Dividend Meaning In Hindi

Dividend Meaning In Hindi

dividend meaning in hindi

निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश के प्रति उनकीं कंपनीयों के द्वारा दियें जा रहे डिविडेंड का एक अलग ही महत्व है, डिविडेंड को हम एक प्रकार से ब्याज के स्वरूप भी देख सकते हैं आज हम इसी टोपिक (dividend meaning in hindi) पर विस्तार से चर्चा करने वाले है जिसमे डिविडेंड क्या होता है, इसको देने से कंपनी और शेयरहोल्डरों को किस प्रकार लाभ मिलता है, इनसे कंपनी के स्टॉक पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे कैसे प्राप्त किया जाता हैं इन सभी बातो को समझने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं

डिविडेंड का अर्थ :-

डिविडेंड जिसे लाभांश के नाम से भी जाना जाता है, यह वो राशी (फंड्स) होती है जो कंपनी अपने प्रोफिट के हिस्से मेसे कुछ रकम अपने शेयरहोल्डरों के लिए निकालती है और उसे सालके बिचमे यानि Interim या सालके अंत में यानि Final पर प्रति शेयर कुछ रकम अदा करती है जिसे स्टॉक मार्केट की भाषा में डिविडेंड कहा जाता हैं

दुसरे अर्थ में कहे तो डिविडेंड यानि कंपनी के प्रॉफिट का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा जब कंपनी अपने निवेशकों के बिच बाटती है उसे डिविडेंड (लाभांश) कहते है

Interim Dividend :-

जब कोय कंपनी अपने तिमाही नतीजो के साथ या फिर फाइनेंसियल साल के ख़त्म होने से पहले यानि साल के बिच में ही डिविडेंड को अपने शेयरहोल्डरों को दे देती है उसे अंतरीम (Interim) लाभांश कहते है

Final Dividend :-

जब कंपनी साल ख़त्म हो जाने के बाद और फाइनल नतीजे आ जाने के बाद साल की आखिर में डिविडेंड को अपने शेयरहोल्डरों को देती है उसे अंतिम (Final) लाभांश कहते है

डिविडेंड कैसे प्राप्त करें

डिविडेंड प्राप्त करने के लिए एक बात को खास ध्यान में रखे की जब कंपनी अपने बोर्ड मीटिंग में शेयर पर डिविडेंड देने की घोषणा करती है तब वो एक रिकॉर्ड डेट नक्की करती है यानि उस तारीख के भीतर शेयर आपके Demat Account में जमा होने चाहिए सिर्फ तभी उसी पर डिविडेंड लागु किया जायेंगा

इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से बेहतर समज सकेंगे Tata Steel हर साल जुलाई में एवरेज 100 % यानि यह उसके फेसवेल्यू (10) के मुताबिक प्रति शेयर 10 रुपे डिविडेंड देता है यानि अगर आपके पास 100 शेयर है तो आपको 1,000 रुपे मिलेंगे

डिविडेंड को निवेशकों के Demat Account में पड़े उस कंपनी के शेयर की मात्रा के हिसाब से दिया जाता है तो इनसे एक बात साफ हो गयी की इनसे शेयरहोल्डरों को तो अवश्य फायदा होता है

लाभांश से कंपनी को क्या लाभ होंगा

 डिविडेंड देने से कंपनी को कैसे लाभ होंगा, जबकि कंपनी की कुल मुड़ी (कैपिटल) तो कम होंगी, वैसे यह बात भी सही है मगर डिविडेंड देने से कंपनी को भी एक तरह का फायदा होता ही है तो जब कंपनी अपने प्रॉफिट को निवेशकों के बिचमे डिविडेंड के जरिये बाटती है तब कंपनी की बाज़ार में एक अलग ही मान और प्रतिष्ठा उभर कर आती है

एक वजह यह भी है की स्टॉक मार्केट में उस कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ने लगती है क्यूंकि अगर वे कंपनी अपने निवेशकों को डिविडेंड दे रही है तो अवश्य वो कंपनी किसी घाटे में यानि देवा में नहीं फसी हुई है जिसके चलते कंपनी की लोक प्रियता बढ़ती है

कंपनी के स्टॉक में ज्यादासे ज्यादा इन्वेस्टमेंट होता है जिसके कारन कंपनी की बाजार में कैपिटलाइजेशन (Capitalization) बढ़ती है जिनसे वो अधिक से अधिक शेयर मार्केट के माध्यम से अपने स्टॉक के जरिये कंपनी के लिए पूंजी में बढ़ोतरी कर सकते है इस पूरी चेनल के चलते कंपनी को डिविडेंड के जरिये उनसे अधिक लाभ प्राप्त होता है

अगर हमें यह जानना हो की कोन – कोन सी कंपनीयां साल में तिन – तिन बार डिविडेंड देती है तो चलिए कुछ कंपनीयों के नाम देखते है जिंमेसे Indiabulls Housing Finance Ltd, Godrej Consumer Products, Page Industries Ltd, Nestle India Ltd, Sun Tv Network Ltd, Hinduja Global Solutions Ltd, Granules India Ltd, Balkrishna Industries Ltd, Manappuram Finance Ltd, Symphony Ltd, Tata Consultancy Services Ltd, HCL Technologies Ltd, CRISIL Ltd और CAMS यह सभी कंपनीयां पुरे साल में तिन बार डिविडेंड की पेशकश करती है और कभी – कभी तो साल में चार बार भी डिविडेंड डिक्लेयर किया जाता हैं

डिविडेंड यील्ड का मतलब :-

डिविडेंड यील्ड यानि जब भी कभी कंपनी डिविडेंड देती है तो वह कंपनी के शेयर के CMP यानि Current Market Price के कितने प्रतिशत है उस प्रतिशत को Dividend Yield कहते है डिविडेंड यील्ड का प्रमाण जितना ज्यादा होंगा उतना ही निवेशकों को ज्यादा लाभ होंगा

इसको एक उदाहरण के माध्यम से समजते है, किसी कंपनी की शेयर की फेस वेल्यु 10 की है और उस शेयर का CMP यानि बाजार भाव 300 रुपे है अब जब कंपनी अपनी बोर्ड मीटिंग में साल की आखिर में अपने शेयरहोल्डरों को प्रति शेयर 100 % डिविडेंड देने का Announcement करती है तो इसका यह मतलब है की स्टॉक के फेस वेल्यु के 100 % यानि 10 * 100% = 10 रुपे प्रति शेयर डिविडेंड देंगी कंपनी हमेशा डिविडेंड शेयर की फेस वेल्यु के ऊपर ही डिक्लेर होता है तो इस हिसाब से डिविडेंड यील्ड 10 / 300 = 3.33 % होता हैं

Dividend Cum और Ex Dividend :-

जब कंपनी अपनी बोर्ड मीटिंग में अपने शेयर धारकों को शेयर पर डिविडेंड देने का एलान करती है तब उसके साथ कंपनी एक Cum off Date यानि रिकॉर्ड डेट जारी करती है इसका यह मतलब है की जिस किसी निवेशक के पास उस तारीख के पहले अपने Demat Account में उस कंपनी के शेयर मोजूद होने चाहिए और सिर्फ उसीको शेयर पर डिविडेंड प्राप्त करने का अधिकार है जिसे स्टॉक मार्केट की भाषामे Dividend Cum कहते है

अगर किसी निवेशक ने उस तारीख के बाद शेयर ख़रीदे है यानि Demat Account में शेयर मोजूद नहीं है तो जाहिर सी बात है उसे डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेंगा उसे मार्केट की भाषामे Ex Dividend कहा जाता है

शेयर डिविडेंड से जुड़ी चार अहम तारीखों का रखें ध्यान :

स्टॉक मार्केट में लॉन्ग – टर्म इन्वेस्टमेंट करने के लिए हमें कई चीजों को ध्यान में रख के अपने अमूल्य निवेश को करना चाहिए जिसमे सबसे अहम बात यह है की हमें ऐसी कंपनीयों के स्टॉक को पसंद करना होंगा जो खुद प्रॉफिट के साथ कारोबार कर रही हो क्योंकि वह अपने शेयर – धारकों को तभी डिविडेंड जारी करेंगी जब वह खुद प्रॉफिट में हों जिसके लिए हमें खुद रिसर्च करके ऐसे शेयरों की तलाश करनी चाहिए और साथ ही हमें उनकी तारीखों को भी एनालिसिस करना चाहिए ताकि शेयरों में हमें Entry और Exit का पता चल सकें तो चलिए लाभांश की इन सभी Date को विस्तार से समझते हैं

1. Dividend Declaration Date :  

 जब भी कभी कंपनी अपनी बोर्ड मीटिंग में ऑफिसीयली अपने सभी बोर्ड मेंबर्स की पूर्ण बहुमति से यह कन्फर्म होता है की कंपनी की कुल केपिटल का इतना हिस्सा कंपनी के शेयरहोल्डरों के लिए डिविडेंड के माध्यम से देना है उस तारीख को घोषणा की तारीख कहा जाता है

2. Ex Date :

Ex Date यानि इस तारीख के भीतर (पहले) जो भी निवेशक ने उस कंपनी के शेयर खरीद लिए होंगे उन निवेशकों को शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड का लाभी मिलता है

3. Record Date :-

Record Date के अंतराल में उस कंपनी के शेयर आपले Demat Account में जमा होने चाहिए केवल उन्ही निवेशकों को शेयर पर मिलने वादे डिविडेंड पर लाभ मिल सकता है अन्यथा डिविडेंड नहीं मिलेंगा

4. Dividend Payout Date :-

 इस तारीख के भीतर सभी शेयर धारको को उनके रजिस्टर बैंक खाते में शेयर डिविडेंड की रकम जमा कर दी जाती है जिस वजह से इस डेट का बेहद अहम महत्त्व होता हैं

डिविडेंड (लाभांश) के मुख्य तीन प्रकार :

डिविडेंड यानि लाभांश को मुख्य 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया हैं जिसमे सबसे पहला है नकद डिविडेंड, दूसरा है स्टॉक डिविडेंड और तीसरा है संपत्ति डिविडेंड, तो चलिए इन तीनो प्रकारों को विस्तार से समझते हैं

I. नकद (कैश) डिविडेंड :

नकद यानि कैश डिविडेंड पहले चेक के स्वरूप में कूरियर के जरिये मिलता था तब कंपनी अपने शेयरहोल्डरों को उनके रजिस्टर ऐड्रेस पर उनके नाम का चेक कुरियन से पोस्ट करते थे तब के दौर में ऑनलाइन का इतना चलन नहीं था

अब के दौर में सभी पेमेंट ऑनलाइन हो चुकी है यहाँ तक की डिविडेंड की रकम भी हमारे रजिस्टर बैंक खाते में जमा मिल जाती है इस डिविडेंड के व्यवहार को नकद (कैश) लाभांश कहते है

II. स्टॉक (शेयर) डिविडेंड :

स्टॉक डिविडेंड को स्टॉक बोनस भी कहा जाता है कंपनी डिविडेंड के रूप में कैश (राशी) देने के बजाय अपने शेयरहोल्डरों को अपनी ही कंपनी के स्टॉक को देती है यानि किसी निवेशक के पास उस कंपनी के 100 शेयर है तो उसके सामने उसे 100 शेयर ओर दे देते है

कितने शेयर के सामने कितने शेयर देने है ये तो उस कंपनी की बोर्ड मीटिंग में ही नक्की होता है जैसे की; 2:1, 1:1, या 3:1 इसके मतलब से दे शेयर के सामने एक शेयर या एक के सामने एक या फिर तीन के सामने एक शेयर को देना है ये सभी प्रक्रिया कंपनी की है एक महत्व की बात यह है की कंपनी जब इस प्रकार के डिविडेंड को देती है तब उस कंपनी का हालका बाजार भाव (CMP) कम हो जाता है

III. संपति (प्रोपर्टी) डिविडेंड :-

प्रोपर्टी डिविडेंड में लाभांश कमाने के रूप में कंपनी अपने शेयरहोल्डरों को किसी प्रकार की संपति देती है, बेहद कम कैशिस में कंपनी ऐसे डिविडेंड को देती है यह पूरी तरह से शेयरहोल्डर पर डिपेंड करता है की उसे इस प्रकार शेयर पर डिविडेंड के रूप में मिलने वाली प्रोपर्टी को रखे या बेच दे इस प्रकार का डिविडेंड काफी उलझा हुआ लगता है

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमनें इस आर्टिकल (dividend meaning in hindi) के माध्यम से क्या – क्या सिखा, तो स्टॉक मार्केट में निवेश करना वैसे तो जोखिम के आधीन होता है मगर इनमे कुछ लाभदायक वस्तुए भी शामिल होती है जिसमे डिविडेंड (लाभांश) का नाम सबसे पहले लिया जाता हैं तो फिलहाल हमारा यह टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद  

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डिविडेंड क्या होता है?

डिविडेंड जिसे लाभांश के नाम से भी जाना जाता है, यह वो राशी (फंड्स) होती है जो कंपनी अपने प्रोफिट के हिस्से मेसे कुछ रकम अपने शेयरहोल्डरों के लिए निकालती है और उसे सालके बिचमे यानि Interim या सालके अंत में यानि Final पर प्रति शेयर कुछ रकम अदा करती है जिसे स्टॉक मार्केट की भाषा में डिविडेंड कहा जाता हैं

किसी कंपनी का डिविडेंड कैसे चेक करें?

आमतौर पर डिविडेंड को प्रति शेयर के हिसाबसे अपने शेयरहोल्डरों को जारी किया जाता है साथ ही इसे जारी करते समय कंपनी प्रतिशत दर (%) के हिसाबसे डिविडेंड का Announcement किया जाता है जिसको कंपनी के स्टॉक की Face Value यानि अंकित मूल्य पर प्रतिशत दर लागु किया जाता है उदाहारण के तौर पर कोई कंपनी 100% डिविडेंड की घोषणा करती है जिसके स्टॉक की फेस वैल्यू Rs.10 है जिसके मुताबिक प्रति शेयर Rs.10 का डिविडेंड मिलेंगा

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