Penny Stocks Meaning In Hindi
‘Penny Stock’ आपने अक्सर स्टॉक मार्केट में इस शब्द का प्रयोग होता सुना होंगा, वैसे Penny का मतलब ‘पैसे’ और Penny Stocks का मतलब ‘गुल्लक’ होता हैं, आज हम इसके बारेंमे विस्तार से समजेंगे की यह क्या हैं, इसमें ट्रेडिंग करनी चाहियें या नहीं, इन जैसे सभी सवालों के जवाब आपको इस टोपिक (penny stocks meaning in hindi) पर मिलेंगे तो चलिए शुरू करते हैं
Penny Stock क्या होता हैं :-
‘पैनी स्टॉक’ की व्याख्या समजे तो यह वैसे स्टॉक्स होते है जिनकी मार्केट कीमत (प्राइस) $1 यानि Rs.70 या Rs.75 के अंडर होती है और अमेरिका में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने $5 से कम के Current Market Price वाले सभी स्टॉक्स को ‘पैनी स्टॉक’ की श्रेणी में शामिल किया हैं
‘पैनी स्टॉक्स’ को कई प्रकारों से संदर्भित किया जा सकता हैं, इस प्रकार के स्टॉक्स के कंपनी की यातो कैपिटलाइजेशन बेहद कम है या वह कंपनी घाटे (लोस) में कारोबार कर रही हैं यानि शोर्ट में उसकी मार्केट कैप Small Market Cap की श्रेणी में आती है जिनके कारन उनके स्टॉक की मार्केट प्राइस $1 से कम यानि कुछ रुपियों या पैसो में कारोबार कर रहा हैं
पैनी स्टॉक्स का सामान्य अर्थ और पहचान
ऐसे स्टॉक्स को जानने और पहचानने का कोई विशेष तरीका नहीं है जिनसे यह पक्का हो सके की यह कंपनी का स्टॉक ‘पैनी स्टॉक्स’ कहलाता हैं मगर उनको पहचानने की कुछ ट्रिक्स है जिनसे यह तो पता चल सकता है की यह स्टॉक ‘पैनी स्टॉक्स’ की श्रेणी में शामिल है या नहीं तो चलिए इसको समजते हैं
पहले तो मेरे पर्सनल अवधारणा के मुताबिक ‘पैनी स्टॉक्स’ दो प्रकार के होते है एक तो Organically तरीके से किसी कंपनी के स्टॉक में Volume यानि कारोबार होता हैं और दूसरा खुद कंपनी के ऑपरेटरों के द्वारा कियें जाने वाले ट्रेडिंग से होने वाले Volume से हैं
‘पैनी स्टॉक्स’ आमतौर पर छोटी – छोटी कंपनीयों के शेयरों से जुड़े हुए होते हैं जिनमे यातो कभीकभार सौदे होते है या Upper-Lower Circuit हमेसा लगी हुए होती हैं
इन सभी कारणों का यह अर्थ होता है की यातो उनके पास बाजार में तरलता या तैयार खरीदारों की कमी है जिनके स्वरूप जिन निवेशकों के पास वह शेयर्स हैं उनको वह स्टॉक बेचना मुश्किल हो जाता है क्योंकि उस समय उस स्टॉक पर कोई भी खरीदार मोजूद नहीं होता हैं
कम तरलता के कारण, निवेशकों को ऐसी कीमतों को खोजने में बेहद कठिनाई हो सकती है जो बाजार को सटीक रूप से दर्शाती हो, उनकी तरलता की कमी के कारण, विस्तृत बोली-पूछने वाले स्प्रेड या मूल्य उद्धरण और छोटी कंपनीयों के आकार यानि जिनकी कीमत कुछ रुपियों या पैसो में हो वैसे स्टॉक्स को आमतौर पर अत्यधिक सट्टा माना जाता है
जिसे दूसरे शब्दों में कहे तो निवेशक अपनी एक बड़ी राशि या अपने सभी निवेशों को खो भी सकता हैं यानि पैनी स्टॉक के ट्रेडिंग में बड़े पैमाने पर लाभ हो सकता है या एक छोटी अवधि में निवेश की एक महत्वपूर्ण राशि को खोने के समान जोखिम भी हो सकता हैं
स्टॉक मार्केट में पैनी स्टॉक्स का बढ़ता चलन
आजकल इन ‘पैनी स्टॉक्स’ में ट्रेडिंग का चलन बेहद बढ़ गया है इनके भी कुछ कारन है जैसे की; भारतीय शेयर बाजार आये दिन नए – नए हाई रेकॉर्ड्स बनातें जा रही है
जिनके स्वरूप सभी अच्छी कंपनीयों के शेयरों के भाव High पर कारोबार कर रहे हैं जिन्हेँ इस CMP पर खरीदना छोटे निवेशकों के लिए मुश्किल है
जिनके कारन स्टॉक मार्केट के छोटे और नये निवेशकों को उन शेयरों की तलाश रहती है जो प्राइस में कम हो, उन स्टॉक्स में मूवमेंट यानि उतार – चढ़ाव ज्यादा हो और शेयरों की Quantity (मात्रा) ज्यादा दिखे, इन सभी कारणों से छोटे और नये निवेशकों को ‘पैनी स्टॉक्स’ में ट्रेडिंग करना पसंद हैं यदि आपको ‘पैनी स्टॉक्स’ की लिस्ट चाहिए तो Penny Stocks List पर उपलब्ध हैं
पैनी स्टॉक्स के कीमतों की मूवमेंट
स्टॉक मार्केट में आजकल जो यह छोटी कीमतों वाले शेयर्स बढ़ने लगे है जिसमे नकदी की कमी और उनकी मांग में बढ़ोतरी की वजह से उनमे ज्यादा खरीदार मोजूद रहते है मगर उनके बिकवाल की सख्या तभी ज्यादा होती है जब उनमे Lower Circuite लगी हो उनके अलावा तो उनमे खरीदार ज्यादा होने के कारन उनकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं
पैनी स्टॉक्स उन निवेशकों (Traders) के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं जो निवेशक ज्यादा जोखिम लेने के लिए उच्च सहनशीलता रखते हैं आमतौर पर पैनी स्टॉक्स में उच्च स्तर की अस्थिरता देखने को भी मिलती है जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों को ज्यादा प्रॉफिट बनाने की उच्च संभावना प्राप्त होती है और इसी प्रकार ही उच्च स्तर का अंतर्निहित जोखिम भी उपस्थित होता है
पैनी स्टॉक्स में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिम को समज कर उनके स्तरों को किसी कीमत पर स्थापित करना चाहिए यानि इस प्रकार के कारोबार में निवेशकों को विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए
इसका एक उदाहरण समजे तो एक निवेशक को किसी ट्रेड में प्रवेश करने से उनके पास पहले से ही एक Stop – Loss ऑर्डर होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि मार्केट उनकी इच्छा के विपरीत चलता है तो किस मूल्य के स्तर से उन्हें उस स्टॉक से बाहर निकलना चाहिए
स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऐसी प्राइस की सीमा को निर्धारित करता हैं जिस कीमत पर पहुंच जाने पर उस स्टॉक की स्वचालित बिक्री को ट्रिगर कर लेंगा यानि सामान्य अर्थ में वह स्टॉप-लॉस लिमिट हमारी नुकसानी को किसी निश्चित कीमत पर सुलटा देंगी जिनसे बाजार के और गम्भीर स्तरीय पर पहुच ने से पहलेही हम उस सौदे से बहार निकल चुके होंगे जिनसे हमें उनके उग्र उतार – चढ़ाव को जेलना ना पड़े
पैनी स्टॉक्स को कोन – कोन सी चीजें जोखिम भरा बनाती हैं
सबसे पहले तो यह समज लीजिये की आखिरकार कोई कंपनी का स्टॉक ‘पैनी स्टॉक’ क्यों बनता हैं, इनके पीछें भी बहोत से कारन है, एक तो किसी कंपनी का स्टॉक ‘पैनी स्टॉक’ तब बनता है जब उनका कारोबार धीरे – धीरे कम होने लगता है, वह कंपनी प्रॉफिट से लोस में आ जारी हैं और जिनके कारन वह कर्जे में डूब जाती है
अब इन सभी कारणों के चलते यह जाहिर सी बात है की उनके स्टॉक के प्राइसिंग कम होने लगेंगे जिनमे कई Lower Circuite भी लिखने को मिलेंगी और साथ ही कुछ Upper Circuite भी लिखने को मिलेंगी ऐसा इस लिए क्योंकि निवेशकों ने उस स्टॉक की प्राइस बेहद हाई देखि होंगी जिसके चलते उन्हें इस भाव पर खरीदारी करना मुनासिब लगे
अब देखनेवाली बात यह है की अगर कंपनी ही कर्जे में डूबी है तो उनके स्टॉक की प्राइस Increase कैसे होंगी, जिनके कारन भी उस स्टॉक की प्राइस कुछ रुपियों या पैसो में पहुच जाती हैं जिन शेयरों में ज्यादातर ऑपरेटरों के द्वारा प्राइस कंट्रोल में रखी जाती है जिनके कारन नये निवेशक इनके झांसे में फस जाते है जिनके बाद से उन्हें वह शेयरों को बेचने के लिए बेहद मेहनत करनी पड़ती हैं
ज्यादातर पैनी स्टॉक्स की कीमतें कुछ पैसो में होती हैं जिनकी वजह से उनमे पूर्ण निवेश जोखिम का खतरा रहता हैं ऐसा इसलिए की वैसे तो वह कंपनी अस्तित्वहीन होती है थोड़े बहोत सौदे भी उनके ऑपरेटर करते है जिसकी वजह से उनमे हमेसा के लिए सौदे होना भी बदं हो सकता है जिसका मतलब वह स्टॉक Delisted हुआ माना जाता हैं जिन स्टॉक्स में हुआ निवेश पूर्ण लोस माना जाता हैं
पैनी स्टॉक्स में निवेश (ट्रेडिंग) करना चाहिए या नहीं ?
पैनी स्टॉक्स में कारोबार करना लाभदायक है या नुकसानी से भरा, इस सवाल का जवाब बिल्कुल साफ है सच्चा निवेशक कभी भी पैनी स्टॉक्स में निवेश नहीं करता है
क्योंकि वह उन्हीं कंपनीयों के शेयरों में निवेश करेंगा जो कंपनी Dividend, Bonus, Right Issue जैसे लाभ प्रदान करती हो और ऐसे लाभ केवल वही कंपनीयां देती हैं जिनका कारोबार अच्छा चल रहा हो फिर भलें ही वो कर्जे में हो मगर उनके हर साल के प्रॉफिट में बढ़ोतरी होती रहती हो
इन सभी बातोँ का सिर्फ एक ही मतलब है की लॉन्ग – टर्म इन्वेस्टमेंट करनेवाला निवेशक अपने स्टॉक पर खुद रिसर्च करता हैं और उनके आधार पर ही अपने शेयरों को चुनता है, अब यह तो हुए सच्चे निवेशक की बातें मगर हमारा टार्गेट स्टॉक मार्केट के नए और छोटे निवेशक है जो इन पैनी स्टॉक्स में निवेश करना पसंद करते हैं
यह बातें उन निवेशकों पर बिल्कुल लागूं नहीं होंगी जो स्टॉक मार्केट में पुराने है और जोखिम भरे ट्रेडिंग करते हैं क्योंकि उन्हें इनके बारेंमे सभी नॉलेज पहलेसे ही हैं
अब बात करते है नए और छोटे निवेशकों की तो पैनी स्टॉक्स में बिल्कुल निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि जो नए निवेशक होते है जिन्हें स्टॉक मार्केट के बारेंमे इतना कुछ पता नहीं होता हैं और साथ ही छोटे निवेशकों की सोच ऐसी होती है की छोटे शेयरों में उतार – चढ़ाव ज्यादा होता है
साथ ही वह कम राशी से भी ज्यादा शेयरों को खरीद सकते है, इन सभी विचारो के चलते वह किसी भी स्टॉक पर रिसर्च करना तो दूर बिना कुछ सोचें अपने अमूल्य निवेश को पैनी स्टॉक में डाल देता हैं फिर भलें ही वह छोटी राशी हो मगर उस स्टॉक के Delisted हो जाने पर उसकी पूर्ण राशी नुकसानी में चली जाती हैं तो कृपया पैनी स्टॉक से दूर रहें
सेबी के द्वारा लिए गए पैनी स्टॉक्स पर कदम
आमतौर पर पैनी स्टॉक्स वही कंपनीयों के स्टॉक होते है जो लोस और कर्ज के कारन नाबूद हो चुकी होती है मगर फिरभी उनके शेयरों में थोडा बहोत ट्रेडिंग होता हैं ऐसे स्टॉक्स पर SEBI की नज़र होती ही हैं जिन कारणों के चलते सेबी ने समय – समय पर नियमों में सुधार किया हैं
ऐसा ही एक नियम है ASM and GSM Category का वैसे इस टोपिक पर मेने पहलेसे ही एक आर्टिकल पब्लिश किया हुआ है फिरभी इसकी कुछ सामान्य बातें जानतें हैं
ASM और GSM केटेगरी उन शेयरों में लगाई जाती हैं जिन कंपनी का कारोबार, उनकीं मार्केट वैल्यूएशन यानि कैपिटलाइजेशन, उनका प्रॉफिट या लोस और उनकीं कारोबार करने का सेक्टर इन सभी बातोँ का एनालिसिस करके उस कंपनी के स्टॉक की Current Market Price से तुलना की जाती है
यदि इनके मुताबिक उस स्टॉक में ज्यादा कारोबारी गतिविधियों का संकेत मिलता हैं तो उस स्टॉक को ASM या GSM केटेगरी में शामिल कर लिया जाता हैं
इसका यह मतलब है की उन केटेगरी में शामिल स्टॉक में ट्रेडिंग करने के लिए कुछ रोकें लगाई गई होती हैं –
- Trade for Trade यानि उन शेयरों में Delivery Trading ही की जाती हो Intraday Trading नहीं की जाती हैं
- उन स्टॉक्स में ट्रेडिंग के लिए 100% या उनसे ज्यादा का इनिशियल मार्जिन होना जरुरी हो जाता हैं
- कुछ स्टॉक्स में तो साप्ताहिक में केवल एक या दो दिन ही ट्रेडिंग कर सकते हैं
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल (penny stocks meaning in hindi) कैसा लगा, इसमें आपको ‘Penny Stock’ से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिले, जिसमे हमने जाना की Penny Stocks क्या होते हैं, पैनी स्टॉक्स की सामान्य व्याख्या को जाना, पैनी स्टॉक्स को स्टॉक मार्केट के इतने सूचीबद्ध शेयरों मेसे कैसे पहचाने
हालके स्टॉक मार्केट में पैनी स्टॉक्स का कारोबार बेहद बढ़ गया है और साथ ही पैनी स्टॉक्स के शेयरों की कीमतों में भी अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली हैं, पैनी स्टॉक्स की कीमतों में बेहद ज्यादा उतार – चढ़ाव यानि मूवमेंट देखने को मिलती है, पैनी स्टॉक्स को कोन – कोन सी चीजों से जोखिम भरा माना जाता हैं, सेबी के द्वारा लिए गए पैनी स्टॉक्स पर कठिन कदम और आखिर में पैनी स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए या नहीं इन सभी बातोँ का चयन किया, फिर मिलेंगे ऐसे ही स्टॉक मार्केट के ज्ञानवर्धक आर्टिकल के साथ, धन्यवाद