Stock Broker Meaning In Hindi

Stock Broker Meaning In Hindi

stock broker meaning in hindi

स्टॉक ब्रोकर‘ यह एक बेहद ही अहम कड़ी होती हैं स्टॉक मार्केट में निवेश करनेवाले निवेशकों और स्टॉक एक्सचेंजों (SEBI) के बिच और साथ ही यह शेयर बाज़ार को विकसित करने और उनका प्रचार करने में एक अहम भूमिका निभाती हैं तो आज हम इस टोपिक (stock broker meaning in hindi) के जरिये स्टॉक ब्रोकर्स क्या हैं, यह कैसे कार्य करता हैं और इनका स्टॉक मार्केट में क्या महत्व है इन सभी बातोँ को विस्तार से समजेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

Stock Broker क्या होता हैं :-

‘स्टॉक ब्रोकर’ यह शेयर बाजार की वह कड़ी है जो सेबी के द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये सामान्य जनता यानि निवेशकों को शेयर्स खरीदने और बिकवाली करने का एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करती हैं

शेयर बाजार में बिना शेयर ब्रोकर्स के शेयरों में ट्रेडिंग करना असंभव है, इसे एक सामान्य अर्थ में समजे तो ‘स्टॉक ब्रोकर’ वह कंपनी या संस्था होती है जो पूर्णरूप से सेबी के दिशा – निर्देश के आधीन होती है जिसे देश की दो सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज BSE And NSE के जरिये कन्ट्रोल किया जाता है

स्टॉक ब्रोकिंग की संस्था अपने Clients (निवेशकों) को स्टॉक मार्केट की सेवाओं के बदले में उनसे ब्रोकरेज चार्ज वसूल करती है जिसे दुसरे शब्द में कमीशन भी कहा जाता है

स्टॉक ब्रोकर्स देश के अलग – अलग राज्यों में, शहरों में स्थित होते है साथ ही यह अलग – अलग कंपनीयों में डिवाइडेड होते है जिसे हम अपनी जरूरतों के मुताबिक पसंद कर सकते है

स्टॉक ब्रोकरों के लिए रूल्स एंड रेगुलेशन

स्टॉक मार्केट में सभी स्टॉक ब्रोकर्स एक्सचेंज के नियमों (रूल्स एंड रेगुलेशन) के आधीन होते है, स्टॉक ब्रोकर्स आमतौर पर BSE और NSE एक्सचेंजीस के सदस्य होते है

भारत में युतो कही सारी स्टॉक एक्सचेंजीस है मगर यह दो स्टॉक एक्सचेंजीस BSE और NSE भारत की सबसे पुरानी और अहम स्टॉक एक्सचेंजीस है इन्ही एक्सचेंजों के जरिये देश की सभी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनीयों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है

फिर चाहे वो ऑफलाइन स्टॉक ब्रोकर्स हो या ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर्स हो इन सभी स्टॉक ब्रोकरों को स्टॉक एक्सचेंजों के द्वारा दिए गए दिशा – निर्देशों पर ही कार्य करना होता है आखिर में इन सबके ऊपर SEBI यानि Securities and Exchange Board of India स्टॉक ब्रोकरों की रेग्युलेटरी संस्था के रूप में कार्य करती है 

साथ ही एक्सचेंज के ट्रेडिंग ब्रोकर्स के सदस्यों को एक्सचेंज के नियम, विनियम और उपनियमो में निरधारित अन्य आवश्यक नियमों का पालन करना अनिवार्य होता हैं 

यदि आप अपनें लिए एक अच्छा, सुरक्षित और सेबी में सूचीबद्ध ब्रोकर्स को देखना चाहते हैं या आप आपनें ब्रोकर को सेबी की लिस्ट में Find Out करना चाहते हैं तो सेबी की इस ऑफिसियल वेबसाइट www.sebi.gov.in पर जाकर ऊपर दिए सर्च बटन पर क्लिक्क करकें उनमे अपनें ब्रोकर्स का नाम दाल के उन ब्रोकर्स की इनफार्मेशन को सेबी स्वीकृत है या नहीं यह पता लगा सकते हैं

स्टॉक ब्रोकरों के ब्रोकरेज चार्जिस

अब बात करते है ब्रोकरेजिंग स्लेब की तो आमतौर पर सभी ब्रोकिंग संस्थाओ के ब्रोकरेज शुल्क अलग – अलग होते है मगर में आपको हालके बाजार में जो ब्रोकरेज चार्जशीट चल रहे है उसके बारेंमे बताऊंगा जिसको मेने दो भाग में विभाजित किया है

एक तो Old Account Brokerage और New Account Brokerage – 

  • सबसे पहले Old Account Brokerage की बात करे तो इसमें इंट्राडे बेस ट्रेडिंग पर 8 पैसे और डिलीवरी बेस ट्रेडिंग पर 30 पैसे की ब्रोकरेज लगाई जाती है
  • इनके बाद हालमें जो Accounts खुलते है उसपर New Account Brokerage का स्लेब लगता है जिसमे इंट्राडे बेस ट्रेडिंग पर 10 पैसे और डिलीवरी बेस ट्रेडिंग पर 50 पैसे की ब्रोकरेज लगाई जाती है

यह तो हुई ब्रोकरेज की बात इस प्रकार के और भी चार्जिस लगाये जाते है जैसे की; Central GST 9%, State GST 9%, Security Turnover Tax, Stamp Duty जेसे कुछ और भी चार्जिस होते है

Stock Market Trading के लिए दो विभाग :-

शेयर बाजार के मुताबिक स्टॉक ब्रोकर को दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है इनमेसे एक तो है सामान्य ब्रोकर्स जिसे ऑफलाइन स्टॉक ब्रोकर्स भी कहा जाता है और दूसरा है ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर्स तो चलिए एक के बाद एक दोनोंको विस्तार से समजते है

ऑफलाइन ट्रेडिंग सिस्टम

पहले बात करते है ऑफलाइन स्टॉक ब्रोकर्स की तो यह किसी निश्चित जगह पर खुदकी एक संस्था या ऑफिस के जरिये अपने सभी Clients को शेयर बाजार से रिलेटेड सेवाएँ प्रदान करता है

इस प्रकार के शेयर ब्रोकर्स कोलिंग (मोबाइल) के द्वारा और साथ ही खुदके ब्रोकिंग एप्लीकेशन के जरिये शेयरों पर ट्रेडिंग यानि शेयर्स की खरीद – बिक्री करवाते है

शेयर बाजार के ट्रेडिंग ओपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए ब्रोकर्स ट्रेडिंग ओपरेटर को हायर करते है, इन जेसे और भी मैनेजमेंट होते है जिनके लिए ब्रोकर्स को अपनी ब्रोकिंग ऑफीस को चलने के लिए मेंटेनेंस के खर्चे लगते है जिसकी वजह से इनके ब्रोकरेज चार्ज के स्लेब बड़े होते है और साथ ही मार्जिन नियमों के अनुसार शेयर की नयी खरीदारी करने के लिए अग्रिम मार्जिन जमा करवा होता है जिसके बाद ही हम नए शेयरों पर ट्रेडिंग कर सकते है

ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम

अब ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर्स के बारेंमे जानते है तो इस प्रकार के ब्रोकर्स की कोई फिक्स जगह नहीं होती है यह ब्रोकर्स सिर्फ अपने ब्रोकिंग फर्म की वेबसाइट या एप्लीकेशन बनवाते है और उसके लिए अपने मुताबिक एक सरवर रूम की व्यवस्था कर लेते है

जिसके बाद उन्हें सिर्फ उस सरवर को मेंटेन करना होता है जिसके लिए उन्हें सिर्फ उसका मेंटेनेंस खर्च देना होता है जिसका मेंटेनेंस खर्च ज्यादा न होने के कारन इसकी ब्रोकरेज चार्जशीट दुसरे ब्रोकरों से कम होती है

इसमें भी अग्रीम मार्जिन अपने ऑनलाइन खाते में जमा होने के बाद ही हम किसी नए शेयरों पर खरीदारी कर सकते है अन्यथा हमारी लिमिट ऊपर से नील करके रखी होती है

इसमें खाता खुलवाने वाले Client को ऑनलाइन प्रोसेसिंग के बारेंमे थोड़ी बहोत जानकारी होना जरूरी है क्यूंकि इसमें Account खुलवाने से लेकर फंड ट्रांसफर करने की सभी प्रक्रिया खुद Client को करनी पड़ती है साथ ही उन ब्रोकर्स की वेबसाइट या एप्लीकेशन के जरिये शेयरों पर ऑनलाइन ट्रेडिंग सौदे करना यानि शेयर्स की खरीद – बिक्री करने जेसे सभी कार्य खुद Client को करने पड़ते है

इन कार्यो में भूल होने की कोई गुंजाइश ना हो वही आपके लिए अच्छा होंगा क्यूंकि इसमें गलती पर नुकसानी की भरपाई ही करनी पड़ती है 

एक खास बात यह है की इस प्रकार के ब्रोकर्स केवल ऑनलाइन ट्रेडिंग ही प्रोवाइड करते है इनमे से कुछ ब्रोकर्स फ़ोन के जरिये भी ट्रेडिंग सौदे कर देते है मगर उसके ऊपर कॉल चार्ज होते है जो काफी ज्यादा होते है इस वजह से हमें इसबात का खास ध्यान रखना है की हमारे घर या ऑफिस में जहासे हम ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रहे है वहा की इंटरनेट सुविधा अच्छीं होनी चाहिए अन्यथा आप ऑनलाइन ट्रेडिंग करने में विफल होंगे

Stock Broker के प्रकार :-

स्टॉक ब्रोकर्स को मुख्य रूपसे दो प्रकारों में विभाजित किया गया है जिसे सामान्य तौरपर भारतीय शेयर बाजार की सेवाओं (सर्विसेज), ब्रोकरेज शुल्क और अधुनिक टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए इनको सूचीबद्ध किया गया है वैसे इन दोनों टोपिक पर पहलेसे ही एक – एक आर्टिकल्स पब्लिश किए हुए जिसमें आपको इन दोनों प्रकारों में 10 – 10 ब्रोकरों की पूर्व जानकारीयों के साथ लिस्ट मिल जाएँगी तो उन्हेँ Read करना ना भूले  – 1. फुल – सर्विस शेयर ब्रोकर्स (Full – Service Stock Brokers) और 2. डिस्काउंट शेयर ब्रोकर्स (Discount Stock Brokers).

1. फुल सर्विस शेयर ब्रोकर्स (Full – Service Stock Brokers)

इसके नाम से ही पता चलता है की (Full – Service Brokers) इस प्रकार के स्टॉक ब्रोकर्स फुल सर्विस प्रोवाइड करते है यानि ये केवल शेयरों को Buy या Sell करने की ही सुविधाएं नहीं देते बल्कि यह अपने निवेशकों (Clients) को कुछ एडिस्नल सेवाएँ भी देते है

तो चलिए देखते है इनकी एडिस्नल सर्विसेज – 

  • तो इस प्रकार के स्टॉक ब्रोकरों के पास एक खास प्रकार की स्टॉक एडवाइजरी सर्विसेज की सुविधा का आयोजन होता है जिसमे पुरे शेयर मार्केट को एनालिसिस करके अपने Clients को शेयर्स पर ट्रेडिंग करने की टिप्स प्रोवाइड करते है जिसमे शेयरों पर कब ट्रेडिंग करनी चाहिए किन – किन शेयरों पर कितने समय के लिए कितना Target है और उसमे से निकलने का कोनसा Stop – Loss है, इन प्रकार की सुविधा देती है
  • यह अपने Clients को Margin Money के तहत शेयर खरीदने में हुई मार्जिन की कमी को ब्रोकर अपने Account से शेयर खरीदने की लिमिट प्रोवाइड करता है
  • इसके अलावा फोन कोल करके या ऑनलाइन एप्लीकेशन की मदद से शेयर ट्रेड को प्लेज कर सकते है
  • पोर्टफोलियों मैनेज करने की भी सुविधा देते है 
  • आखिर में यदि आप IPO में निवेश करते है तो आपको IPO भरने की ऑनलाइन या ऑफलाइन सुविधाएं मुहैया करते है 

2. डिस्काउंट शेयर ब्रोकर्स (Discount Stock Brokers)

इस प्रकार के स्टॉक ब्रोकर्स (Discount Brokers) आपको केवल शेयरों को Buy और Sell करने की ही सुविधाएं मुहैया करते है इसके अलावा और कोई विशेष सुविधाएं नहीं दी जाती है

हालाकि फुल सर्विस शेयर ब्रोकर्स के मुकाबले डिस्काउंट शेयर ब्रोकर्स की ब्रोकरेज शुल्क (चार्जिस) बेहद कम होते है और इसमें ज्यादातर कार्य आपको खुद करने पड़ते हैं

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों अब आपको पता चल चूका होंगा की ‘स्टॉक ब्रोकर’ की शेयर बाज़ार में क्या अहमियत हैं साथ ही हमनें जाना की शेयर ब्रोकर की वास्तविक परिभाषा क्या है, यह शेयर बाज़ार के निवेशकों और शेयरों को मिलाने की एक कड़ी समान है जिसको खुद सेबी के द्वारा लागु किए रूल्स एंड रेगुलेशन को फोलोअप करना हैं और साथ ही अपनें सभी निवेशकों को भी उन नियमों पर चलने के लिए जागरूक करना होता हैं जिनसे स्टॉक मार्केट में एक बेहद ही अहम किरदार निभानेवाली संस्था कहलाती हैं तो दोस्तों हमारा यह आर्टिकल (stock broker meaning in hindi) यही समाप्त होता है, धन्यवाद

Sharing Is Caring:  

Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

Leave a Comment