ASM GSM Category In Hindi: जाने स्टॉक मार्केट में आपके शेयरों की सुरक्षा कैसे होती हैं?

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ASM GSM Category In Hindi

अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) और ग्रेडेड निगरानी उपाय (जीएसएम) स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा विशेष रूप से मूल्य अस्थिरता या बाजार अखंडता के मामलों में प्रतिभूतियों की व्यापारिक गतिविधियों की बारीकी से निगरानी करने और अनुपालन स्तर और ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों को वर्गीकृत करने के लिए नियामक कार्रवाई हैं।
asm gsm category in hindi

एएसएम (अतिरिक्त निगरानी उपाय) और जीएसएम (ग्रेडेड निगरानी उपाय) निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए भारत में स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा कार्यान्वित दो महत्वपूर्ण नियामक ढांचे हैं

यह उपाय शेयर बाजार में गतिविधियों की निगरानी और विनियमन के लिए शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम करते हैं, खासकर उन प्रतिभूतियों के लिए जो असामान्य मूल्य आंदोलनों या अस्थिरता को प्रदर्शित करते हैं, ऐसी प्रतिभूतियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध और निगरानी लगाकर, एएसएम और जीएसएम का लक्ष्य बाजार की अखंडता को बनाए रखना, निवेशकों का विश्वास बढ़ाना और असामान्य बाजार व्यवहार से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करना है इस लेख (asm gsm category in hindi) में, हम एएसएम और जीएसएम के विवरण, उनके उद्देश्यों, कार्यान्वयन और भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव की खोज करेंगे

नमस्कार दोस्तों, आज हम शेयर बाजार के दो महत्वपूर्ण नियम ASM और GSM को विस्तार से समझने जा रहे हैं, जैसे; शेयर बाजार में इनका क्या महत्व है, खुदरा निवेशकों के लिए इसका क्या महत्व है, और उन्हें क्यों समझना चाहिए और एक शेयर बाजार व्यापारी (निवेशक) के रूप में हमें क्या करना चाहिए, इन सभी सवालों के जवाब आज आपको इस लेख (asm gsm category in hindi) में मिलेंगे

एएसएम और जीएसएम के बारे में सामान्य जानकारी

पहले तो एएसएम / जीएसएम होता क्या है (asm gsm category in hindi) यह एक प्रकार की निगरानी रखनेवाला नियामक है जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और एक्सचेंजों (BSE/NSE) के द्वारा मार्केट की अखंडता को बनाए रखने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए लागु किया गया हैं

ASM यानि ‘Additional Surveillance Measure’ जिसे हिन्दी में “अतिरिक्त निगरानी उपाय” के नाम से जाना जाता है और GSM यानि ‘Graded Surveillance Measure’ जिसे “श्रेणीबद्ध निगरानी उपाय” के नाम से जाना जाता है

इन दोनों ही नियामकों में उन शेयरों को डाला जाता है जिनमे मेनुप्लेसन होने के संकेत होते है यानि उनके फंडामेंटल कुछ ओर और उसका प्राइस (CMP) कुछ ओर है, सडनली उन शेयरों में ज्यादा ट्रेडिंग होने से कीमतों में भारी मूवमेंट देखने को मिलता है, इन अनैतिक कारणों की वजह से सेबी और एक्सचेंज ऐसे स्टॉक्स को ASM और GSM की केटेगरी लिस्ट में डाल दिया जाता हैं

Additional Surveillance Measure (अतिरिक्त निगरानी उपाय)

स्टॉक एक्सचेंज और प्रतिभूति नियामक निकाय कुछ प्रतिभूतियों की व्यापारिक गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के तरीके के रूप में ‘अतिरिक्त निगरानी उपाय’ (एएसएम) का उपयोग कर सकते हैं। एएसएम आमतौर पर तब लागू किया जाता है जब बाजार की अखंडता या विशिष्ट इक्विटी के लिए मूल्य अस्थिरता पर संदेह होता है।

एएसएम के तहत रखे गए स्टॉक में ट्रेडिंग पर और भी शर्तें या सीमाएं हो सकती हैं। पारदर्शिता बढ़ाने और बाजार में हेरफेर की संभावना को कम करने के लिए, इन उपायों में आवश्यक डिलीवरी और भुगतान दायित्व, ट्रेडिंग वॉल्यूम पर प्रतिबंध, बढ़ी हुई मार्जिन आवश्यकताएं या अन्य उपाय शामिल हो सकते हैं।

यह आवश्यक करके कि कुछ प्रतिभूतियों में व्यापार निष्पक्ष और खुले तौर पर किया जाए, एएसएम का लक्ष्य निवेशकों की सुरक्षा करना और प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित संचालन को संरक्षित करना है। इसे कभी-कभी स्टॉपगैप के रूप में उपयोग किया जाता है जब तक कि प्रतिभूतियों की व्यापारिक गतिविधि के मुद्दों को संबोधित या ठीक नहीं किया जाता है।

सेबी और एक्सचेंजों के द्वारा पहले से लागू किए गए विभिन्न निगरानी उपायों के क्रम मेसे संयुक्त निगरानी बैठकों में चर्चा के अनुसार यह नियम को लागु किया गया है कि उद्देश्य मानक के आधार पर निगरानी संबंधी चिंताओं के साथ प्रतिभूतियों पर अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) को लागु किया जाए

साथ ही एएसएम लिस्ट में रखने के लिए प्रतिभूतियों (स्टॉक्स) की शॉर्टलिस्टिंग एक उद्देश्य मानदंड पर आधारित है, जैसा कि सेबी और एक्सचेंजों के द्वारा संयुक्त रूप से निम्नलिखित पैरामीटर को कवर करने के लिए तैयार किया गया हैं

एएसएम पैरामीटर सूची

  • High Low Variation – उच्च निम्न भिन्नता यानि प्राइस मूवमेंट बहोत ही ज्यादा हो जाए
  • Client Concentration – ग्राहक एकाग्रता यानि सडनली कुछ ही इन्वेस्टर्स ज्यादा इन्वेस्ट कर रहे हो
  • Close to Close Price Variation – मूल्य भिन्नता के करीब यानि आज के क्लोजिंग प्राइस और अगले दिन के क्लोजिंग प्राइस में ज्यादा वेरिएसन आ रहा हो
  • Market Capitalization – बाजार पूंजीकरण यानि किसी स्टॉक का मार्केट कैपिटलाइजेशन बेहद ज्यादा हो या बेहद कम हो
  • Volume Variation – वॉल्यूम भिन्नता यानि किसी स्टॉक में ज्यादा ट्रेड होने से उसका वॉल्यूम सडनली अधिक होने लगता है
  • Delivery Percentage – वितरण प्रतिशत यानि कुल वॉल्यूम मेसे कितने ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेड कर रहे है और कितने निवेशक डिलीवरी ट्रेड कर रहे है  
  • No. of Unique PANs – अद्वितीय पैन की संख्या यानि किसी स्टॉक में ज्यादा निवेशक अधिक निवेश करे तो कोई चिंता नहीं मगर कुछ ही निवेशक अधिक निवेश कर रहे हो    
  • P/E Ratio – कमाई का अनुपात यानि Price Earning Ratio कैसा है

यदि कोई स्टॉक उपरोक्त सभी मापदंडों को पूरा नहीं कर पाता है तो उसे ASM की सूची में शामिल कर लिया जाता है इस सूची को भी दो चरणों में बांटा गया है

शॉर्ट टर्म एएसएम लिस्ट और लॉन्ग टर्म एएसएम लिस्ट, यदि कोई स्टॉक शॉर्ट टर्म एएसएम लिस्ट में आता है तो उसे 2 चरणों के अनुसार सूचीबद्ध किया जाता है और यदि कोई स्टॉक लॉन्ग टर्म एएसएम सूची में आता है तो उसे 4 चरणों के अनुसार सूचीबद्ध किया जाता है

ASM कैटेगरी क्यों लगाई जाती है ?

सेबी और स्टॉक एक्सचेंजीस ने मुख्य रूप से शेयरों में सट्टा ट्रेडिंग को नियंत्रित करने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए ASM की शुरुआत की है, ASM में मुख्य दो बुनियादी बाते शामिल हैं

ASM केटेगरी में होने से इन स्टॉक्स में डे ट्रेडिंग पर प्रतिबन्ध लग जायेंगा, इन शेयरों को अपने ब्रोकर के पास गिरवी (Pledge) नहीं रखा जा सकता है क्योंकि ब्रोकरों के लिए ही इन शेयरों पर 100% मार्जिन रखना जरुरी होगा

जबकि सामान्य शेयरों में सिर्फ 30% या 40% के मार्जिन में ट्रेडिंग की जाती है इसका प्रभावी स्वरूप देखे तो इसका मतलब यह है कि इन शेयरों में मार्जिन ट्रेडिंग अक्षम हो जायेंगा

  • सर्किट फ़िल्टर 5% या उससे कम हो सकता है
  • शेयरों की खुली स्थिति पर 100% मार्जिन यानी उन शेयरों को खरीदने के लिए पूरा मार्जिन जमा करना आवश्यक है

Stepwise monitoring action after a long joining period for ASM

StageConditions for EntryAction

I

प्रवेश मानदंड के आधार पर स्टॉक्स की पहचान की जाएगीT+3 दिन से 100% मार्जिन लागू होंगा

II

जो स्टॉक्स लगातार 5 कारोबारी दिनों से एएसएम के पहले चरण में हैंस्टॉक का मूल्य बैंड यानि सर्किट ब्रेकर को अगले निचले स्तर से छोटा कर दिया जाए और T+3 दिन से 100% मार्जिन लागू रहेंगा

III

जो स्टॉक्स लगातार 5 कारोबारी दिनों से एएसएम के दूसरे चरण में हैंस्टॉक के मूल्य बैंड में अगले निचले स्तर तक कमी की जाएंगी और T+3 दिन से 100% मार्जिन लागू रहेंगा

IV

जो स्टॉक्स लगातार 5 कारोबारी दिनों से एएसएम के तीसरे चरण में हैंनिपटान सभी ग्राहकों के लिए 100% मार्जिन और 5% मूल्य बैंड के साथ सकल आधार पर होगा

एएसएम कंपनियों की सूची

अगर हम ASM कैटेगरी की बात करें तो इसमें दो शर्तो की एक सूची होती है, लॉन्ग टर्म ASM लिस्ट और शॉर्ट टर्म ASM लिस्ट, लॉन्ग टर्म लिस्ट में हाल लगभग 112 स्टॉक्स शामिल हैं और शॉर्ट टर्म लिस्ट में हाल लगभग 21 स्टॉक्स शामिल हैं, जो समय पर आधारित होते हैं स्टॉक एक्सचेंजों का अनुमान बदलता रहता है, आप हालिया एएसएम कंपनियों की सूची (ASM Companies List) यहां देख सकते हैं

Graded Surveillance Measure (श्रेणीबद्ध निगरानी उपाय)

सेबी और एक्सचेंजों ने पहले से लागू किए गए विभिन्न निगरानी उपायों के क्रम के अनुसार संयुक्त निगरानी बैठकों में इसके बारेंमे चर्चा और यह निर्णय लिया है कि उपरोक्त उपायों के साथ-साथ प्रतिभूतियों पर अतिरिक्त ग्रेडेड निगरानी उपाय (जीएसएम) को लागु किया जाए

इनकी कीमत वित्तीय स्वास्थ्य और आय जैसे बुनियादी सिद्धांतों के अनुरूप बिल्कुल नहीं की जाएँगी जैसे की; बुक वैल्यू, रियल एस्टेट, नेट – वर्थ, पी/ई रेश्यो मल्टीपल और मार्केट कैपिटलाइजेशन इत्यादि

ग्रेडेड निगरानी उपाय (जीएसएम) एक भारतीय स्टॉक एक्सचेंज नियामक संरचना है जिसे पूर्व निर्धारित मानकों के अनुसार सूचीबद्ध व्यवसायों के व्यापारिक संचालन की देखरेख और नियंत्रण के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उनके अनुपालन की डिग्री, बाजार पूंजीकरण, ट्रेडिंग वॉल्यूम और अन्य कारकों के आधार पर, सूचीबद्ध व्यवसायों को जीएसएम ढांचे के तहत कई श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

जीएसएम ढांचे को कई ग्रेडों या स्तरों में विभाजित किया गया है, जैसे जीएसएम ग्रेड 1, 2, 3, और 4, जहां ग्रेड 4 अनुरूपता की निम्नतम डिग्री को दर्शाता है और ग्रेड 1 सबसे बड़ी डिग्री को दर्शाता है।

उच्च-श्रेणी वाली कंपनियां अधिक कठोर निगरानी और नियामक जांच के अधीन हैं, जिसमें उच्च मार्जिन आवश्यकताएं, नियमित प्रकटीकरण, व्यापार सीमाएं या गंभीर स्थितियों में व्यापार निलंबन शामिल हो सकता है।

यह गारंटी देकर कि सूचीबद्ध व्यवसाय कानूनी आवश्यकताओं का पालन करते हैं और ईमानदारी से व्यवसाय करते हैं, ग्रेडेड निगरानी उपाय बाजार की अखंडता में सुधार, निवेशकों के हितों की रक्षा करना और एक न्यायपूर्ण और व्यवस्थित व्यापारिक समुदाय को बनाए रखना चाहता है।

यह ढांचा एक्सचेंजों और नियामकों को उन फर्मों की पहचान करने में सहायता करता है, जो गैर-अनुपालन, वित्तीय कठिनाइयों या अन्य कारणों से निवेशकों या बाजार के लिए अधिक जोखिम पेश कर सकते हैं और इन जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक नियामक कार्रवाई कर सकते हैं।

GSM केटेगरी में डाले जाने वाले शेयरों की पहचान की गई ऐसी प्रतिभूतियों (स्टॉक्स) की लिस्ट को समय – समय पर बाजार के सहभागियों को एक्सचेंज की ऑफिसियल वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं

इन उपायों का मुख्य उद्देश्य

  • निवेशकों को इन जैसे शेयरों में निवेश प्रति सचेत करना और यह सूचित करना है कि इन प्रतिभूतियों (स्टॉक्स) में लेनदेन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें
  • बाजार के प्रतिभागियों को इन प्रतिभूतियों (स्टॉक्स) में लेनदेन करते समय आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह देना हैं क्योंकि इन लिस्ट में ज्यादातर Penny Stocks यानि जिनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन बेहद कम हो उन्हें डाला जाता है

जीएसएम सूची के लिए पहचाने गए शेयरों में निवेश करने वाले सभी निवेशकों को अतिरिक्त सावधान और जागरूक रहना चाहिए क्योंकि सेबी और स्टॉक एक्सचेंज समय-समय पर कुछ मानदंडों के अधीन कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:

जीएसएम मानकों की सूची

  • प्रतिभूतियों को ट्रेड फॉर ट्रेड (T – Group) श्रेणी में यानि उन प्रतिभूतियों में Intraday Trading में प्रतिबन्ध हो और साथ ही पुरे दिन की केवल 5% की ही सर्किट ब्रेकर हो
  • निगरानी जमा के रूप में यानि मार्जिन 100% या उनसे भी अधिक की अतिरिक्त राशि को जमा करने की आवश्यकता पड़ेंगी, जिसे एक विस्तारित अवधि के लिए रखा जायेंगा
  • सप्ताह में केवल एक ही बार ट्रेडिंग करना यानि ट्रेडर्स को सप्ताह के केवल पहले सोमवार को ही व्यापार करने की अनुमति दी जाती है
  • शेयरों में कारोबार को उनके ऊपरी हिस्से की प्राइस पर फ्रीज कर देना

Stage wise Surveillance actions are listed below

StageSurveillance Actions

I

लागू मार्जिन दर 100% और मूल्य बैंड 5% या उससे कम जैसा लागू हो

II

5% या उससे कम के मूल्य बैंड के साथ व्यापार के लिए व्यापार और खरीदारों द्वारा जमा किए जाने वाले व्यापार मूल्य के 50% की Additional Surveillance Deposit (ASD) (यदि कोई स्टॉक इस केटेगरी में आता है तो उसमे अग्रिम Up to 100% मार्जिन यानि 150% मार्जिन जरुरी है)

III

व्यापार के लिए 5% या उससे कम के मूल्य बैंड के साथ व्यापार और सप्ताह में एक बार व्यापार की अनुमति (प्रत्येक सोमवार/सप्ताह का पहला व्यापारिक दिन) और ASD (व्यापार मूल्य का 100%) खरीदारों द्वारा जमा किया जाना है (यदि कोई स्टॉक इस केटेगरी में आता है तो उसमे भी अग्रिम Up to 100% मार्जिन यानि 200% मार्जिन जरुरी है)

IV

व्यापार के लिए 5% या उससे कम के मूल्य बैंड के साथ व्यापार और सप्ताह में एक बार व्यापार की अनुमति (प्रत्येक सोमवार/सप्ताह का पहला व्यापारिक दिन) और ASD (व्यापार मूल्य का 100%) बिना किसी ऊपर की गति के खरीदारों द्वारा जमा किया जाना चाहिए

जीएसएम श्रेणी में शेयरों के प्रवेश के क्या कारण हैं ?

  • सेबी और एक्सचेंजों के द्वारा साल में कुछ सुनिश्चित समय अवधियों में समीक्षा प्रक्रिया आयोजित करेंगे जिसमे GSM मेसे शेयरों को बाहर निकालने की विधि की जाएँगी    
  • यदि किसी कंपनी की पुरे मार्केट की कैपिटलाइजेशन केवल 25 करोड़ हो 
  • बेंचमार्क इंडेक्स (निफ्टी 500) के P/B (Price to Book) वैल्यूएशन का 2 गुना से ज्यादा स्क्रिप का P/B वैल्यूएशन हो

जीएसएम शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले मुद्दें

  • सेबी के परिपत्र सीआईआर/एमआरडी/डीपी/01/2012 और सीआईआर/एमआरडी/डीपी/02/2012 दिनांक 20 जनवरी 2012 के प्रावधान के अनुसार यदि किसी स्टॉक की जाँच अभी तक नहीं हुई है
  • कोई स्टॉक यदि पहले से ही डिलिस्ट हो
  • वह प्रतिभूतियां जिन पर पहले से ही डेरिवेटिव उत्पादन उपलब्ध हो
  • यदि कोई स्टॉक किसी सूचकांक (Sensex या Nifty) में शामिल हो
  • अगर कोई कंपनी पिछले 1 साल के दौरान IPO के जरिये सूचीबद्ध हो
  • यदि किसी कंपनी ने पिछले तिन सालो में प्रत्येक साल Dividend जारी किया हो
  • अगर किसी कंपनी का प्रमोटर इकाई ने पिछले 5 सालो में कोई शेयर नहीं बेचे है
  • यदि पिछले 1 साल के दौरान किसी संस्था को मर्जर या डीमर्जर किया गया हो
  • यदि मर्जर पहले की कंपनी जीएसएम केटेगरी में शामिल है तो परिणामी डीमर्जर की कंपनियां भी जीएसएम केटेगरी शामिल होंगी
  • अगर मर्जर पहले की कंपनी जीएसएम केटेगरी में शामिल नहीं है तो परिणामी डीमर्जर कंपनियां डीमर्जर के समय जीएसएम केटेगरी का हिस्सा नहीं रहेंगी बल्कि बाद के तिमाही समीक्षा के दौरान उन पर विचार किया जायेंगा

स्टॉक्स जीएसएम रेंज से कैसे बाहर निकलते हैं ?

  • सबसे पहले, बाजार में सभी निवेशकों के लिए एक विशेष सूचना कि जीएसएम श्रेणी को सेबी और एक्सचेंजों द्वारा समय-समय पर अपडेट किया जाएगा और यह अन्य सभी प्रचलित निगरानी उपायों के संयोजन में होगा
  • इनके लिए स्टॉक की समीक्षा तिमाही आधार पर की जाएगी
  • यदि कोई स्टॉक जीएसएम सूची में शामिल होने के मानदंडों को पूरा करता है, तो उस सुरक्षा को जीएसएम श्रेणी से बाहर कर दिया जाता है

जीएसएम कंपनियों की सूची

अगर हम जीएसएम श्रेणी की बात करें तो इसमें वर्तमान में लगभग 57 स्टॉक्स शामिल हैं, इस सूची को स्टॉक एक्सचेंज द्वारा समय-समय पर अपडेट भी किया जाता है, और आप यहां से जीएसएम कंपनियों की सूची (GSM Companies List) देख सकते हैं

ASM और GSM में क्या अंतर है?

हालाँकि स्टॉक एक्सचेंज सूचीबद्ध व्यवसायों के व्यापारिक संचालन की देखरेख और नियंत्रण के लिए एएसएम (अतिरिक्त निगरानी उपाय) और जीएसएम (ग्रेडेड निगरानी उपाय) नियामक ढांचे दोनों को नियोजित करते हैं, उनके लक्ष्य और जोर के क्षेत्र अलग-अलग हैं।

ASM और GSM के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:

निष्कर्ष

निष्कर्ष में, एएसएम (अतिरिक्त निगरानी उपाय) और जीएसएम (ग्रेडेड निगरानी उपाय) भारतीय शेयर बाजार की अखंडता और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ये उपाय निवेशकों की सुरक्षा, निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने और बाजार में हेरफेर के जोखिमों को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं

विशिष्ट शेयरों और बाजार सहभागियों पर सख्त नियम लागू करके, एएसएम और जीएसएम एक समान अवसर बनाने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद करते हैं हालांकि वे अस्थायी प्रतिबंध और बढ़ी हुई निगरानी लागू कर सकते हैं, उनका प्राथमिक उद्देश्य सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करना और बाजार के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखना है

जैसे-जैसे भारतीय शेयर बाजार लगातार विकसित हो रहा है, निवेशकों के लिए एएसएम और जीएसएम के बारे में सूचित रहना और व्यापारिक गतिविधियों पर उनके प्रभाव को समझना आवश्यक है ऐसा करने से, निवेशक अधिक जागरूकता के साथ बाजार में कदम रख सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं

लेख से संबंधित प्रश्नों के उत्तर

अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) और श्रेणीबद्ध निगरानी उपाय (जीएसएम) का क्या मतलब होता है?

स्टॉक एक्सचेंज सूचीबद्ध व्यवसायों की व्यापारिक गतिविधि की देखरेख और विनियमन के लिए अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) और ग्रेडेड निगरानी उपाय (जीएसएम) नामक नियामक उपकरणों का उपयोग करते हैं। इन कदमों का उद्देश्य व्यवस्थित व्यापार की गारंटी देना, निवेशकों के हितों की रक्षा करना और बाजार की अखंडता में सुधार करना है।

ASM केटेगरी लिस्ट

ASM Category List की बात करें तो इसमें हमें अहम दो शर्तों की सूची Long Term ASM List और Short Term ASM List को समजना अनिवार्य हो जाता हैं
Long Term की लिस्ट में तकरीबन 112 कंपनीयों के स्टॉक्स शामिल है
Short Term की लिस्ट में तकरीबन 21 कंपनीयों के स्टॉक्स मोजूद है
यह दोनों सूचीयाँ समय के अनुमान स्टॉक एक्सचेंज बदलती रहती हैं, यदि आप यह जानना चाहतें है की मोजुदा समय में एएसएम केटेगरी में कोन – कोन से स्टॉक्स शामिल है तो इस लिंक को जरुर Visit करें ASM Companies List को यहाँ से देख सकते है

GSM केटेगरी लिस्ट

GAM Category List की बात करें तो इसमें हाल तकरीबन 57 कंपनीयों के स्टॉक्स शामिल है
यह सूचि को भी स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा समय – समय पर अपडेट किया जाता है यदि आप यह जानना चाहतें है की मोजुदा समय में जीएसएम केटेगरी में कोन – कोन से स्टॉक्स शामिल है तो इस लिंक को जरुर Visit करें GSM Companies List को यहाँ से देख सकते है

ASM और GSM का उपयोग किस लिए किया जाता है?

सूचीबद्ध फर्मों की व्यापारिक प्रथाओं और वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों का पता लगाना और उनका समाधान करना एएसएम और जीएसएम का मुख्य लक्ष्य है। स्टॉक एक्सचेंज कुछ शेयरों को अधिक नियामक जांच और पर्यवेक्षण के तहत रखकर अंदरूनी व्यापार, मूल्य हेरफेर और अन्य बाजार दुरुपयोग के खतरों को कम कर सकते हैं।

ASM और GSM के लिए स्टॉक किस प्रकार चुने जाते हैं?

स्टॉक एक्सचेंज पूर्व निर्धारित मानदंड प्रदान करते हैं जिसके आधार पर स्टॉक को एएसएम और जीएसएम के लिए चुना जाता है। ट्रेडिंग वॉल्यूम, मूल्य अस्थिरता, कॉर्पोरेट प्रशासन संबंधी चिंताएं, वित्तीय प्रदर्शन, नियामक अनुपालन और अन्य प्रासंगिक संकेतक उन चर के कुछ उदाहरण हैं जिन्हें इन मानदंडों में शामिल किया जा सकता है। जो स्टॉक असामान्य ट्रेडिंग पैटर्न दिखाते हैं या विशिष्ट मानदंडों को पार करते हैं, वे एएसएम या जीएसएम के अधीन हो सकते हैं।

ASM या GSM के अंतर्गत व्यवसायों को क्या परिणामों का सामना करना पड़ता है?

जो कंपनियां एएसएम या जीएसएम के अधीन हैं, वे स्टॉक एक्सचेंजों और नियामक निकायों की आगे की जांच के दायरे में आ सकती हैं। उन्हें कुछ नियामक आदेशों का पालन करना होगा, अधिक गहन वित्तीय खुलासे प्रस्तुत करने होंगे और अतिरिक्त रिपोर्टिंग दायित्वों को पूरा करना होगा। बाज़ार की अखंडता को बनाए रखने के लिए, ये व्यवसाय दंड या व्यापारिक प्रतिबंधों के अधीन भी हो सकते हैं।

निवेशकों पर ASM और GSM का क्या प्रभाव पड़ता है?

व्यापार की गतिशीलता और प्रभावित इक्विटी के लिए बाजार की धारणा पर उनके प्रभाव के माध्यम से, एएसएम और जीएसएम निवेशकों पर प्रभाव डाल सकते हैं। बढ़ी हुई नियामक जांच के कारण, निवेशक एएसएम या जीएसएम के तहत कंपनियों को अधिक जोखिम के रूप में देख सकते हैं। इस धारणा का ट्रेडिंग वॉल्यूम और स्टॉक की कीमतों पर असर पड़ सकता है। निवेशकों को उन उद्यमों के बारे में अपडेट रहना चाहिए जो एएसएम या जीएसएम श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं और उनकी पसंद के निवेश पर संभावित प्रभावों के बारे में सोचना चाहिए।

क्या जीएसएम और एएसएम उपाय हमेशा के लिए चलते हैं?

आमतौर पर स्टॉपगैप उपायों के रूप में लगाए गए, एएसएम और जीएसएम को सूचीबद्ध व्यवसायों की स्थितियों में विकास के जवाब में बदला या समाप्त किया जा सकता है। एएसएम या जीएसएम द्वारा कवर किए गए व्यवसाय निगरानी उपायों से बचने और अपने वित्तीय प्रदर्शन, कॉर्पोरेट प्रशासन मानकों और अनुपालन को बढ़ाकर नियामक निकायों का पक्ष जीतने में सक्षम हो सकते हैं।

निवेशक जीएसएम और एएसएम पर कैसे अपडेट रह सकते हैं?

स्टॉक एक्सचेंजों और नियामक निकायों के बयानों और अपडेट को नियमित रूप से देखकर, निवेशक एएसएम और जीएसएम के बारे में अपडेट रह सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंज अक्सर लागू प्रतिबंधों के लिए प्रासंगिक जानकारी और औचित्य के साथ एएसएम या जीएसएम के अधीन व्यवसायों की सूची प्रदान करते हैं। कुछ इक्विटी पर एएसएम और जीएसएम के परिणामों की जानकारी हासिल करने के लिए, निवेशक बाजार विशेषज्ञों और वित्तीय सलाहकारों से भी परामर्श कर सकते हैं।

यदि व्यवसायों को एएसएम या जीएसएम के रूप में वर्गीकृत किया गया है तो उन्हें कैसे आगे बढ़ना चाहिए?

एएसएम या जीएसएम द्वारा कवर किए गए व्यवसायों को निगरानी उपायों के मूल कारणों को हल करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। इसमें विनियामक अनुपालन के साथ समस्याओं को ठीक करना, वित्तीय पारदर्शिता को मजबूत करना, कॉर्पोरेट प्रशासन प्रक्रियाओं को मजबूत करना और हितधारकों और निवेशकों के साथ सफलतापूर्वक बातचीत करना शामिल हो सकता है। स्टॉक एक्सचेंजों और नियामक निकायों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने से व्यवसायों को एएसएम और जीएसएम से संबंधित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों के प्रबंधन में सहायता मिल सकती है।

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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