Peak Margin Rules In Hindi

Peak Margin Rules In Hindi

peak margin rules in hindi

     

हेल्लो दोस्तों आज हम ‘पीक मार्जिन नियम’ को इस टोपिक (peak margin rules in hindi) में समजने वाले हैं की आखिरकार SEBI को स्टॉक मार्केट में इस नियम को लागु करनेकी क्या आवश्यकता पड़ी साथ ही इस नियम से क्या – क्या बदलाव आएंगे और इनसे Brokers और Traders पर क्या असर पड़ेगा इन सभी बातोँ की विस्तार से चर्चा करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

Peak Margin Rules क्या हैं :-

पहले Clearing Corporation मार्केट के कारोबार का मार्जिन कैलकुलेशन पुरे दिन के आखीर में करता था मगर हालहीमे कार्वी कॉर्पोरेशन और उन जेसे कुछ अनैतिक मामले सामने आये जिसमे सामान्य निवेशकों की सुरक्षा के खिलाफ कार्य होने की संका की वजह से सेबी ने 1 दिसंबर, 2020 को ‘पीक मार्जिन’ को लागु कर दिया गया है, तो चलिए इसे विस्तार से समजते है

पुराने मार्जिन नियमों की सामान्य बातें

पीक मार्जिन से पहले मार्जिन नियमों को समजते है, वैसे तो हमने न्यू मार्जिन रूल्स के बारेंमे पहले से कुछ आर्टिकल्स Published किये हुए है “SEBI New Rules” जिसे आप इस केटेगरी के जरिये Read कर सकते है      

सेबी ने वैसे तो 1 सितम्बर, 2020 को मार्जिन नियमों को लागु कर दिया गया था जिसमे सामान्य मार्जिन के तौर पर शेयर बाजार में लिस्टेड सभी स्टॉक्स पर मार्जिन लगा दिया गया था

इसमें क्लाइंट्स को अपने ट्रेड के मुताबिक अपने ब्रोकर्स के पास मार्जिन भरना (जमा) करवाना पड़ता है जो कंपनीयों के स्टॉक वाइस अलग – अलग होता है और यह मार्जिन रोजाना बदलता भी रहता है 

साथ ही एक बेहतर सुविधा के रूप स्टॉक्स को प्लेजमेंट (गिरवी) रखने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है जिसको इंट्राडे बेस ट्रेडिंग करनेवाले ट्रेडर्स उपयोग कर सकते है

‘पीक मार्जिन’ को समजने के पूर्व मार्जिन की थोड़ी पुरानीं बाते याद कर लेते है, हम सभी यह तो जानते ही है की Stock Exchange के द्वारा कंपनीयों के अलग – अलग शेयरों के मुताबिक उनके मार्जिन भी अलग – अलग दिये गए है

हम जिस स्टॉक पर ट्रेड कर रहे है उस स्टॉक पर लगे मार्जिन को हमें एडवांस में जमा रखना अनिवार्य है फिर चाहे हम उस मार्जिन को अपने Trading Account में अमाउंट के जरिये जमा रखे या अपने Demat Account में पड़े शेयरों को Pledge यानि गिरवी रखके मार्जिन को जमा करे, जिसके बाद ही हम अपनी ट्रेडिंग कंटिन्यू कर सकते है

यह तो हो गई पुरानी मार्जिन स्कीम की बाते तो, आखिरकार इस पीक मार्जिन नियमों में पुराने मार्जिन नियमों के आधार पर क्या – क्या बदलाव आये है और यह उस नियम से कैसे अलग है, तो चलिए इसे विस्तार से समजते है

पीक मार्जिन नियम से स्टॉक मार्केट में क्या बदलाव आया हैं ?

सेबी ने स्टॉक मार्केट में मार्जिन नियमों को दो अलग – अलग पार्ट में डिवाइड किया हुआ है पहला रूल्स तो 1 सितंबर, 2020 को Cash Market में अपफ्रन्ट मार्जिन से रिलेटेड है और दूसरा रूल्स पीक मार्जिन रिपोर्टिंग का है इसका रिलेशन डेरीवेटिव ट्रेडिंग के साथ है, तो अब जानते है की इस नियम से शेयर बाजार में क्या बदलाव आये है

तो इनसे एक बात तो क्लियर है की इन नए मार्जिन नियमों के चलते स्टॉक मार्केट में कारोबारीक वॉल्यूम में काफी गिरावट देखने को मिली है खासकर Intraday बेस ट्रेडिंग पर इन मार्जिन नियमों की काफी असर देखने को मिलती है

मगर इसे सकारात्मक रूप से देखे तो यह नियम बेहद लाभदायक है और यदि इन नियमों की शुरुआती कठिनाइयों की बात करे तो शेयर बाजार के लिए सेबी के द्वारा लिये गए यह नियम पहले नहीं इनसे पहले भी सेबी ने कही कठिन नियमों को लागु किया ही है

स्टॉक मार्केट ने सेबी के द्वारा लागु किये जाने वाले नियमों के हिसाबसे खुद को ढालना सिख लिया हैं क्योंकि यह समजता है की इन नियमों की वजह से बाजार के बढ़ते इन जोखिमों को कम किया जा सकता है और साथ ही इनसे बाजार के निवेशकों के हितों की सुरक्षा भी की जाती है

पीक मार्जिन रूल्स

पीक मार्जिन को जब स्टॉक मार्केट में लागु नहीं किया गया था तब यानि 1 दिसंबर, 2020 के पहले क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन शेयर बाजार में होने वाले कारोबार के मार्जिन का कैलकुलेशन सिर्फ दिन में एकही बार और वो भी दिन के आखिर में करती थी

जबकि इस पुराने नियम को पीक मार्जिन रूल्स में कन्वर्ट कर दिया गया है इसमें क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन शेयर बाजार में होने वाले कारोबार के मार्जिन का कैलकुलेशन मार्केट समय के दौरान चार बार चेकिंग किया जायेंगा

इसका यह मतलब हुआ की आपके दिनभर के जो ट्रेड्स होंगे, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन उसके चार स्नैपशॉट लेंगा यानि वह चार बार यह देखेंगे की पुरे दिन में जो – जो ट्रेड हुए है उनमे कितने प्रतिशत का मार्जिन लगा हुआ है

उसके आधार पर जो सबसे ज्यादा मार्जिन होंगा उसके कैलकुलेशन के हिसाबसे मार्जिन एडवांस जमा होना जरुरी हैं अन्यथा Shortfall Margin की वजह से पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है और साथ ही यह पेनल्टी सिर्फ क्लाइंट्स को ही नहीं बल्कि ब्रोकर्स को भी चुकानी पड़ती है

Peak Margin Rules के 4 चरण :-

SEBI ने इस पीक मार्जिन के नियम को 4 चरणों में लागु करने का फैसला लिया, इसके पीछें का कारन भी हम समज सकते है क्योंकि इस पीक मार्जिन से पहले सेबी के द्वारा लागु किये गये मार्जिन के नियमों को समजने में अभी काफी निवेशकों को और साथ ही कुछ ब्रोकरों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है

इन जैसे कारणों की वजह से सेबी इस पीक मार्जिन रूल्स को चार अलग – अलग विभागों में डिवाइड करके चारो पार्ट को अलग – अलग समय अवधि के आधार पर लागु करने का निर्णय लिया हैं, पीक मार्जिन रूल्स के इन 4 चरणों को विस्तार से समजने से पहले इनके रिपोर्टिंग कैलेंडर को देख लेते है

Peak Margin Reporting Calendar

P/M Applying DateP/M Percentage (%)

1 December 2020 To 28 February 2021

25 %

1 March 2021 To 31 May 2021

50 %

1 June 2021 To 31 August 2021

75 %

1 September 2021

100 %

पीक मार्जिन रूल्स को विस्तार से समजे

अब इस पीक मार्जिन रूल्स के रिपोर्टिंग कैलेंडर को थोड़े डीप में समजते है – 

  • तो पहले चरण का पीक मार्जिन 25% का होंगा जिसे दिसंबर, 2020 से फरवरी, 2021 के इन तिन महीनों में ट्रेडर्स को कम से कम 25% का पीक मार्जिन एडवांस जमा रखना जरुरी है
  • दुसरे चरण में पीक मार्जिन 50% हो जायेंगा जिसे मार्च, 2021 से मई, 2021 तक लागु किया गया है जिसमे क्लाइंट्स को 50% तक का मार्जिन जमा रखना होंगा
  • तीसरे चरण में पीक मार्जिन 75% हो जायेंगा जिसे जून, 2021 से अगस्त, 2021 तक लागु किया गया है जिसमे भी क्लाइंट्स को 75% तक का एडवांस मार्जिन देना पड़ेंगा 
  • आखरी चोथे चरण में स्टॉक मार्केट के निवेशकों को 100% तक का पीक मार्जिन चुकाना पड़ेंगा

Peak Margin Calculation को समजे :-

चलिए अब पीक मार्जिन के कैलकुलेशन को समजते है यानि आखिरकार हमें कितने अमाउंट का मार्जिन एडवांस में जमा रखना पड़ेंगा

पीक मार्जिन कैलकुलेशन का उदाहरण

तो उदाहरण के तौर पर यदि हम ONGC के 100 स्टॉक को तकरीबन Rs.14,000 की अमाउंट पर खरीदते है, तो क्या हमें 25% के पीक मार्जिन के हिसाबसे Rs.3,500 की राशी को एडवांस जमा रखना पड़ेंगा या 50% पीक मार्जिन के हिसाबसे Rs.7,000 की अमाउंट को एडवांस जमा रखना पड़ेंगा या 75% के पीक मार्जिन के हिसाबसे Rs.10,500 की राशी को एडवांस में जमा रखना पड़ेंगा या फिर 100% के पीक मार्जिन के मुताबिक खरीदी का फुल पेमेंट एडवांस में ही कर देना पड़ेंगा ?

मार्जिन कैलकुलेशन कैसे होता हैं ?

तो पहले तो मार्जिन कैलकुलेशन इस प्रकार बिल्कुल नहीं किया जाता है, इसे हम Nifty के पॉइंट ऑफ व्यू (दृष्टिकोण) से समजने की कोसिश करते हैं

तो हालके मुताबिक Rs.100 लगभग 16% मार्जिन लागु होता है जिसमे Span Margin और Exposure Margin भी शामिल है जो पुरे दिन के आखरी पोजीशन के मार्जिन और इंट्राडे बेस ट्रेडिंग पोजीशन के मार्जिन पर एप्लीकेबल है

हालाकि पहले भी 16% मार्जिन ही था जोकि क्लाइंट्स के ट्रेड पर पहले ब्रोकर्स भर देते थे और उसमे पार्ट पेमेंट क्लाइंट्स करता था

तो इसे दुसरे चरण के पीक मार्जिन फीसदी के हिसाबसे समजते है तो पीक मार्जिन 50% के हिसाबसे 8% क्लाइंट को चुकाना पड़ता है और बाकिका 8% ब्रोकर ऐड करता है जोकि इंट्राडे बेस ट्रेडिंग पोजीशन के लिए है

आखिर में हालके समय में जो पीक मार्जिन चल रहा है वह चोथा चरण 100% का पीक मार्जिन है जिसके हिसाबसे क्लाइंट्स को पूर्णरूप से 16% का पीक मार्जिन एडवांस में देना अनिवार्य हैं

सेबी के पीक मार्जिन नियम पर ANMI का बयान :-

सेबी ने मार्जिन और प्लेजमेंट के नियमों को लागु करने के तुरंत बाद इस ‘पीक मार्जिन’ के नियम को लागु कर दिया जिसकी वजह से ब्रोकरों और निवेशकों को बहोत कुछ जेलना पड़ा

जिसकी वजह से ब्रोकिंग संगठन की संस्था ‘Association of National Exchanges Members of India’ (ANMI) ने सेबी की रेग्युलेटरी ऑथोरिटी संस्था से यह दर्खास्त की है की जो इंट्राडे ट्रेडिंग पर 100% का पीक मार्जिन लीवरेज लगाया है उन प्रस्ताव पर फिरसे विचार करे क्योंकि उनके मुताबिक पहले ब्रोकर्स के द्वारा रिपोर्ट किये गए मार्जिन को क्लाइंट के उस दिन में किये गए कैरी – फोरवर्ड ट्रेड को केवल उस दिन के अंत में किये जाते थे इस वजह से सभी ब्रोकर इंट्राडे, कवर ऑर्डर और ब्रेकेट ऑर्डर में ज्यादा लीवरेज मुहैया करा पाते थे

इक्वीटी के लिए वैल्यू एंड रिस्क + एक्सट्रीम लोस मार्जिन और F&O के लिए Span + Exposure की तय सीमा में कम मार्जिन पर ट्रेड कर पाते थे

इन सभी पुराने रूल्स की वजह से हालके इन नियमों में ढालना थोडा कठिन है मगर सेबी ने इन नियमों में बदलाव कुछ सोच – समज कर स्टॉक मार्केट के हित में ही फैसले किये है जिनका पालन करना हम सभी निवेशकों और ब्रोकरों का परम कर्तव्य हैं

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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