दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज

दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज

दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज

हेल्लो दोस्तों आज मे आपके लिए एक स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे आर्टिकल लेकर आया हु जोकि ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज‘ के बारेंमे हैं वैसे यह स्टॉक एक्सचेंज केवल कुछ क्षेत्र तक ही सीमित हैं हालांकि यह स्टॉक एक्सचेंज भारत के अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों की सूचि में आता फिरतो हमें इसे जानना और समजना बनता हैं तो चलिए इस महत्वपूर्ण टोपिक को शुरू करते हैं

दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की सामान्य बातें :-

‘Delhi Stock Exchange’ आज हम इस स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे जानने वाले है, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ जिसे ‘डीएसई’ के शोर्ट नाम से भी जाना जाता है

हमने भारत के दो अहम स्टॉक एक्सचेंज ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे अलग आर्टिकल में विस्तार से जाना और साथ ही हमारे देश में यही दो स्टॉक एक्सचेंजीस नहीं बल्कि SEBI की मान्यता प्राप्त भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंजीस शामिल है

मगर आज हम इस आर्टिकल (दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज) में उन मेसे एक ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे जानेंगे, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ नई दिल्ली, भारत में स्थित है और इसकी स्थापना 25 जून 1947 में हुई थी तब से इसने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को सुगम बनाकर अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

जिससे भारत के उत्तरी क्षेत्र में एक उचित उत्साहजनक इक्विटी पंथ का निर्माण हुआ है और साथ ही ‘डीएसई’ देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है

इनसे पहले दो संस्थाए हुआ करती थी ‘दिल्ली स्टॉक एंड शेयर ब्रोकर्स एशोसिएशन लिमिटेड’ और ‘दिल्ली शेयर एक्सचेंज लिमिटेड’ बाद में इन दोनों संस्थाओ को मर्ज करके भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों मेसे एक और पांचवें स्टॉक एक्सचेंज के रूप में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ का गठन हुआ

यह उतर भारत में टर्मिनलों में कुल 50 से ज्यादा शहरों के साथ जुदा हुआ हैं, इस स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 3000 से भी अधिक सूचीबद्ध कंपनीयों के स्टॉक लिस्टेड है, ‘Delhi Stock Exchange’ SEBI से पूर्णरूप से BSE से बाजार नियामक की अनुमति प्राप्त कर चूका हैं

दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की DP सर्वीस

Delhi Stock Exchange (डीएसई) की डीमेटरियलाईजड़ ट्रेडिंग की बात करे तो ‘Delhi Stock Exchange’ की डीमेट शाखा को ‘नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड’ (NSDL) की संस्था के साथ कोलोब्रेसन किया गया है 

‘Delhi Stock Exchange’ में ट्रेडिंग करने के बाद जो शेयर होते है उसे इन संस्था के द्वारा सुरक्षित Demat Account में रखा जाता है इसकी शुरुआत सितम्बर, 1998 को हुई थी हालाकी, शेयरों को भोतिक यानि डीमेट फॉर्म में रूपांतरित करने का विकल्प दो महीने बाद शुरु किया गया था

‘डीएसई’ का इरादा भारत में पूंजी बाजार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपने उत्पादक संसाधनों को चैनलाइज करने का है

चलिए अब ‘Delhi Stock Exchange’ (डीएसई) में किन – किन समयों में क्या – क्या बदलाव किये गए है उनकी टेबल लिस्ट देखते हैं 

दिनांक (Date)डीएसई की समय सरचना की जानकारी
जून, 1956Chopri, में लेनदेन की रिकॉर्डिंग
दिसंबर, 1957एससीआरए (प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956) के तहत मान्यता
मार्च, 1982SCRA के तहत स्थायी मान्यता
फरवरी, 1987कम्प्यूटरीकृत व्यापार की शुरुआत
फरवरी, 1988डीएसई सूचकांक का शुभारंभ
मार्च, 1989निवेशक संरक्षण कोष का गठन
अप्रैल, 1992डीएसई इंडेक्स 1,000 अंक के पार
जून, 1996सहायक कंपनी यानी डीएसई फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (डीएफएसएल) का गठन
अगस्त, 1997ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ
दिसंबर, 1997डीएसई हाउस का उद्घाटन
जून, 2009जमा-आधारित ट्रेडिंग सदस्यता (डीटीएम) का शुभारंभ

Delhi Stock Exchange (डीएसई) ने अपनी 1.25 अरब व्यापार गारंटी फंड की शुरुआत 27 जुलाई 1998 की थी, ‘Delhi Stock Exchange’ के सभी शेयरों के लेनदेन की गारंटी टीजीएफ स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से दी जाती है

यदि कोई सदस्य समझौता प्रतिबद्धता का सम्मान करने में विफल रहता है, तो टीजीएफ प्रतिबद्धता को पूरा करने और बिना किसी व्यवधान के सभी निपटान को पूरा करने का प्रयास करता है

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमनें इस टोपिक में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ की सामान्य बातोँ को जाना जिसमें भारत में मोजूद अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों में यह स्टॉक एक्सचेंज 5 वें नंबर पर आता हैं साथ ही इसकी डिपोजिटरी सर्वीस यानि डिमेट विभाग भारत की अहम संस्था NSDL के नेतृत्व में आती हैं जिनसे इनकी अहमियत और भी हाई हो जाती हैं तो फ़िलहाल इस आर्टिकल में इतनाही फिर मिलेंगे, धन्यवाद

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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