Difference Between NSE And BSE In Hindi

Difference Between NSE And BSE In Hindi

difference between nse and bse in hindi

हेल्लो दोस्तों आज हम स्टॉक मार्केट के दो अहम एक्सचेंजों के बारेंमे बात करनेवाले हैं यानि BSE और NSE को संपूर्ण विस्तार से समजने वाले हैं जिसमे हम इन दोनों की कुछ पुरानी बातें भी जानेंगे और SEBI के द्वारा किए गए अहम बदलावों को भी जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं (difference between nse and bse in hindi)

NSE और BSE में क्या अंतर है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) यह दोनों भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजीस हैं NSE की स्थापना 1992 में हुई थी यह अपने “Electronic Trading Platform” के लिए जाना जाता है और इसे दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक माना जाता है, जबकि BSE, 1875 में स्थापित, एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है

NSE और BSE के बीच मुख्य अंतर यह है कि NSE के पास एक आधुनिक और परिष्कृत व्यापार प्रणाली है, जबकि BSE के पास एक अधिक पारंपरिक व्यापार प्रणाली है

दोनों एक्सचेंज भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं

BSE अपने इंडेक्स, Sensex के लिए जाना जाता है, जिसे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बेंचमार्क माना जाता है, जबकि NSE अपने Nifty 50 इंडेक्स के लिए जाना जाता है

BSE और NSE दोनों इक्विटी (Equities), डेरीवेटिव्स (Derivatives) और मुद्रा व्यापार (Currency Trading) सहित कई प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं उनके पास उन कंपनियों के लिए सख्त लिस्टिंग और नियामक आवश्यकताएं भी हैं जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना चाहती हैं

उनके पास एक्सचेंज पर शेयरों की लिस्टिंग के लिए कड़े नियम हैं और इन एक्सचेंजों में सूचीबद्ध प्रतिभूतियां “भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड” (SEBI) के द्वारा शासित हैं, निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार सुनिश्चित करने के लिए दोनों एक्सचेंजों में कड़ी निगरानी और निगरानी प्रणाली है

बीएसई और एनएसई दोनों ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम (Electronic Trading Platform) लागू किया है, जिसने ट्रेडिंग को तेज और अधिक कुशल बना दिया है

उनके पास सदस्यों का एक विस्तृत नेटवर्क भी है और वे निवेशकों को बड़ी संख्या में निवेश विकल्प प्रदान करते हैं इसके अलावा, दोनों एक्सचेंज निवेशकों को बाजार की एक व्यापक तस्वीर देने के लिए सेंसेक्स, निफ्टी, बीएसई स्मॉल कैप, बीएसई मिड कैप, बीएसई 100, एनएसई निफ्टी जूनियर आदि जैसे विभिन्न सूचकांक प्रदान करते हैं

यु तो भारत में कही सारे स्टॉक एक्सचेंजीस मोजूद हैं मगर यह दो स्टॉक एक्सचेंज काफी अहम है, जिसको हम शोर्ट में BSE और NSE के नाम से जानते है

जिसका पूरा नाम ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज‘ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज‘ है यह दो स्टॉक एक्सचेंजीस न केवल अपने बड़े कारोबार और विस्तार से जाने जाते है बल्कि यह दो स्टॉक एक्सचेंजीस पुरे विश्व में भारत देश की एक अलग ही छबी को प्रस्तुत करते है

यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE And NSE) यह दोनों पुरे विश्व में Indian Stock Market को Represent करते है साथ ही इन्ही दो स्टॉक एक्सचेंजीस के जरिये हमारे देश की इकोनॉमि, वाणिज्य व्यवस्था और विकास को नापा जाता है

यहां पर NSE और BSE के बीच अंतर के बारे में अधिक जानकारी को अलग-अलग मुद्दों में विभाजित किया गया है:-
  1. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (Trading Platforms) – NSE के पास पूरी तरह से स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम है, जिसे नेशनल एक्सचेंज फॉर ऑटोमेटेड ट्रेडिंग (NEAT) के रूप में जाना जाता है, जबकि BSE के पास एक अधिक पारंपरिक फ्लोर ट्रेडिंग सिस्टम है, जिसे BSE ऑन-लाइन ट्रेडिंग के रूप में जाना जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म में अपग्रेड किया गया है
  2. बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) – बीएसई की तुलना में एनएसई का बाजार पूंजीकरण बड़ा है और इसे भारत में अधिक प्रभावशाली स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है
  3. उत्पाद की पेशकश (Product Offerings) – एनएसई इक्विटी, डेरिवेटिव, करेंसी डेरिवेटिव और डेट इंस्ट्रूमेंट्स सहित वित्तीय उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जबकि बीएसई मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों पर ध्यान केंद्रित करता है
  4. सूचकांक (Indices) – एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स का घर है, जिसे भारतीय शेयर बाजार के बैरोमीटर के रूप में व्यापक रूप से पालन किया जाता है, जबकि बीएसई सेंसेक्स का घर है, जिसे एशिया में सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स माना जाता है
  5. अंतर्राष्ट्रीय मान्यता (International Recognition) – NSE को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज द्वारा विश्व स्तर पर जुड़े एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई है और यह प्रतिभूति आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन का सदस्य है, जबकि BSE को अग्रणी सूचकांक प्रदाता, MSCI द्वारा “इमर्जिंग मार्केट” का दर्जा दिया गया है
  6. विनियमन (Regulation) – एनएसई और बीएसई दोनों को “भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड” (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है
  7. लिस्टिंग आवश्यकताएँ (Listing Requirements) – NSE और BSE दोनों की कंपनियों को अपने एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए समान लिस्टिंग आवश्यकताएँ हैं, हालाँकि, NSE को थोड़ी अधिक कठोर आवश्यकताएँ होती हैं
  8. ट्रेडिंग घंटे (Trading Hours) – स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का समय NSE और BSE दोनों एक्सचेंजों का एक समान ही होता है, शेयर बाजार का कारोबारीक ट्रेडिंग की 9:15 से शुरू होकर 3:30 को ख़तम होती है इसका प्रे-ओपन सेशन 9 बजे होता है और प्रे-क्लोजिंग 3:40 से 4 बजे तक होता हैं
  9. तरलता (Liquidity) – अपने बड़े बाजार पूंजीकरण और व्यापक उत्पाद पेशकशों के कारण एनएसई को बीएसई की तुलना में अधिक तरलता माना जाता है
  10. ट्रेडिंग की लागत (Cost of Trading) – एनएसई पर ट्रेडिंग लागत बीएसई की तुलना में अधिक हो सकती है, इसकी उन्नत ट्रेडिंग सिस्टम और प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे के कारण होता है
  11. बाजार डेटा और अनुसंधान (Market Data and Research) – बीएसई की तुलना में एनएसई बाजार डेटा और अनुसंधान की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिससे निवेशकों को सूचित निवेश निर्णय लेने में आसानी होती है
  12. बाजार सहभागी (Market Participants) – एनएसई घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों सहित बाजार सहभागियों की एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करता है, जबकि बीएसई मुख्य रूप से घरेलू खुदरा निवेशक आधार को आकर्षित करता है
  13. अभिगम्यता (Accessibility) – बीएसई की तुलना में एनएसई के पास एक अधिक मजबूत प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा है और इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से अपने व्यापार मंच तक व्यापक पहुंच प्रदान करता है, जो मुख्य रूप से अपने व्यापार टर्मिनलों के माध्यम से पहुंच प्रदान करता है
  14. निवेशक सुरक्षा (Investor Protection) – निवेशकों के धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाजार में हेरफेर को रोकने के लिए एनएसई और बीएसई दोनों में सख्त निवेशक सुरक्षा उपाय हैं
  15. निपटान प्रक्रियाएं (Settlement Processes) – एनएसई एक रोलिंग निपटान प्रक्रिया का उपयोग करता है, जो बीएसई की तुलना में ट्रेडों के तेजी से निपटान की अनुमति देता है, जो T+2 निपटान प्रक्रिया का उपयोग करता है
  16. बाजार की गहराई (Market Depth) – बीएसई की तुलना में एनएसई की बाजार की गहराई अधिक है, जिससे अधिक तरलता और बेहतर मूल्य खोज की अनुमति मिलती है
  17. मार्केट इंटेलिजेंस (Market Intelligence) – बीएसई की तुलना में एनएसई रियल-टाइम मार्केट डेटा और ऐतिहासिक मार्केट ट्रेंड सहित मार्केट इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स टूल्स की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है
  18. मार्केट इनोवेशन (Market Innovation) – बीएसई की तुलना में एनएसई को अधिक इनोवेटिव माना जाता है, जो अपने बाजार सहभागियों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए नियमित रूप से नए उत्पादों और सेवाओं को पेश करता है
  19. समाशोधन और निपटान (Clearing and Settlement) – लेन-देन की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए NSE और BSE दोनों में एक केंद्रीकृत समाशोधन और निपटान प्रणाली है
  20. बाजार पर्यवेक्षण (Market Supervision) – एनएसई और बीएसई दोनों “भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड” (सेबी) के द्वारा विनियमित हैं, जो बाजार संचालन की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है
  21. डेरिवेटिव ट्रेडिंग (Derivatives Trading) – बीएसई की तुलना में एनएसई को अधिक विकसित डेरिवेटिव बाजार माना जाता है, जो स्टॉक विकल्प और वायदा जैसे डेरिवेटिव उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है
  22. बाजार शिक्षा (Market Education) – एनएसई निवेशकों को शेयर बाजार को समझने और सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद करने के लिए शैक्षिक संसाधनों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करता है
  23. कॉरपोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance) – एनएसई और बीएसई दोनों में सूचीबद्ध कंपनियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कॉरपोरेट गवर्नेंस आवश्यकताएं हैं
  24. ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volumes) – एनएसई में आमतौर पर बीएसई की तुलना में अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है, जो इसके बड़े बाजार पूंजीकरण और व्यापक उत्पाद पेशकशों को दर्शाता है
  25. अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Linkages) – NSE ने दुनिया भर के अन्य स्टॉक एक्सचेंजों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंध स्थापित किए हैं, जिससे भारतीय कंपनियों को वैश्विक पूंजी बाजारों में अधिक पहुंच प्रदान की जा सके

अंत में, NSE और BSE दोनों भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं, जो बाजार सहभागियों को अद्वितीय फायदे और नुकसान प्रदान करते हैं, इन दोनों एक्सचेंजों के बीच चुनाव अक्सर व्यक्तिगत निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहिष्णुता और व्यापारिक रणनीतियों पर निर्भर करता है, निवेशकों को निर्णय लेने से पहले दोनों एक्सचेंजों के बीच के अंतरों को शोध एवंम समझने की सलाह दी जाती हैं

तो चलिए अब हम इन दोनों स्टॉक एक्सचेंजों (‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’) को विस्तार से समझते है और जानते है की यह किस प्रकार कार्य करते हैं

Bombay Stock Exchange (BSE)

‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) न केवल भारत का बल्कि यह एशिया का सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में स्थापित होने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज है

इसकी स्थापना 9 जुलाई 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के रूप में मुंबई, महाराष्ट्र में हुई थी आज ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ की पहोंच लगभग 450 शहरों तक फैली हुई है और इसका बाजार पूंजीकरण $2 ट्रिलियन से भी अधिक हैं

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को आधिकारिक तौर पर 1956 में प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम के तहत स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई थी बीएसई मुंबई, भारत में स्थित है, और यह बाजार पूंजीकरण द्वारा दुनिया में 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है

बीएसई इक्विटी शेयरों, ऋण उपकरणों और डेरिवेटिव सहित विभिन्न प्रतिभूतियों में व्यापार के लिए एक मंच प्रदान करता है यह पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग सिस्टम पर काम करता है, जिसे BOLT (BSE ऑन-लाइन ट्रेडिंग) के रूप में जाना जाता है और यह 6 माइक्रोसेकंड की औसत व्यापार गति के साथ दुनिया के सबसे तेज़ स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है, बीएसई का ट्रेडिंग समय भारतीय समयानुसार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे के बीच है

बीएसई अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है जैसे की; सूचकांक सेवाएं, बाजार डेटा प्रसार और निवेशक सेवाएं, S&P बीएसई सेंसेक्स, S&P BSE 100, S&P BSE 200, S&P BSE 500 जैसे बीएसई सूचकांकों को भारतीय शेयर बाजार के लिए बेंचमार्क सूचकांक माना जाता है S&P BSE SENSEX को भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला सूचकांक माना जाता है

स्टॉक एक्सचेंज के रूप में अपने प्राथमिक कार्य के अलावा, बीएसई डिपॉजिटरी सर्विसेज, क्लियरिंग और सेटलमेंट सर्विसेज और निगरानी और जोखिम प्रबंधन सेवाओं जैसी कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है

भारतीय पूंजी बाजार में अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए बीएसई की कई अन्य अंतरराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंजों और नियामकों के साथ रणनीतिक साझेदारी भी हैं

साथ ही भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है इसका मुख्य सूचकांक सेंसेक्स है जिसमें बीएसई पर सूचीबद्ध 30 सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार वाले स्टॉक्स शामिल हैं साथ ही सूचकांक का दुनिया भर के निवेशकों द्वारा व्यापक रूप से पालन किया जाता है और इसे भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन का संकेतक माना जाता है

साथ ही इसमें BSE Small Cap, BSE Mid Cap, BSE Large Cap और BSE 500 भी शामिल हैं साथ ही इसका एक स्टॉक NSE सेगमेंट में लिस्टेड है जिसका नाम भी BSE है जिसे एक IPO के जरिये 3 फेब्रुवरी 2017 को बाजार में लिस्टेड करवाया गया था जिसे 806 के भाव पर मिनिमम 18 शेयर के लोट साइज़ पर लाया गया था

हालमे ये तकरीबन 700 के भाव पर कारोबार कर रहा है, ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ पर वर्ष 1999 – 2000 में तकरीबन 5,889 कंपनीयों के शेयर्स लिस्टेड थे, इन सभी के नाम जानना कठिन है क्योंकि तब से लेकर अब तक काफी कंपनीयों के स्टॉक के नाम बदल चुके होंगे

साथ ही हालमे 2021 – 2022 के चल रहे साल में अब तक तकरीबन 49 नयी कंपनीयों के शेयरों की लिस्टिंग हो चुकी हैं, इसका मुख्य लक्ष्य ‘वैश्विक किर्ती की पताका फहराकर प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के रुपमे उभरना है

साथ ही भारतीय पूंजी बाजार को विकसाने में इस स्टॉक एक्सचेंज की अहम भूमिका हैं BSE का संचालन इसके मैनेजिंग डायरेक्ट के नेतृत्व में होता है

‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ भारत के छोटे – बड़े शहरों में अपनी उपस्थिति के कारन राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ हैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की एक वेबसाइट www.bseindia.com हैं

BSE के द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ मुख्य उत्पादों और सेवाओं में निम्नलिखित मुद्दों को शामिल किया गया हैं :-
  • इक्विटी ट्रेडिंग – बीएसई एक्सचेंज में सूचीबद्ध स्टॉक ट्रेडिंग के लिए एक मंच प्रदान करता है इसमें एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर खरीदना और बेचना शामिल है
  • डेरिवेटिव ट्रेडिंग – बीएसई डेरिवेटिव में व्यापार करने की भी पेशकश करता है, जैसे इंडेक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस, जो निवेशकों को अपनी स्थिति को हेज करने या बाजार की भविष्य की दिशा पर अनुमान लगाने की अनुमति देते हैं
  • म्युचुअल फंड ट्रेडिंग – बीएसई म्युचुअल फंड में ट्रेडिंग के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो निवेश वाहन हैं जो स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों के विविध पोर्टफोलियो को खरीदने के लिए कई निवेशकों से धन एकत्र करते हैं
  • करेंसी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग – बीएसई करेंसी डेरिवेटिव्स में ट्रेड करने की भी पेशकश करता है जिसमें करेंसी फ्यूचर्स और ऑप्शंस शामिल हैं
  • ऋण बाजार – बीएसई ऋण प्रतिभूतियों जैसे बांड, ट्रेजरी बिल, वाणिज्यिक पत्र आदि में व्यापार के लिए एक मंच भी प्रदान करता है
  • लिस्टिंग सेवाएं – बीएसई उन कंपनियों के लिए लिस्टिंग सेवाएं भी प्रदान करता है जो अपने शेयरों को एक्सचेंज में सूचीबद्ध करना चाहती हैं
  • बाजार डेटा और अनुसंधान – बीएसई व्यक्तियों और संस्थानों को सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद करने के लिए बाजार डेटा और अनुसंधान सेवाएं प्रदान करता है
  • इंडेक्स सर्विसेज – बीएसई एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स और एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स जैसे कई तरह के इंडेक्स पेश करता है, जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध शीर्ष कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं ये सूचकांक व्यापक रूप से भारतीय शेयर बाजार के लिए बेंचमार्क के रूप में उपयोग किए जाते हैं
  • SME प्लेटफॉर्म – बीएसई के पास छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए एक अलग प्लेटफॉर्म है जिसे बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म कहा जाता है, यह एसएमई के लिए पूंजी जुटाने और एक्सचेंज पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने का एक मंच है
  • IPO सेवाएं – बीएसई आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से सार्वजनिक होने की इच्छुक कंपनियों के लिए भी सेवाएं प्रदान करता है, बीएसई सार्वजनिक होने की इच्छुक कंपनियों के लिए लिस्टिंग, अंडरराइटिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करता है
  • समाशोधन और निपटान – बीएसई एक्सचेंज पर निष्पादित ट्रेडों के लिए समाशोधन और निपटान सेवाएं प्रदान करता है, यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेडों का निपटान समय पर और कुशल तरीके से किया जाता है और ट्रेडों के लिए एक गारंटर के रूप में कार्य करता है
  • कॉर्पोरेट सेवाएं – बीएसई उन कंपनियों को विभिन्न सेवाएं भी प्रदान करता है जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं, जैसे कि निवेशक संबंध, कॉर्पोरेट प्रशासन और अनुपालन सेवाएं
  • डिपॉजिटरी सेवाएं – बीएसई अपनी सहायक कंपनी बीएसई डिपॉजिटरी लिमिटेड (बीएसडीएल) के माध्यम से कंपनियों और निवेशकों के लिए डिपॉजिटरी सेवाएं भी प्रदान करता है, बीएसडीएल “नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड” (NSDL) और “सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड” (CDSL) के साथ एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है
  • बीएसई इंस्टीट्यूट लिमिटेड – बीएसई, बीएसई इंस्टीट्यूट लिमिटेड के माध्यम से विभिन्न शैक्षिक और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करता है, पाठ्यक्रमों को पूंजी बाजार, प्रतिभूति व्यापार और निवेश प्रबंधन के क्षेत्रों में ज्ञान और कौशल विकास प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
  • बीएसई स्टार एमएफ – बीएसई स्टार एमएफ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड की इकाइयों को ऑनलाइन खरीदने और रिडीम करने की अनुमति देता है

ये BSE द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ उत्पाद और सेवाएं हैं, हालांकि, सबसे अद्यतित जानकारी के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट की जांच करना हमेशा सर्वोत्तम होता हैं

National Stock Exchange (NSE)

‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) भारत का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी संचालित स्टॉक एक्सचेंज है यह वर्ष 1992 में स्थापित किया गया था और वर्ष 1994 में परिचालन की शुरूआत की थी, यह मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित हैं

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दैनिक कारोबार और ट्रेडों की संख्या के हिसाब से भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और साथ ही कारोबार करने वाली कंपनियों की संख्या के मामले में भी यह सबसे बड़ा है, इसका बाजार पूंजीकरण $2 ट्रिलियन से भी अधिक है

एनएसई अपने निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए जाना जाता है, जिसे भारतीय शेयर बाजार के लिए बेंचमार्क माना जाता है निफ्टी 50 एक बाजार पूंजीकरण-भारित सूचकांक है जिसमें एनएसई पर सूचीबद्ध 50 सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले स्टॉक्स शामिल हैं साथ ही इस सूचकांक का दुनिया भर के निवेशकों द्वारा व्यापक रूप से पालन किया जाता है और इसे भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन का संकेतक माना जाता हैं

आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पहोंच लगभग 350 शहरों तक फैली हुई है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ भारत का पुराना अति आधुनिकरण और पूरी तरह से स्वसंचालित सक्रीन – बेस्ट ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम’ को शुरु करने वाला पेहला स्टॉक एक्सचेंज है

इसका मुख्य सूचकांक निफ्टी 50 है जिसमे कुल 50 अलग – अलग सेक्टर्स की कंपनीयों के स्टॉक मोजूद है हलाकि इसमें BSE की तरह किसी स्टॉक को लिस्टेड नहीं किया गया है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की भी एक वेबसाइट www.nseindia.com हैं

NSE उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिनमें निम्नलिखित मुद्दों को शामिल किया गया हैं :-
  • इक्विटी ट्रेडिंग – एनएसई एक्सचेंज में सूचीबद्ध 1,800 से अधिक कंपनियों में ट्रेडिंग की पेशकश करता है, जिसमें लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक शामिल हैं
  • डेरिवेटिव ट्रेडिंग – एनएसई इंडेक्स, करेंसी और कमोडिटीज जैसी विभिन्न अंतर्निहित संपत्तियों पर वायदा और विकल्प अनुबंधों में ट्रेडिंग की पेशकश करता है
  • करेंसी डेरिवेटिव्स – एनएसई मुद्रा वायदा और विकल्प अनुबंधों में व्यापार करने की पेशकश करता है, जिससे निवेशक अपने मुद्रा जोखिम को कम करने में सक्षम होते हैं
  • ऋण प्रतिभूतियां – एनएसई प्राथमिक बाजार जारी करने और द्वितीयक बाजार व्यापार सहित सरकारी और कॉर्पोरेट बांडों में व्यापार की पेशकश करता है
  • म्युचुअल फंड – एनएसई अपने म्युचुअल फंड सर्विस सिस्टम (MFSS) के माध्यम से म्युचुअल फंड में ट्रेडिंग की पेशकश करता है
  • मार्केट डेटा और एनालिटिक्स – एनएसई मार्केट डेटा और एनालिटिक्स सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है, जैसे रीयल-टाइम डेटा फीड्स, ऐतिहासिक डेटा और इंडेक्स सेवाएं आदि
  • NSE राष्ट्रव्यापी आधार पर संचालित होता है और पूरे भारत में 1,500 से अधिक शहरों और कस्बों में इसकी उपस्थिति है
  • NSE का बाजार पूंजीकरण $2 ट्रिलियन से अधिक है और यह $40 बिलियन से अधिक का दैनिक कारोबार संभालता है
  • एनएसई को प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत “स्टॉक एक्सचेंज” के रूप में मान्यता दी गई है और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अधिनियम, 1992 के तहत स्टॉक एक्सचेंज के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है
  • एनएसई एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी है, जिसमें विविध शेयरधारक आधार है जिसमें घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशक, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान शामिल हैं
  • एनएसई के पास एक मजबूत प्रौद्योगिकी अवसंरचना है और किसी भी अप्रत्याशित घटना के मामले में संचालन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कई आपदा वसूली साइटों को लागू किया है
  • NSE “वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज” (WFE) और “एशियन एंड ओसियनियन स्टॉक एक्सचेंज फेडरेशन” (AOSEF) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का भी सदस्य है
  • एनएसई शैक्षिक संस्थानों और अन्य संगठनों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों और साझेदारी के माध्यम से भारत में वित्तीय साक्षरता और निवेशक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों में शामिल रहा है
  • NSE का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के अन्य एक्सचेंजों के साथ भी सहयोग है
  • NSE बाजार सहभागियों की उभरती जरूरतों को पूरा करने और भारतीय पूंजी बाजार में गहराई और तरलता बढ़ाने के लिए नए उत्पादों, सेवाओं और खंडों के विकास की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है

NSE निफ्टी 50 सहित कई सूचकांक भी संचालित करता है, जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध 50 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण-भारित सूचकांक है और इसे भारतीय शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाता हैं

NSE की अपने पारदर्शी, निष्पक्ष और कुशल बाजार संचालन के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा है जो इसकी मजबूत जोखिम प्रबंधन प्रणालियों द्वारा समर्थित है, यह रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की स्थापना के माध्यम से भारत और अन्य देशों में वित्तीय बाजारों के विकास की दिशा में भी काम कर रहा हैं

भारत के कुल 23 महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंज

हम मेसे काफी को यह लगता होंगा की भारत में सिर्फ यह दो स्टॉक एक्सचेंज ही है मगर ऐसा नहीं है इनके अलावा भारत में SEBI की मान्यता प्राप्त और 21 स्टॉक एक्सचेंजीस है यानि हालमे कुल 23 स्टॉक एक्सचेंजीस है जो पूर्णरूप से SEBI के द्वारा प्रबंधित और विनियमित किया जाता है

यहां पर भारत में 23 महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंजों की पूर्ण लिस्ट शामिल हैं :-
  1. Bombay Stock Exchange (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई)
  2. National Stock Exchange (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
  3. Metropolitan Stock Exchange of India Limited (MSEI) मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमएसईआई)
  4. Ahmedabad Stock Exchange (ASE) अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज (एएसई)
  5. Bangalore Stock Exchange Limited (BSEL) बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (बीएसईएल)
  6. Bhubaneswar Stock Exchange Limited (BSEL) भुवनेश्वर स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (बीएसईएल)
  7. Calcutta Stock Exchange Limited (CSE) कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (सीएसई)
  8. Coimbatore Stock Exchange Limited (CSX) कोयम्बटूर स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (सीएसएक्स)
  9. Delhi Stock Exchange Limited (DSE) दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (डीएसई)
  10. Guwahati Stock Exchange Limited (GSX) गुवाहाटी स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (जीएसएक्स)
  11. Hyderabad Stock Exchange Limited (HSE) हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एचएसई)
  12. Inter-connected Stock Exchange of India Limited (ISE) इंटर-कनेक्टेड स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (आईएसई)
  13. Jaipur Stock Exchange Limited (JSE) जयपुर स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (जेएसई)
  14. Ludhiana Stock Exchange Limited (LSE) लुधियाना स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एलएसई)
  15. Madhya Pradesh Stock Exchange Limited (MPSE) मध्य प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एमपीएसई)
  16. Madras Stock Exchange Limited (MSE) मद्रास स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एमएसई)
  17. Magadh Stock Exchange Limited (MSE) मगध स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एमएसई)
  18. OTC Exchange of India (OTCEI) ओटीसी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (ओटीसीईआई)
  19. Pune Stock Exchange Limited (PSE) पुणे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (पीएसई)
  20. Saurashtra Kutch Stock Exchange Limited (SKSE) सौराष्ट्र कच्छ स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एसकेएसई)
  21. Uttar Pradesh Stock Exchange Limited (UPSE) उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (यूपीएसई)
  22. Vadodara Stock Exchange Limited (VSE) वडोदरा स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (वीएसई)
  23. Vibrant Gujarat Stock Exchange Limited (VGSE) वाइब्रेंट गुजरात स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (वीजीएसई)

भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ काफी पुरानी होने के साथ – साथ उनकी लोकप्रियता आजभी बरक़रार है

यह दोनों न केवल भारत की बल्कि पुरे एशिया की सबसे पुरानी और कारोबार की द्रष्टी से बहोत बड़ी स्टॉक एक्सचेंजीस हैं

NSE & BSE के बारे में कुछ पुरानी और हाल की बातें

‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ की थोड़ी पुरानी बातें जानते है अगर आपने मेरे पुराने आर्टिकल पढ़े होंगे तो आपको यह जरुर पता होंगा की पहले के समय में जब कम्प्यूटर का इतना चलन नहीं था

साथ ही ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ भारत की नंबर वन स्टॉक एक्सचेंज है यानि उस दौर में शेयर बाजार की सुरुवात यही से हुई थी और यही से मुहजबानी शेयर खरीदें और बचें जाते थे

जिसके स्वरूप शेयर सर्टिफिकेट मिलते थे इनकी सारी प्रक्रिया ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) के जरिये होती थी इसके बाद आता है कम्प्यूटर का दौर,

भारतीय शेयर बाजार में रोजाना लाखों शेयरों का कारोबार होता है यह सिर्फ ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) के जरिये मुमकिन हुआ है

ऐसा इस लिए क्योंकि हम यह अच्छी तरह जानते है की हालके समय में पुरानी मौखिक यानि मुहजबानी शेयर सर्टिफिकेट के जरिये यह बिल्कुल मुमकिन नहीं है

जिसके सोल्यूशन के तौर पर ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ ने भारत में पहली बार ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम’ को शुरू किया हाल के समय में हम जो कम्प्यूटर के माध्यम से सौदे करते है

यानि मिनटों में कही सारे कंपनीयों के शेयरों पर ट्रेडिंग करना यह सारी सुविधाऐ हमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ के माध्यम से मिली है साथ ही स्टॉक मार्केट के क्षेत्र में भारत की इतनी तरक्की सिर्फ इन्ही की वजह से हैं

“बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज” की कुछ पुरानी और नई जानकारीयां

यहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से संबंधित कुछ हाल की और उल्लेखनीय घटनाएँ शामिल हैं :-
  • बीएसई का नया ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, बीएसई स्टार एमएफ, नवंबर 2018 में लाइव हो गया। प्लेटफॉर्म को म्यूचुअल फंड इकाइयों के लिए तेज, अधिक कुशल व्यापार की पेशकश करने के लिए डिज़ाइन किया गया था
  • मार्च 2019 में, बीएसई ने अपने नए इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, बीएसई एसटीएक्स नेक्स्ट के लॉन्च की घोषणा की, जो उपयोगकर्ताओं के लिए ट्रेडिंग अनुभव को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है
  • अगस्त 2019 में, बीएसई एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के लिए एक प्लेटफॉर्म लॉन्च करने वाला पहला भारतीय एक्सचेंज बन गया, बीएसई ईटीएफ एक्सचेंज नामक मंच का उद्देश्य भारत में ईटीएफ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना था
  • बीएसई ने सितंबर 2019 में अपना डिजिटल सिग्नेचर प्लेटफॉर्म, बीएसई ई-साइन लॉन्च किया। यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को लेनदेन को पूरा करने और एप्लिकेशन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संसाधित करने में सक्षम बनाता है, जिससे पेपर-आधारित लेनदेन की आवश्यकता कम हो जाती है
  • नवंबर 2019 में, बीएसई ने विनियमन, उत्पाद नवाचार और बाजार विकास जैसे क्षेत्रों में दो एक्सचेंजों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए चीन प्रतिभूति नियामक आयोग (सीएसआरसी) के साथ रणनीतिक साझेदारी की
  • जनवरी 2021 में, बीएसई ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में एक नया अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज, बीएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (बीएसईआई) शुरू करने की घोषणा की, बीएसईआई भारतीय कंपनियों को वैश्विक निवेशकों से पूंजी जुटाने की अनुमति देगा और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भारतीय बाजार में टैप करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा
  • फरवरी 2021 में, बीएसई ने बीएसई स्टार्टअप प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जो स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाने और एक्सचेंज पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने के लिए एक समर्पित मंच है, मंच सार्वजनिक होने की तलाश में स्टार्टअप्स के लिए एक सरलीकृत लिस्टिंग प्रक्रिया और अनुपालन आवश्यकताओं को प्रदान करता है
  • मार्च 2021 में, BSE ने सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, ताकि एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली प्रतिभूतियों के निपटान की प्रक्रिया की दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाया जा सके
  • बाजार की स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बीएसई के पास एक मजबूत जोखिम प्रबंधन प्रणाली है, जिसमें सर्किट ब्रेकर, मूल्य बैंड और निगरानी तंत्र जैसे उपाय शामिल हैं
  • बीएसई का एक लंबा और समृद्ध इतिहास है, जिसकी जड़ें 1875 से हैं इसे “नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के रूप में स्थापित किया गया था और एशिया में सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बन गया है
  • बीएसई के पास भारत के 400 से अधिक शहरों में फैले दलालों, उप-दलालों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों सहित 6,000 से अधिक प्रतिभागियों का एक विशाल नेटवर्क है
  • बीएसई के पास इक्विटी, डेरिवेटिव, करेंसी डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड सहित उत्पादों और सेवाओं की व्यापक रेंज है यह बाजार सहभागियों के लिए कई प्रकार के बाजार डेटा और अनुसंधान सेवाएं भी प्रदान करता है
  • बीएसई के पास एक सुस्थापित सूचकांक, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स है, जिसका व्यापक रूप से भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन के लिए एक बेंचमार्क के रूप में पालन किया जाता है, सेंसेक्स में बीएसई पर सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार करने वाली कंपनियां शामिल हैं
  • बीएसई वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) का एक सदस्य है, जो एक वैश्विक संगठन है जो 60 से अधिक देशों के 200 से अधिक एक्सचेंजों का प्रतिनिधित्व करता है यह सदस्यता बीएसई को दुनिया भर के अन्य एक्सचेंजों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं और ज्ञान साझा करने तक पहुंच प्रदान करती है
  • बीएसई का सस्टेनेबिलिटी और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर खासा फोकस है। इसने सूचीबद्ध कंपनियों के बीच स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और कॉर्पोरेट गतिविधियों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कई पहलें शुरू की हैं
  • बीएसई के पास एक मजबूत आपदा वसूली और एक व्यापार निरंतरता योजना है, जो यह सुनिश्चित करती है कि संकट या व्यवधान की स्थिति में व्यापार निर्बाध रूप से जारी रह सके
  • बीएसई ने अपने ट्रेडिंग सिस्टम की गति, दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश किया है इसने इसे बाजार सहभागियों के लिए एक सहज और विश्वसनीय ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करने में सक्षम बनाया है
  • बीएसई बाजार सहभागियों को शेयर बाजार की बेहतर समझ हासिल करने और उनके व्यापारिक कौशल में सुधार करने में मदद करने के लिए विभिन्न शैक्षिक और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है इन कार्यक्रमों में कार्यशालाएं, सेमिनार और ऑनलाइन पाठ्यक्रम शामिल हैं

ये बिंदु भारतीय निवेशकों और कंपनियों को पूंजी जुटाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक मजबूत, विश्वसनीय और पारदर्शी बाज़ार प्रदान करने के लिए BSE की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं

“नेशनल स्टॉक एक्सचेंज” की कुछ पुरानी और नई जानकारीयां

यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से संबंधित कुछ हाल की और उल्लेखनीय घटनाएँ शामिल हैं :-
  • 2021 तक, NSE बाजार पूंजीकरण और सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या के मामले में भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है
  • दिसंबर 2020 में, NSE ने करेंसी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग के लिए एक नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिससे यह भारत में मुद्रा वायदा और विकल्पों में ट्रेडिंग के लिए एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म की पेशकश करने वाला पहला एक्सचेंज बन गया
  • 2021 में, NSE ने कई बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के साथ साझेदारी में भारत में एक नया एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना की घोषणा की
  • सितंबर 2021 में, NSE ने कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए एक नया इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की घोषणा की, जिससे यह कमोडिटी डेरिवेटिव्स में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की पेशकश करने वाला भारत का पहला एक्सचेंज बन गया
  • एनएसई अकादमी और एनएसई-पाठशाला जैसी पहलों के माध्यम से भारत में वित्तीय साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जो शेयर बाजार में निवेश करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए शैक्षिक संसाधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है
  • एनएसई फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग, एल्गोरिथम ट्रेडिंग और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सहित भारत में नए वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को पेश करने में अग्रणी रहा है
  • एनएसई निफ्टी 50 सहित कई सूचकांकों का संचालन करता है, जिसे व्यापक रूप से भारत में सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार सूचकांकों में से एक माना जाता है और निवेशकों और बाजार सहभागियों द्वारा इसका व्यापक रूप से पालन किया जाता है
  • एनएसई की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत उपस्थिति है, इसके एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (एनएसई आईएफएससी) गुजरात, भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में स्थित है। यह एक्सचेंज वैश्विक निवेशकों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूतियों और डेरिवेटिव में व्यापार के लिए एक मंच प्रदान करता है
  • एनएसई पारदर्शिता, निष्पक्षता और निवेशक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और कॉर्पोरेट प्रशासन और जोखिम प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करता है
  • एनएसई ने प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिसमें हाई-स्पीड ट्रेडिंग सिस्टम और उन्नत जोखिम प्रबंधन सिस्टम शामिल हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह वित्तीय बाजारों में नवाचार के मामले में सबसे आगे है
  • NSE एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी है, और इसके शेयर NSE और BSE दोनों पर सूचीबद्ध हैं। यह म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और पेंशन फंड सहित संस्थागत निवेशकों द्वारा व्यापक रूप से आयोजित किया जाता है
  • NSE बाजार के प्रतिभागियों के लिए बाजार डेटा, अनुसंधान और विश्लेषण, और ट्रेडिंग सिस्टम और प्लेटफॉर्म सहित सेवाओं और उत्पादों की एक श्रृंखला भी प्रदान करता है
  • एनएसई का प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विशेष ध्यान है और इसने वित्तीय बाजारों में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें लागू की हैं उदाहरण के लिए, एनएसई ने वित्तीय बाजारों के लिए समाधान विकसित करने के लिए फिनटेक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एनएसई नेक्सजेन नामक एक फिनटेक इनोवेशन हब लॉन्च किया है
  • एनएसई के पास अपने सिस्टम और संचालन की स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा है इसमें बाजार गतिविधि की रीयल-टाइम निगरानी, ​​जोखिम प्रबंधन प्रणाली और इसके सिस्टम के नियमित तनाव परीक्षण जैसे उपाय शामिल हैं
  • NSE का स्थिरता और पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) कारकों पर एक मजबूत ध्यान है और सूचीबद्ध कंपनियों को स्थायी व्यवसाय प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है
  • NSE भारतीय वित्तीय बाजारों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति-निर्माण और नियामक पहलों में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है
  • एनएसई की सामाजिक जिम्मेदारी के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता है और भारत में वित्तीय साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहल में सक्रिय रूप से भाग लेता है उदाहरण के लिए, एनएसई ने व्यक्तियों को सूचित वित्तीय निर्णय लेने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए एनएसई वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया है
  • एनएसई को वित्तीय बाजारों में अपने मजबूत प्रदर्शन और नेतृत्व के लिए भी मान्यता मिली है उदाहरण के लिए, NSE को ट्रेडिंग वॉल्यूम और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के मामले में लगातार एशिया में शीर्ष एक्सचेंजों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है

इन पहलों और पेशकशों ने NSE को भारतीय वित्तीय बाजारों में एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति स्थापित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास में योगदान करने में मदद की है

सेबी ने NSE और BSE में किए अहम बदलाव

इन दोनों स्टॉक एक्सचेंजों (BSE और NSE) में SEBI ने समय समय पर काफी परिवर्तन किये है जो बेहद ही जरुरी थे ऐसा ही एक महत्वपूर्ण सुधारा किया गया है, हम इस सुधारे की बात करे इनसे पहले हमें थोड़ी पुरानी बाते जान लेनी चाहिये

"भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड" (SEBI) ने हाल के वर्षों में "नेशनल स्टॉक एक्सचेंज" (NSE) और "बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज" (BSE) के संचालन में कई बदलाव किए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं :-
  • सर्किट ब्रेकरों का कार्यान्वयन: शेयर बाजार में अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए सेबी ने सर्किट ब्रेकरों की शुरुआत की
  • ट्रेडिंग घंटे का विस्तार: सेबी ने वैश्विक निवेशक समुदाय को पूरा करने के लिए इक्विटी सेगमेंट में ट्रेडिंग घंटे बढ़ा दिए
  • एल्गोरिथम ट्रेडिंग का परिचय: सेबी ने शेयर बाजार में ट्रेडों के निर्बाध निष्पादन की सुविधा के लिए एल्गोरिथम ट्रेडिंग की अनुमति दी
  • अनिवार्य डीमैट ट्रेडिंग: सेबी ने कागज आधारित निपटान को कम करने के लिए सभी प्रतिभूतियों को डीमैट प्रारूप में कारोबार करना अनिवार्य कर दिया
  • साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना: सेबी सुरक्षित और सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित करने के लिए एनएसई और बीएसई के साइबर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए लगातार उपाय कर रहा है
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) की सीमा में वृद्धि: सेबी ने अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई की सीमा बढ़ा दी
  • आईपीओ प्रक्रिया को कारगर बनाना: सेबी ने “प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश” (IPO) प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए हैं जैसे की; IPO आवेदन के लिए सबसे बड़े बदलावों मेसे अहम है ASBA का परिचय यानि ASBA के द्वारा IPO कैसे भरा जाता है?, IPO का आवेदन अब कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (BHIM UPI) के जरिये भी किया जा सकता हैं
  • नए उत्पादों का परिचय: सेबी ने बाजार सहभागियों के लिए निवेश विकल्पों में विविधता लाने के लिए नए वित्तीय उत्पादों, जैसे एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), फ्यूचर्स और विकल्पों को लॉन्च करने की अनुमति दी है
  • कॉरपोरेट गवर्नेंस मानदंडों को मजबूत करना: सेबी ने अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए सूचीबद्ध कंपनियों के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस मानदंडों को मजबूत किया है
  • जोखिम प्रबंधन प्रणालियों में वृद्धि: धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए सेबी शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन प्रणालियों को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है
  • T+2 रोलिंग निपटान चक्र का कार्यान्वयन: SEBI ने शेयर बाजार में निपटान जोखिम को कम करने के लिए T+2 रोलिंग निपटान चक्र को लागू किया और हालही में सेबी ने इसको भी कम कर दिया है यानि इस ‘T+2 रोलिंग निपटान चक्र’ को ‘T+1 रोलिंग निपटान चक्र’ में परिवर्तित कर दिया है, स्टॉक मार्केट में लिस्टेड सभी शेयरों को इस ‘T+1 रोलिंग निपटान चक्र’ में शामिल कर देने से इसके सेटलमेंट सायकल ट्रेड के दुसरे ही दिन में निपटने लगेंगे
  • इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों को मजबूत करना: संवेदनशील सूचनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित नियमों को मजबूत किया है
  • हरित पहल को बढ़ावा देना: सेबी पर्यावरण और सामाजिक रूप से जिम्मेदार निवेश को प्रोत्साहित करके भारतीय पूंजी बाजार में हरित पहल को बढ़ावा दे रहा है
  • डायरेक्ट लिस्टिंग का परिचय: सेबी ने कंपनियों को पारंपरिक आईपीओ प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए सीधे स्टॉक एक्सचेंजों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी है
  • केवाईसी मानदंडों में वृद्धि: सेबी ने सुरक्षित निवेश और सुरक्षित लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए बाजार सहभागियों के लिए Know Your Customer (KYC) मानदंडों में वृद्धि की है
  • खुदरा भागीदारी को प्रोत्साहित करना: सेबी ने शेयर बाजार में खुदरा भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे छोटी बचत योजनाओं की शुरुआत और निवेश प्रक्रिया का सरलीकरण
  • विवाद समाधान तंत्र को मजबूत करना: सेबी ने शिकायतों को हल करने के लिए एक निष्पक्ष और कुशल मंच प्रदान करने के लिए शेयर बाजार में विवाद समाधान तंत्र को मजबूत किया है
  • ऋण बाजार का सुदृढ़ीकरण: सेबी विनियामक ढांचे में सुधार करके और अधिक संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करके भारत में ऋण बाजार को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है
  • नई इंडेक्स सीरीज की शुरुआत: सेबी ने बाजार सहभागियों की उभरती जरूरतों को पूरा करने और उनके निवेश के लिए एक बेहतर बेंचमार्क प्रदान करने के लिए नई इंडेक्स सीरीज की शुरुआत की है

सेबी के बदलाव से पहले

यु तो ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ अलग – अलग है, उसके कारोबार अलग है, उसकी संस्थाएं अलग है

यानि पूरी तरह से एक दुसरे से अलग कामकाज है मगर हालही में इसमें SEBI ने एक बहोत बड़ा परिवर्तन किया है SEBI ने BSE और NSE इन दोनों को मर्ज कर दिया है

इसे थोडा और स्पस्ट रूप से समजते है इस बदलाव के पेहले अगर हम किसी एक सेगमेंट (BSE या NSE) में इंट्राडे ट्रेडिंग में कोय भी सौदा करते थे तो केवल उसी सेगमेंट में उस सौदे को स्क्वेरउप (ख़रीदा हे तो बेचना या बेचा हे तो खरीदना) करना पड़ता था

उदहारण

इसे एक उदाहरण से समजते है मानलीजिये मेने BSE सेगमेंट में TCS कंपनी के 5 शेयर ख़रीदे किसी भी भाव में अब अगर मुझे यह शेयर्स आज ही बेचने है तो केवल इसे BSE सेगमेंट में ही बेचा जा सकता है

अगर गलती से TCS के 5 शेयर NSE सेगमेंट में बेच दिये तो इसका क्या परिणाम होंगा, सिम्पल है सेटलमेंट में BSE सेगमेंट में खरीदें गए TCS के 5 शेयर Demat Account में जमा होंगे और NSE सेगमेंट में बेचे गए TCS के 5 शेयर का Auction यानि 20 % तक चार्ज SEBI को देना पड़ेंगा

क्यूंकि TCS के 5 शेयर खाते में ना होने के बावजूद बेचे, BSE और NSE दोनों सेगमेंटस के बिल अपने – अपने एक्सचेंजों में बनते है यानि अगर आपने BSE और NSE दोनों सेगमेंट में काम किया है तो दोनों के बिल्स अगल – अलग बनेंगे, हाल फिलहाल में तो यह सिर्फ एक समजने की बात है

सेबी के बदलाव से बाद

अब जानते है इस नये परिवर्तन को तो अब जबकि BSE और NSE एक हो गये है यु तो दोनों अगल ही है एक होना मतलब अबसे दोनोंके सेटलमेंट एक साथ होंगे

जिनसे इंट्राडे ट्रेडिंग BSE और NSE दोनों सेगमेंट में हो सकती है क्यूंकि बिल्स केवल NSE सेगमेंट के जरिये ही बनते है फिर चाहे BSE में ही क्यूना शेयर ख़रीदे या बेचे हो बिल सिर्फ एक ही बनता है 

यदि Trade for Trade में कारोबार (ट्रेडिंग) किया है तो उसका बिल इनसे अलग बनेंगा क्योंकि उनका सेटलमेंट प्रोसेस NSE के मुकाबले थोड़ा देरी से होता है जिनके कारन उनका बिल एक अलग वलन में बनता हैं

सेबी/एक्सचेंजों और दलालों की एक श्रृंखला

शेयर बाजार में ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ यह दोनों पूरी तरह से SEBI के कन्ट्रोल में कार्य करते है

SEBI का मुख्य कार्य ही ऐसे स्टॉक एक्सचेंजों को मोनिटर करना है एक्सचेंजीस खुद शेयर की खरीद – बिक्री नहीं कर सकते है क्योंकि पुरे देश में अनगिनत शेयर्स का कारोबार होता है और ये सभी खुद करना मुमकिन नहीं है

इसी वजह से SEBI ने ब्रोकर्स का गठन किया ब्रोकर वो होते है जो BSE और NSE जेसे स्टॉक एक्सचेंजों के अंडर काम करते है और अपने क्लाइंटस को शेयर पर उचित सेवाएँ प्रदान करते है

जिसके बदले वो शेयर्स पर ब्रोकरेज लेते है इसका कुछ हिस्सा इसे SEBI को देना पड़ता है चलिए अब BSE और NSE को विस्तार से समजते हैं

निष्कर्ष

इसी के साथ हमारा यह आर्टिकल (difference between nse and bse in hindi) समाप्त होता है हमने इस टोपिक में ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) को विस्तार से समझां

साथ ही हमने जाना की यह पेहले कैसे कार्य करता था और आज SEBI के नये नियम से काफी कुछ बदल चूका है तब यह कैसे काम करता है इन बातो को जाना

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लेख से सबंधित प्रश्नों के उत्तर

NSE और BSE में क्या अंतर हैं ?

‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) यह दोनों भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजीस हैं NSE की स्थापना 1992 में हुई थी यह अपने “इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म” के लिए जाना जाता है और इसे दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक माना जाता है, जबकि BSE, 1875 में स्थापित, एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दैनिक कारोबार और ट्रेडों की संख्या के हिसाब से भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और साथ ही कारोबार करने वाली कंपनियों की संख्या के मामले में भी यह सबसे बड़ा है, इसका बाजार पूंजीकरण $2 ट्रिलियन से भी अधिक है
NSE अपने Nifty 50 इंडेक्स के लिए जाना जाता है

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?

‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) न केवल भारत का बल्कि यह एशिया का सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में स्थापित होने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज है
BSE अपने इंडेक्स, Sensex के लिए जाना जाता है, जिसे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बेंचमार्क माना जाता है

NSE और BSE में से कौन सा बेहतर हैं ?

स्टॉक मार्केट में शुरुआती निवेश करनेवाले निवेशकों के लिए BSE सही रहता है जबकि पुराने अनुभवी ट्रेडर्स के लिए NSE सही हैं

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