में कैसा उत्पादन करता है और उस के बेस पर कंपनी को कितना प्रॉफिट या लोस होता है

उसके आधार पर ही हम यह डिसाइड कर पाते है की हमें उस कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहये या नहीं इसके लिए हम किसी भी कंपनी के शेयरों को खरीद ने से पहले उसके बारेंमे हम सभी प्रकार की रिसर्च पहले से कर लेते है

जिसमे कंपनी के भूतपूर्व कारोबार के कार्यक्रम को देख कर यह अनुमान लगाते है यानि एक तरह का कंपनी का एनालिसिस करते है जिसकी मदद से आने वाले समय में कंपनी का व्यापार केसा होने वाला है यानि कंपनी प्रॉफिट करेंगी और अगर प्रॉफिट है भी तो प्रॉफिट में बढ़ोतरी होंगी या प्रॉफिट में कमी आएँगी, इस प्रकार की कंपनी की जानकारियाँ इकठ्ठा की जाती है

क्वार्टरली रिजल्ट्स से सीजनल व्यापार में कारोबार

इनसे एक और बात की जानकारी मिलती है की कंपनी का व्यापार सीजनल है या सामान्य कारोबार है और यदि सीजनल है भी तो किन – किन क्वार्टर (तिमाही) में कंपनी का व्यापारिक क्षेत्र का विकास होता है

जैसे की; सर्दियों के महिनों में गरम कपडों की ज्यादा मांग होती है और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक की चीजों में AC, Fan, Water Heater और Cooler आदि और मोंसून के महिनों में छातें और रेनकोट जैसी चीजों का व्यापार करती कंपनीयों के प्रॉफिट भी उनकी सीजन में ही बढ़ते है 

साथ ही उनके अलावा के सीजन में उनका व्यापार कम हो जाता है, इस प्रकार सभी कंपनीयों के तिमाही के रिजल्ट्स में थोडे – बहोत बदलाव की उम्मीद की जा सकती है

जब उस कंपनी का रिजल्ट डिक्लेयर हो जाता है तब उसका विश्लेषण किया जाता है जिसके बेस पर यह जानकारी मिलती है की कंपनी के एनालिसिस का कितने प्रतिशत रिजल्ट आया है

इसके आधार पर कई निवेशक ऐसे निवेश प्लेटफार्म के जरिये भी शेयर बाजार के निवेश में भाग ले सकते है जिसमे निवेशक Seasonal Investment करके भी अपनी सुज़बुज से अपने इन्वेस्टमेंट प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं

क्वार्टरली रिजल्ट्स का उपयोग कंपनी के लिए

कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट्स के कही सारे उपयोग है यह सिर्फ शेयर बाजार के निवेशकों के लिए ही नहीं बल्कि खुद कंपनी के भी बहोत काम आता है

सभी व्यापारिक कंपनीयों का पहला अचीवमेंट उनका प्रॉफिट होता है साथ ही इन प्रोफिट्स को बनाये रखना और इन प्रोफिट्स में बढ़ोतरी करना भी जरुरी है

अब सभी व्यापारिक संस्थाए प्रॉफिट करती हो यह जरुरी तो नहीं है बहोत सारी ऐसी भी कंपनीयां होती है जो प्रॉफिट की बजाय लोस कर रही होती है उन सभी कंपनीयों का आयोजन अपनी – अपनी कंपनीयों के लोस को कम करना होता है

अब चाहे कंपनी प्रॉफिट करती हो या फिर लोस उन सभी कंपनीयों में एक चीज कॉमन है वो है कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट्स जिनके बेस पर ही वो अपने अचीवमेंट को हासिल कर पाते है जैसे –

  • कंपनी की पहले की क्या पोजीशन थी
  • हाल कंपनी किस पोजीशन पर कारोबार कर रही है 
  • भविष्य में कंपनी के हित के बारेंमे कोन – कोन सी व्यूह रचनाएँ बनानी है और कैसे – कैसे फैसले लेने चाहिए

इन जैसे सभी सवालों के जवाब Quarterly Results के आधार पर आसानी से ढूंड सकते हैं

Quarterly Results देखने के लिए वेबसाइटें :-

वैसे Quarterly Results को देखने के लिए इंटरनेट पर बहोत सारी वेबसाइट मोजूद है मगर मे आपको उन सभी मेसे सिर्फ दो अहम इन्फोर्मेटिक वेबसाइट के बारेंमे विस्तार से बताने वाला हु अगर आप चाहे तो इन दोनों वेबसाइट को वन बाय वन विजिट करके इन्हें समज सकते है, तो चलिए देखते है कंपनीयों के रिजल्ट्स के बारेंमे इनफोर्मेसन देने वाली उन वेबसाइट के बारेंमे और इसे बेहतर समजते हैं

Website No. 1

सबसे पहले हम बात करते है BSE की ऑफिसियल वेबसाइट के बारेंमे, तो आपको सिर्फ Google पर Search करना है ‘bse result calendar’ इस पेज पर आने के बाद आपके सामने करंट डेट से लेकर आगें के कुछ डेट्स की एडिटर लिस्ट ओपन हो जाएँगी जिसमे डेट वाइस कंपनीयों के रिजल्ट्स की डिटेल्स दिखाई गई होंगी

उसकी मदद से उस दिन किन – किन कंपनीयों के रिजल्ट्स आने वाले है या आ चुके है उसकी सभी माहिती दिखाई देंगी और इसमें कंपनी का Security Code, Name और Results Date Show करेंगी

इसके अलावा यदि आप किसी पर्टिकुलर कंपनी के रिजल्ट के बारेंमे जानना चाहते है तो उसी पेज पर Security Name के निचे Search का ऑप्सन होंगा उस पर कंपनी का नाम, कोड या उसकी ID से भी Search कर सकते हैं

Website No. 2

हमारी दूसरी वेबसाइट का नाम है Moneycontrol इस वेबसाइट की मदद से हम कंपनीयों के रिजल्ट्स डेट को देख सकते है

आपको सिर्फ Google पर Search करना है ‘moneycontrol results calendar’ इस वेबसाइट को ओपन करते ही आपके सामने आने वाले सभी कंपनीयों के रिजल्ट्स दिखाई देंगे उसमे आप अपने मुताबिक की डेट पर कोन – कोन सी कंपनीयों के रिजल्ट्स आने वाले है या आ चुके है उन सभी की लिस्टदेख सकते हैं साथ ही इसमें आप किसी पर्टिकुलर सेक्टर की कंपनीयों के रिजल्ट्स की डेट लिस्ट भी देख सकते है

निष्कर्ष

अंत में, एक कंपनी के वित्तीय परिणाम उसके प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण उपाय हैं और निवेशकों, विश्लेषकों और अन्य हितधारकों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं, राजस्व, कमाई और लाभ मार्जिन जैसे प्रमुख वित्तीय मेट्रिक्स का विश्लेषण करके, निवेशक कंपनी के स्टॉक को खरीदने, रखने या बेचने के बारे में सूचित निर्णय ले सकते हैं

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वित्तीय परिणाम कंपनी के समग्र प्रदर्शन का सिर्फ एक पहलू है और प्रबंधन गुणवत्ता और उद्योग के रुझान जैसे अन्य कारक भी भूमिका निभाते हैं फिर भी, कंपनी के वित्तीय परिणामों का गहन विश्लेषण भविष्य के विकास और सफलता के लिए इसकी क्षमता का आकलन करने के लिए एक ठोस आधार प्रदान कर सकता है

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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