Sensex Meaning In Hindi

Sensex Meaning In Hindi

sensex meaning in hindi

सेंसेक्स को BSE (Bombay Stock Exchange) के साथ जोड़ा जाता हैं, आज हम इसे पूर्ण विस्तार से समझने वाले हैं की यह क्या है, स्टॉक मार्केट में इसका क्या महत्व है, इनमे कौन – कौन सी कंपनीयों के स्टॉक को शामिल किया गया था और हालमे कितने स्टॉक्स शामिल हैं और साथ ही इसके अबतक के पॉइंट्स को भी देखेंगे तो चलिए शुरू करते हैं (sensex meaning in hindi)

Sensex क्या हैं :- 

हेल्लो दोस्तों शेयर बाजार न केवल एक इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म है बल्कि यह पुरे देश के अर्थव्यवस्था का एक प्रतिबिम्ब है जो हमारे देश के विकास स्तर को प्रदर्शित करता हैं जिसमे में भी न केवल कंपनीयों के स्टॉक की मूवमेंट मायने रखती है बल्कि उन कारोबारी उतार – चढ़ाव को किसी विशिष्ट समूह के एक भाग में शामिल होने की विधि को इंडेक्स कहा जाता है जिसमे सर्वप्रथम नाम BSE के Sensex का ही आता हैं जोकि हमारें देश के स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स हैं तो चलिए इस आर्टिकल (sensex meaning in hindi) के माध्यम से इनके हर एक मुद्दों को बारी बारी से डिटेल्स के साथ समझते हैं

Sensex की सामान्य बातें

सेंसेक्स स्टॉक मार्केट में एक मुख्य इंडेक्स के तौरपर BSE के साथ जुड़ा हुआ हैं जिसे S&P BSE सेंसेक्स के नाम से भी संदर्भित किया जाता है साथ ही इसकी रचना स्टॉक मार्केट के कुल सेक्टरों के प्रमुख 13 सेक्टरों में शामिल अनुरूप मार्केट वैल्यूएशन वाली कुल 30 कंपनीयों के स्टॉक को सेंसेक्स में शामिल होने का मौका मिलता हैं

Sensex शब्द का प्रयोग दीपक मोहोनी के द्वारा किया गया था जिन्होंने सेंसेक्स को संवेदी सूचकांक की उपाधि दी इसका मतलब Sensitive और Index इन दो शब्दों से होता हैं इसका यह मतलब है की यह सूचकांक संवेदनशीलता का उदाहरण माना जाता हैं

सबसे पहले हम बिएसई सेंसेक्स के बारेंमे महत्व पूर्ण बाते जान लेते है जैसे की; Sensex की शुरुआत मुंबई, महाराष्ट्र में 1 जनवरी, 1986 में हुई थी जबकि इसकी स्थापना 2 जनवरी 1986 में तबकी काफी सक्रिय 30 शेयरों के साथ हुई थी आज सेंसेक्स न केवल भारत में बल्कि आज दुनिया के श्रेष्ठ (प्रमुख) इंडेक्स में उसकी गिनती होती है

सेंसेक्स कैसे प्रस्तुत किया जाता है ?

तो जैसा की हम सभी यह जानते है की सेंसेक्स को बिएसई में शामिल तकरीबन 5000 कंपनीयों मेसे केवल प्रमुख 30 कंपनीयों को ही शामिल किया गया है अब यही से शुरू होती है सेंसेक्स के स्टॉक मार्केट में पेश होने की प्रक्रिया जिसको हमने कुछ चरणों में वितरित किया है

  1. पहले तो इनमे शामिल 30 कंपनीयों का मार्केट कैपिटलाइजेशन बिएसई में शामिल दुसरे शेयरों के मुकाबले तकरीबन 50% की तुलना में होता हैं
  2. दुसरे पॉइंट को देखे तो पहले पॉइंट के अनुसार इन 30 कंपनीयों के शेयरों में खरीद – बिक्री का वॉल्यूम दुसरो के मुकाबले ज्यादा देखने को मिलता हैं
  3. तीसरा यह की इनमे शामिल 30 कंपनीयों को अलग – अलग कुल 13 सेक्टरों से लिया जाता है जोकि अपने क्षेत्रों की अहम माने जाने वाली कंपनीयां होती हैं

सेंसेक्स को पेश करने की विधि में शामिल 30 कंपनीयों का चुनाव Stock Exchange की इंडेक्स समिति के द्वारा किया जाता है इस समिति का निर्माण कई बड़े – बड़े वर्गों एवंम विभागों में शामिल बड़ी हस्तियों को मिला कर किया जाता हैं जिसमे प्रमुख स्वरूप में SEBI के द्वारा नियुक्त व्यक्तियों, सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्तियों जेसे आदि व्यक्तियों को शामिल करके इस समिति की रचना की जाती हैं

Sensex का कैलकुलेशन कैसे होता हैं ?

सेंसेक्स की गणना उनमे शामिल 30 कंपनीयों के मार्केट वैल्यूएशन – ‘फ्री फ्लोट मेथडोलॉजी’ के आधार पर की जाती है यानि इसकी गणना मुक्त प्रवाह पूंजीकरण की प्रक्रिया के अनुरूप की जाती है

सेंसेक्स का मुख्य आधार वर्ष 1978 – 1979 को माना जाता है और सेंसेक्स का आधार मूल्य 1 अप्रैल 1979 में 100 रुपे था, ‘बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ को पहली बार वर्ष 1986 में Calculate किया गया था तब इसे केवल मार्केट कैपिटलाइजेशन के बेस पर ही कैलकुलेट किया जाता था तो सबसे पहले हमें इसी विधि को समझना पड़ेंगा क्योंकि इसीके आधार पर ही आगे ‘फ्री फ्लोट मेथडोलॉजी’ को कैलकुलेट किया जायेंगा तो चलिए देखते हैं

इस पद्धति का उपयोग बेहद ही आसन है किसी भी कंपनी के बाजार पूंजीकरण की गणना करने के लिए कंपनी के द्वारा जारी किये गए शेयरों की सख्या को उस शेयर की इक्विटी की कीमत यानि CMP का गुणा करते है इनसे जो कीमत निकल के आएँगी उस राशी को उस कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन कही जाएँगी

उसके बाद 1 सितंबर 2003 से Free Float Methodology के जरिये सेंसेक्स के इंडेक्स को Calculate किया जाने लगा और यह एक शेयर बाजार सूचकांक की अंतर्निहित कंपनियों के बाजार पूंजीकरण की गणना करने की एक विधि है

अब ‘फ्री फ्लोट मेथडोलॉजी’ का कैलकुलेशन किस प्रकार किया जाता है वह समझते है तो इस पद्धति की गणना भी बिलकुल आसान है अब जबकि हम इस गणना को सेंसेक्स आधारित समझ रहे है तो इस गणना में उन 30 कंपनीयों के केवल उन्ही शेयर होल्डिंग की गणना की जाएँगी जो मार्केट में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हों यानि उनके कुल शेयर होल्डिंग मेसे उनके प्रोमोटर हिस्से को, गवर्नमेंट शेयर होल्डिंग को और किसी छोटे या बड़े संस्थाकीय निवेशकों के हिस्से को इस कैलकुलेशन में शामिल बिलकुल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसका इस्तेमाल मार्केट के सही रुख को पहचानने में मदद मिलती हैं इस गणना को एक उदाहारण से समझते हैं

मानलीजिये की किसी कंपनी का कुल शेयर होल्डिंग 1000 शेयर्स है उनमेसे प्रमोटर और बाकि संस्थाओ का हिस्सा 60% यानि 600 शेयर्स है इसका मतलब बाकीके बचे 400 शेयर्स बाजार कारोबार के तौरपर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध है

भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स का महत्व

भारतीय शेयर बाजार एक बहोत ही विश्तृत और भोगोलिक मार्केट है जिसमे BSE Sensex का अहम महत्व माना जाता हैं, शुरुआती समय और हालके समय में भी यह काफी प्रचलित माने जाने वाली 30 कंपनीयों को इसमें शामिल किया गया था इसमें शामिल कंपनीयो के अलग – अलग सेक्टर होने के कारण इसमें समय बदलते सुधारणा भी किये गए थे

आज स्टॉक मार्केट के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लगभग 5000 कंपनीया लिस्टेड है जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार बनाती हैं क्या आप जानते है की इंडेक्स की जरुरत कैसे उपस्थित होती है ?

अब सवाल यह उपस्थित होता है की आखिरकार सेंसेक्स की जरूरत क्यों?, तो इसे हम इस प्रकार समझ सकते है की BSE में तकरीबन 5000 से भी अधिक शेयरों का समावेश होता है अब ऐसे में किसी ट्रेडर को उन सभी कंपनीयों के स्टॉक्स की CMP को वन बाय वन देखना थोडा कठिन है जिसके लिए भी सेंसेक्स और इन जैसे बाकि इंडेक्सों का निर्माण किया गया हैं

पहले तो हमें यह समझना हैं की यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि Sensex यदि ऊपर है तो हमारा Portfolio भी Up पोजीशन में ही होंगा, अब स्टॉक मार्केट में तो बहोत सारे सेक्टर्स (क्षेत्रों) का समूह मोजूद है उसमे भी बहोत सारी कंपनीयां है अब हमे कलके मुकाबले आज शेयर बाजार की क्या पोजीशन (स्थिति) रही हैं यह समझने के लिए हमे सभी कंपनीयो के शेयरों के भावको देखने की आवश्यकता नहीं है

हमे सिर्फ Sensex को देख लेने से ये पता चल जाता है की बीते दिनों के मुकाबले आज का मार्केट कैसा है और सभी कंपनी क्या प्रदर्शन कर रही है उनके भाव Up है या Down है यह केवल इस इंडेक्स को देख लेने से पता चल जाता है क्युकी इसमें सभी सेक्टर्स जैसे की; इन्फ्रास्ट्रक्चर, पॉवर, ऑइल एंड गैस और बैंकिंग आदि सभी सेक्टर्स का समावेश हो जाता है इन सभी के चलते इनका महत्व स्टॉक मार्केट में कंपनीयों के स्टॉक के समान माना जाता हैं

तो अब बात करते है की 1986 में सेंसेक्स में कौन – कौन सी कंपनीया थी और अब कौन – कौन सी कंपनीया शामिल है तो चलिये इसे समझते हैं

सेंसेक्स में शामिल होने के क्या तरीके हैं ?

तो चलिए अब समझते है की आखिरकार स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनीयों के स्टॉक को सेंसेक्स में शामिल करनेके लिए किन -किन मानदंड को पूर्ण करना पड़ता हैं तो सबसे पहले यह समझ लीजिए की किसी भी कंपनी को ‘फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन’ की गणना के आधार पर इनमे शामिल किया जाता हैं तो चलिए इन शर्तों को वन बाय वन पॉइंट्स के आधार पर समझते हैं

  • Listing – सबसे पहले तो सेंसेक्स में शामिल होने के लिए उस कंपनी का स्टॉक BSE में सूचीबद्ध होना चाहिए और साथ ही उस स्टॉक को लिस्टेड हुए कम से कम 1 साल तो जरुर होना चाहिए
  • Market Cap – सेंसेक्स में शामिल होनेसे पहले कंपनी को बाजार पूंजीकरण के मुताबिक अहम 100 कंपनीयों में शामिल होना पड़ता है जिसके बाद से तकरीबन 6 महीनों की एवरेज फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुरूप होनी चाहिये
  • Trading Frequency – कंपनी के स्टॉक को पिछले 1 साल के दौरान उनमे रोजाना ट्रेडिंग होना अनिवार्य है
  • Profitability – इसका अर्थात् कंपनी विभिन्न क्षेत्रों से लाभ कमाती हों यानि कंपनी का कारोबार प्रॉफिट में हो न की लोस में चल रहा हों
  • Liquidity – कंपनी की तरलता सामान्य होनी चाहिए यानि कंपनी के पास न तो ज्यादा नकदी होनी चाहिए न ही कम नकदी होनी चाहिए

1986 के समय सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियां

Sensex के शुरुआती समय में यानि 1986 के समय में सेंसेक्स में 30 कंपनीयो को समाविस्त किया गया था जिनमे से शुरुआती 30 कंपनीयों मेसे केवल 11 कंपनीयां ही अभी भी इसका हिस्सा बनी हुई है तो चलिये उसके नामो की यादी देखते है

1. बल्लारपुर इंडस्ट्रीज, 2. एसीसी, 3. बोम्बे डाइंग, 4. सिएट टायर्स, 5. सेंचुरी स्पिनिंग, 6. फ़ूड स्पेशलिटीज (अब नेस्ले), 7. ग्रेट इस्टर्न शिपिंग, 8. जीएसएफसी, 9. ग्लेक्सो, 10. ग्वालियर रेयोर्न (अब ग्रासिम)

11. हिंदुस्तान एल्यूमिनियम (अब हिंडाल्को), 12. हिंदुस्तान लीवर (अब हिंदुस्तान यूनीलीवर), 13. हिंदुस्तान मोटर्स, 14. इंडियन होटल्स, 15. इंडियन रेयोर्न, 16. आईटीसी, 17. किर्लोस्कर कुम्मिन्स, 18. लार्सन एंड टूब्रो, 19. महिंद्रा एंड महिंद्रा, 20. मुकंद

21. पिस इलेक्ट्रॉनिक्स (अब फिलिप्स), 22. प्रिमियर ऑटोमोबाइल, 23. रिलायंस इंडस्ट्रीज, 24. सीमेंस, 25. टेल्को (अब टाटा मोटर्स), 26. टाटा पॉवर, 27. टाटा स्टील, 28. वोल्टाज 29. जेनिथ और 30. जेपी एशोसिएट्स जैसी कंपनियां शामिल थीं

List of 30 Sensex Companies

हमने जाना की कौन – कौन सी कंपनीया उस समय थी और काफी कंपनीयो के तो नाम भी बदल चुके थे तब से लेकर आज तक की जो कंपनीया है

उसमे ज्यादातर कंपनी के नाम बदल गए है और सेंसेक्स में भी तब से लेकर आज तक काफी सारे बदलाव आये, उपरोक्त की जो हमारी 1986 की जो कंपनी की लिस्ट है

उसमे आपने जरुर नोटीस किया होंगा की उसमे बैंकिग क्षेत्र के एक भी कंपनी नहीं है ऐसे काफी सेक्टर्स होंगे जो इसमें शामिल नही होंगे ये तो हुई पुरानी बाते

तो चलिए अब देखते है की हालमे सेंसेक्स में कितनी कंपनीयां शामिल है जिसको हम एक Table of Content की मदद से समझते हैं, इसमें कंपनी का नाम, सेक्टर और भाव – 19 ओक्टोबर 2021 इसमें मेने ये डेट क्यों डाली है ये आपको आगे पता चलजायेंगा तो चलिये देखते है

30 सेंसेक्स कंपनियों की सूची

Stocks No.Sensex StocksSectors19 Oct 2021 Price
1.Asian PaintsPaints & Varnishes3,260
2.Axis BankPrivate Bank820
3.Bajaj FinanceFinance7,890
4.Bajaj FinservFinance – Investments19,000
5.Bharti AirtelTelecommunications699
6.Dr. Reddys LabsPharmaceuticals4,905
7.HCL TechComputers – Software1,230
8.HDFCFinance – Housing2,825
9.HDFC BankPrivate Bank1,675
10.Hindustan Unilever Lts (HUL)Personal Care2,670
11.ICICI BankPrivate Bank755
12.Indusind BankPrivate Bank1,222
13.InfosysComputers – Software1,814
14.ITCCigarettes261
15.Kotak Mahindra BankPrivate Bank2,012
16.Larsen Toubro Ltd (LT)Infrastructure – General1,809
17.Mahindra & Mahindra Ltd (M&M)Auto – Cars & Jeeps911
18.Maruti SuzukiAuto – Cars & Jeeps7,670
19.Nestle India LtdFood Processing19,475
20.NTPCPower – Generation & Distribution150
21.Power Grid CorporationPower – Generation & Distribution204
22.RelianceRefineries2,723
23.State Bank of India (SBI)Public Bank500
24.Sun Pharmaceutical Ind.Pharmaceuticals837
25.Tata Steel LtdSteel and Iron1,421
26.Tata Consultancy Services (TCS)Computers – Software3,669
27.Tech MahindraComputers – Software1,498
28.Titan Company LtdMiscellaneous2,638
29.Ultratech Cement LtdCement – Major7,489
30.Wipro LtdComputers – Software717

स्टॉक मार्केट में सेंसेक्स की अहम भूमिका :-

भारतीय शेयर बाजार में अहम भूमिका निभाने में Sensex का बहोत बड़ा योगदान है सेंसेक्स का भाव निफ्टी के भावसे तिन गुना ज्यादा होता है जैसे 3 : 1 के रेसियोसे देखा जाता हैं

हम ये तो जान गये की शेयर बाजार में सेंसेक्स की मुख्य 30 कंपनीयो के उतार चढ़ाव से सेंसेक्स की गतिविधियों का पता चलता है मगर क्या आप ये जानते है की सेंसेक्स भी एक सामान्य शेयर की तरह मूवमेंट करता है

उसमे भी शेयर की तरह सर्किट की सीमाये SEBI के द्वारा नक्की की गयी होंती है ये सर्किते सेंसेक्स के मूल्य भाव पर नक्की होती है

पेहले जब सेंसेक्स छोटा था तब 1000 या 2000 पॉइंट्स के Up या Down पोसीशन पर लग जाती थी मगर आब भारत का सेंसेक्स पूरी दुनियामे सबसे बड़ा माना जाता है

इसी कारण हालमे अगर किसी तरफ सर्किट लगे तो वो 5000 पॉइंट के आसपास की होंगी वैसे तो शेयर बाजार के इतिहास में सेंसेक्स ने काफी Uper and Down सर्किते मारी है

मगर हालमे आने वाले Corona के कारण भारतीय शेयर मार्केट ही नहीं दुकिया में बहोत सारे देश की इकोनोमि को हीलाकर रख दिया है

Covid – 19 हालमे आने वाली बड़ी वैश्विक मंडी मानी जाती है जिसने काफी देशों के शेयर मार्केट में नोंधपात्र गिरावट देखनेको मिली है, चलिए अब सेंसेक्स और निफ्टी के बिच रहे सामान्य अंतर को समझते हैं

Sensex और Nifty में क्या अंतर है? :-

वैसे तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडियन स्टॉक मार्केट के अहम इंडेक्सों में है जिनमे दोनों ही में भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड सर्वश्रेष्ठ कंपनीयों के स्टॉक को अपने अंदर शामिल किया हुआ हैं तो चलिए इन दोनों अहम इंडेक्स के बिच रहे सामान्य अंतर को एक Table of Content की मदद से तुलनात्मक रचना को समझते हैं

SensexNifty
सेंसेक्स BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) का इंडेक्स हैंनिफ्टी NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) का इंडेक्स हैं
इसमें ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ में लिस्टेड 30 कंपनीयों के स्टॉक को शामिल किया जाता हैं इसमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ में लिस्टेड 50 कंपनीयों के स्टॉक को शामिल किया जाता हैं
सेंसेक्स को वर्ष 1979 के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है निफ्टी को वर्ष 1995 के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है
सेंसेक्स का आधार मूल्य Rs.100 है निफ्टी का आधार मूल्य Rs.1000 है
सेंसेक्स Sensitive और Index इन दो शब्दों से बना हैंनिफ्टी National और Fifty इन दो शब्दों से बनी हैं
इसको कुल 13 अलग – अलग प्रकार के सेक्टरो को मिला कर बनाया जाता है इसको कुल 12 अलग – अलग प्रकार के सेक्टरो को मिला कर बनाया जाता है

All-Time Points Of Sensex :-

शेयर बाजार के इतिहास में हालही में आने वाली ग्लोबल माने जानी वाली मंडी Covid – 19 को मात देकर सिर्फ 1 साल के कम समयमे सेंसेक्स ने 50,000 के अंक को पार कर लिया हैं

यह भारतीय शेयर बाजार का सुनहरा दिन था इस अंक को सेंसेक्स ने छुआ वो दिन था 21 जनवरी 2021 इस दिन में खुलते बाजार में ही इस अंक को देखने की ख़ुशी मिलि थि आप में से किस – किस ने ये अंक को पहली बार देखा था मुझे कमेंट सेक्शन में अपने विचार जरुर शेर करे 

भारतीय शेयर मार्केट ने कम समय में सेंसेक्स को All Time High पर पहोंचादिया है हालही में सेंसेक्स ने All Time High बनाया हैं जो 62,245 का है जिसे 19 Oct 2021 को बनाया था

तो चलिये अब हम बात करते है सेंसेक्स के 1,000 से 60,000 तक के पुरे सफ़र को उनके दिनांक के साथ यानि All – Time Points Of Sensex को एक Image के माध्यम से हालहीमे होने वाले ऐतिहासिक मूवमेंट के सफ़र को उसकी तिथियों के साथ दिखाई गई है तो चलिये देखते है

sensex meaning in hindi

Sensex के लाभ :-

शेयर मार्केट में Sensex के काफी फायदे है जब कंपनीयां सेंसेक्स को इतनी हाई पोसीशन पर देखती है तब निवेशक भी ऐसी कंपनी में निवेश करेंगा उनसे कंपनी के पास फंड की कोय कमी नहीं रहेंगी

उनसे कंपनी तेजीसे Grow करेंगी और उनसे कंपनी Expand होने लगेंगी इसके कारण स्वरूप कंपनी में नये रोजगार के द्वार खुलेंगे इसका सीधा असर देश के विकास में पड़ेंगी

इसके अलावा जब सेंसेक्स का स्तर बढ़ता है तब नेशनल कंपनी में इंटरनेशनल कंपनीयां निवेश करेंगी उनसे हमारे रुपया ज्यादा मजबूत बनाता हैं

जिनसे चिजोके दाम कम होने लगते हैं जिनसे आयत कम और निकास ज्यादा होंगी जिनसे महगाई को काबू किया जा सकता है

ऐसे ही शेयर बाजार के आर्टिकल के लिये हमारी वेबसाइट sharemarketwale.com को अपने दोस्तों और शेयर मार्केट के चाहको को जरुर शेर करे धन्यवाद

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमनें इस आर्टिकल (sensex meaning in hindi) के माध्यम से क्या – क्या सिखा, पहले तो सेंसेक्स क्या होता हैं उसको हमने विस्तार से समझा जिसमें इसकी सामान्य बातोँ का जिक्र किया, इंडियन स्टॉक मार्केट में इसका क्या महत्व है यह समझा साथ ही वर्ष 1986 में इसमें कौन – कौन सी कंपनीयां शामिल थी जिसके नाम की लिस्ट हमने एक Table of Content के माध्यम से देखी और Images की मदद से हमने इसमें शामिल हालकी 30 कंपनीयां और उसके सेक्टरों को देखा साथ ही इसके अबतक के पॉइंट्स को भी देखा और आखिर में इनके कुछ फायदों के बारेंमे भी जाना इसी के साथ हमारा यह टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

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