What Is Circuit In Share Market In Hindi

What Is Circuit In Share Market In Hindi

what is circuit in share market in hindi

हेल्लो दोस्तों इनसे पहले वाले आर्टिकल में हमने जाना था की Upper Circuit and Lower Circuit क्या होती है आज हम इस आर्टिकल (what is circuit in share market in hindi) के माध्यम से ‘Circuit‘ को कुछ डिफ्रेंट अन्दाज़ में समजेंगे जिसमें पहले तो सर्किट क्या होती हैं और इंडियन स्टॉक मार्केट की सर्किट हिस्ट्री को विस्तार से समजेंगे, शेयर बाज़ार में सर्किट का क्या महत्व होता हैं यह भी जानेंगे और साथ ही Stocks और Indexes में किस प्रकार और कितने प्रतिशत का सर्किट ब्रेकर्स होता हैं यह भी समजेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

Circuit क्या होती हैं :-

स्टॉक मार्केट में सर्किट्स दो प्रकार की होती है अपर सर्किट और लोअर सर्किट और साथ ही यह सर्किटे सिर्फ शेयरों पर ही नहीं बल्कि मार्केट के सभी इंडेक्सों पर भी लगती है जैसे की; Sensex, Nifty and BankNifty आदि

स्टॉक मार्केट के Indexes पर लगने वाली सर्किटे फिर चाहे वो अपर सर्किट हो या लोअर सर्किट, वे सर्किटों को लगने के पीछे किसी प्रॉपर स्टॉक्स या फिर किसी सेक्टर्स की मूवमेंट के आधार पर नहीं बल्कि वह सर्किटे देश – दुनिया की अहम गतिविधियों (Activities) के कारन लगती है

इसे थोड़े और विस्तार से समजने के लिए भूतकाल यानि इतिहास में होने वाली देश – दुनीया की अहम हलचल की वजह से भारतीय स्टॉक मार्केट में कैसी – कैसी सर्किटे लगाई गई है उसे स्टेप वाइस समजते हैं

भारतीय शेयर बाजार का सर्किट इतिहास

  • स्टॉक मार्केट के इतिहास में SEBI ने पहलीबार 28 जून, 2001 में सर्किट ब्रेकर्स की व्यवस्था की थी
  • भारतीय स्टॉक मार्केट के इतिहास में सेबी ने पहलीबार 17 मई, 2004 को सर्किट ब्रेकर लगाई गई थी, उस दिन मार्केट में सर्किट ब्रेकर्स का इस्तेमाल दो बार किया गया था (सर्किट लेवल – 1424/क्लोजिंग 1388/36 अंक गिरा)
  • इसके बाद मार्केट इंडेक्स में सर्किट ब्रेकर्स का इस्तेमाल 22 मई, 2006 को किया गया था, उस दिन देश – दुनिया के कुछ नेगेटिव इम्पैक्ट (प्रभाव) की वजह से स्टॉक मार्केट इंडेक्स में लोअर सर्किट लगाई गई थी (159 अंको की यानि 5.5% की रिकवरी)
  • मार्केट इंडेक्स में 17 अक्टूबर, 2007 को सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल हुआ था, उस दिन भी देश – दुनिया के कुछ नेगेटिव इम्पैक्ट (प्रभाव) की वजह से स्टॉक मार्केट इंडेक्स में लोअर सर्किट लगाई गई थी
  • उस सर्किट के बाद मार्केट इंडेक्स में 21 जनवरी, 2008 को सर्किट ब्रेकर्स लगाई गई थी, उस दिन 10% का सर्किट ब्रेकर आया था, मार्केट इंडेक्स में लोअर सर्किट लगने के बाद 74 अंको की रिकवरी देखने को मिली यानि लोअर सर्किट के लेवल से तकरीबन डेढ़ फीसदी (%) का उछाल देखने को मिला था
  • उन सर्किट के दुसरे ही दिन यानि 22 जनवरी, 2008 को मार्केट इंडेक्स में फिर से लोअर सर्किट लगाई गई थी जिसमे 211 पॉइंट यानि सर्किट लेवल से 4.5% ऊपर की क्लोजिंग देखने को मिली थी

शेयर बाजार में सर्किट का महत्व

स्टॉक मार्केट में सर्किट का क्या महत्व है यानि सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है फिर चाहे वो शेयरों पर लगने वाली सर्किटे हो या फिर मार्केट इंडेक्स में लगने वाली सर्किटे हो और साथ ही अपर सर्किट हो या लोअर सर्किट हो

शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर्स का उतना ही महत्व होता है जितना की स्टॉक मार्केट की मूवमेंट, उसी प्रकार यदि उस मूवमेंट को कन्ट्रोल में ना रखा जाये तो वह शेयर बाजार के निवेशकों की सुरक्षा के खिलाफ होंगा

तो शेयर बाजार को बिना किसी सर्किट के कल्पना करना हमारे लिए थोडा मुश्किल होंगा फिरभी इसको एक छोटे से उदाहरण की मदद से समजते है

उदाहरण

इसके लिए IDFCFirstbank के स्टॉक को लेते है, तो स्टॉक मार्केट में इसकी Current Marekt Price तकरीबन Rs.55 पर कारोबार कर रही है तभी इसकी एक न्यूज़ आती है जिसमे इस बैंक के कम कलेक्शन के बारेंमे बताया गया

अब यह तो जाहिर सी बात है की इस न्यूज़ के कारन IDFCFirstbank स्टॉक्स के निवेशकों में नेगेटिव Impact जरुर पड़ेंगा क्योंकि सभी निवेशक चाहते है की अपना निवेश किसी सेफ स्टॉक पर लगाये जिसमे प्रॉफिट भले ही कम मिले मगर नुकसानी नहीं जानी चाहिए

अब इस न्यूज़ के कारन इस स्टॉक में भारी बिकवाली की शुरुआत हो जाती है जिनसे IDFCFirstbank के स्टॉक का प्राइस Rs.40 तक पहुच जाता है लेकिन यह कंपनी पुरानी होने के साथ – साथ इसकी लोकप्रियता भी है जिसके कारन इसके गिरने के साथ – साथ इसमें और खरीदार आते रहते है

मगर कही न कही इसके खरीदारों की भी लिमिट आ जाएँगी, तो क्या अगर IDFCFirstbank के स्टॉक का भाव एक ही दिन में Zero तक पहुच जाये तो क्या यह घटना कुछ अजीब नहीं लगेंगी और साथ ही उन निवेशकों का क्या जिन्होंने इस स्टॉक में निवेश किया है

इन सभी सवालों का सिर्फ एक ही जवाब है ‘सर्किट ब्रेकर्स’ जिसकी मदद से सभी निवेशक निर्भय होकर स्टॉक मार्केट में अपने पसंदीदा शेयरों पर निवेश कर सकते है

Stocks and Indexes में कैसी और कितने प्रतिशत की सर्किटे होती है :-

यदि हम सर्किट को स्टॉक और इंडेक्स के नजरीये से समझें तो हमें इसके बारेंमे और भी अधिक जानने और समझने को मिल सकता हैं जिसके लिए मैंने इसको निचे के दो अलग – अलग पैराग्राफ में इन दोनों मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की हुई हैं तो चलिए इसे समझते हैं

Stocks

शेयरों में कैसी – कैसी और कितने – कितने फीसदी (%) की सर्किटे लगती है, पहले तो स्टॉक्स में दो अलग – अलग फेस में सर्किटों को सेट किया गया है यानि एक तो रेग्युलर ट्रेड होने वाले शेयर्स और दुसरे IPO लिस्टिंग वाले शेयर्स, इन दोनों ही पार्ट वाले शेयरों में सर्किट ब्रेकर्स की परसेंटेज (%) अलग – अलग होती है

रेग्युलर स्टॉक्स में सर्किट ब्रेकर्स

पहले रेग्युलर स्टॉक्स की बात करते है तो इन शेयरों में आमतौर पर 2%, 5%, 10%, 15%, और 20% तक की सर्किट ब्रेकर्स होती है जिन्हें शेयरों के अलग – अलग ग्रुप्स के हिसाबसे भी डिवाइड किया हुआ होता है

स्टॉक्स के Group की सामान्य जानकारी लेते है, वैसे तो शेयरों में बहोत सारे ग्रुप्स होते है मगर उनमेसे कुछ शेयरों के ही सर्किट ब्रेकर्स डिफरेंट होते है जिनमे T – Group के शेयरों में सिर्फ 5% तक की ही सर्किट ब्रेकर्स होती है बाकि के Groups में नॉर्मली जो डिसाइड की हुई होती है वही सर्किटों को लगाया जाता है

आईपीओ स्टॉक्स में सर्किट ब्रेकर्स

अब बात करते है IPO लिस्टिंग वाले शेयरों की तो आमतौर पर कंपनी के स्टॉक की न्यू लिस्टिंग के दिन उस स्टॉक पर कोई परफेक्ट परसेंटेज की सर्किट ब्रेकर्स डिसाइड नहीं होती है यानि मेरे कहने का यह मतलब है की वैसे तो लिस्टिंग वाले दिन उन स्टॉक्स में अपर सर्किट और लोअर सर्किट पहले से ही नक्की होती है मगर सभी IPO लिस्टिंग वाले शेयरों में यह परसेंटेज एक समान नहीं होती है

IPO लिस्टिंग वाले दिन उन शेयरों में 20%, 25%, 50%, 100%, 150%, 200% या 250% तक की सर्किट लिमिट हो सकती है यानि हम मेसे कोई भी पहले से यह डिसाइड नहीं कर सकता है की IPO के Stock की सर्किट लिमिट कहा तक की होंगी

शेयरों की सर्किट ब्रेकर्स कोन डिसाइड करता हैं ?

शेयर बाजार में लिस्टेड और लिस्टिंग होने वाले सभी शेयरों की सर्किट ब्रेकर्स की लिमिटे Stock Exchange के द्वारा डिसाइड (तैय) की जाती है

साथ ही यदि किसी स्टॉक्स में लगातार 20% की दो सर्किटे लग जाने के बाद उसकी अगली सर्किट लिमिट 15% की हो जाएँगी यानि 20% के स्तर से निचे के लेवल पर सर्किट ब्रेकर्स सेट होती जाती है और साथ ही शेयरों को ग्रुप्स के मुताबिक यदि एकबार सर्किट लग भी जाये तो उसे दोबारा खोलीं भी जा सकती हैं

क्या हमें सर्किट लगे हुए शेयरों में खरीद – बिक्री करनी चाहए ?

तो मैं आपको यह रिकमेंट बिल्कुल नहीं करूँगा क्योंकि उन स्टॉक्स में सर्किट ब्रेकर्स के कारणों को जाने बिना उनमे सौदेबाजी करना नुकसानी करने के समान होंगा 

यदि आपने किसी शेयर में Short Selling की हुई है और उसे वापस खरीदने से पहले उस शेयर में Lower Circuit लग जाये तो आपके वह बेचे हुए शेयर्स Auction में चले जायेंगे जिस भूल की सिर्फ एक ही सजा है और वो ये की आपको ऑक्शन चार्ज चुकाना पड़ेंगा जो की आपका डबल लोस वाला ट्रेड माना जायेंगा

Indexes     

मार्केट इंडेक्स में किस प्रकार और कितने फीसदी में सर्किट ब्रेकर्स लगाया जाता है उसके बारेंमे हम बात करने वाले है, तो Market Indexes यानि Sensex और Nifty में सर्किट लगना यह कोई आम बात नहीं होंगी

साथ ही इंडेक्स और स्टॉक्स इन दोनों के सर्किटों की भी कोई तुलना नहीं हो सकती है क्योंकि शेयरों में सर्किट लगना आजकल यह आम बात हो चुकी है

मगर मार्केट के इंडेक्स में सर्किट लगना यह पुरे ग्लोबल लेवल की बात होंगी, तो चलिए जानते है Indexes में कितने समय अंतराल में कितने प्रतिशत की सर्किट ब्रेकर्स होती है

पहले तो इंडेक्स में तिन चरण में सर्किट ब्रेकर्स आती है 10%, 15% और 20% इन तीनो परसेंटेज को वन बाई वन समजते हैं

Index Circuit Breaker 10%

यदि मार्केट समय के दौरान) 10% (फीसदी) की सर्किट लगती है फिर चाहे वो अपर – सर्किट हो या लोअर – सर्किट हो

  • यदि 1 बजे से पहले यह सर्किट ब्रेकर आ जाता है तो शेयर बाजार के कारोबार को अगले 1 घंटे के लिए रोक दिया जाता है जिसमे शुरुआत की 45 मिनट मार्केट का कारोबार पूरी तरह से रुक जाता है यानि सभी शेयरों के भाव और सभी इंडेक्स के प्राइस जहा है वही स्टॉप हो जाते है और उसके बाद की 15 मिनट का प्री – ओपनिंग सेशन शुरू होता है       
  • अगर 10% की सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगती है, तो बाजार के कारोबार को 30 मिनट के लिए रोक दिया जाता है इसमें शुरुआत की 15 मिनट बाजार का कारोबार पूरी तरह से बंध रहता है और आगे की 15 मिनट का प्री – ओपनिंग सेशन चलता है उसके बाद फिरसे सभी कारोबार नॉर्मली शुरू हो जाते है 
  • यदि यह सर्किट ब्रेकर्स दोपहर 2.30 बजे के बाद आता है तो मार्केट के कारोबार को सत्र के अंत तक यानि मार्केट समाप्ति 3.30 बजे तक नॉर्मली जारी रहता है
Index Circuit Breaker 15%
  • यदि (मार्केट समय के दौरान) 15% (फीसदी) की सर्किट लगती है वो भी दोपहर 1 बजे से पहले तो यह सर्किट आती है जिसमें शेयर बाजार के कारोबार को अगले 2 घंटे के लिए रोक दिया जाता है जिसमे शुरुआत का 1 घंटा और 45 मिनट मार्केट का कारोबार पूरी तरह से रुक जाता है और बाकि के 15 मिनट के लिए प्री – ओपनिंग सेशन शुरू रहता है उसके बाद बाजार ख़त्म होने तक रेग्युलर की तरह शुरू रहता है    
  • यदि 15% की सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद और 2 बजे से पहले लगती है तो मार्केट के कारोबार को अगले 1 घंटे के लिए रोक दिया जाता है इसमें शुरुआती 45 मिनट तक मार्केट का कारोबार पूरी तरह से रुका रहता है और बाकि के 15 मिनट का प्री – ओपनिंग सेशन चलता है
  • अगर यह सर्किट दोपहर 2 बजे के बाद लगती है तो मार्केट के उस दिन के कारोबार को सत्र के अंत तक यानि मार्केट समाप्ति 3.30 बजे तक जारी रखा जाता है
Index Circuit Breaker 20%

यदि स्टॉक मार्केट में प्रमुख सूचकांक पर मार्केट समय के दौरान कभी भी 20% का सर्किट ब्रेकर्स आता है तो मार्केट के कारोबार को पुरे दिन के लिए रोक दिया जाता है और फिर बाजार को अगले दिन (सत्र) में ही शुरू किया जाता हैं

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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