PSU Meaning In Hindi

PSU Meaning In Hindi

psu meaning in hindi

हेल्लो दोस्तों आज हम PSU यानि ‘Public Sector Undertaking’ के बारेंमे समजने वाले है, इसे हिन्दी में ‘सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम’ के नाम से जाना जाता हैं तो चलिए समजते है की PSU क्या है, इसका क्या महत्त्व है और इसका इतिहास क्या हैं (psu meaning in hindi)

PSU क्या होता हैं :-

PSU यानि ‘पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग’ यह ऐसी संस्था (कंपनी) होती हैं जिसका कारोबार पूरी तरह से सरकार के आधीन होता हैं

इसकी एक और समज है की उस कंपनी का 51% या उनसे ज्यादा का शेयर्स भारत सरकार यानि केंद्र सरकार के पास होना चाहिए या वह कंपनी देश के किसी भी राज्य में स्थित हो उनके शेयर्स स्टेट गवर्नमेंट या किसी स्थानीय सरकार के पास हो तो वह कंपनी सरकार मान्य कहलाएंगी जिसे सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम यानि PSU कहा कहा जाता हैं

पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में देश में मोजूद सभी प्रकार के पब्लिक सेक्टर्स की कंपनीयां शामिल है जिसमे इंडस्ट्रियल कंपनीयां, बैंकिंग सेक्टर की बैंक और साथ ही पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज जैसी सभी संस्थाए शामिल होती हैं    

‘पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग’ को PSE के नाम से भी जाना जाता हैं जिसका पूरा नाम ‘पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज’ हैं यह आमतौर पर एक संस्था ही कहलाती है जिसे कंपनी एक्ट 2013 के आधार पर लिया गया हैं

PSU का भारत के विकास में योगदान

‘पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग’ का महत्त्व हमारे देश की आजादी के बादसे बेहद ज्यादा हो गया है क्योंकि जब हमारा देश आजाद हुआ तब देश में किसी के पास इतने फंड्स नहीं थे की वो अपनी खुदकी कंपनी शुरू करने का सोचे तब सरकार ने अपने अहम रोल के साथ देश के व्यापारिक जगत में क्रांति लाने के लिए विचार किया

साथ ही लम्बे समय में वो खुद अपने हालत में विकसित बने इसलिए सरकार ने उन इंडस्ट्रियल कंपनीयों में फंड्स (कैपिटल) इन्वेस्ट किया ताकि वह अपनें व्यापारिक क्षेत्र को आगे बढ़ा सके और देश में रोजगार बढ़ सके, सामान्य लोगो के पास पैसे आए ताकि वह देश के विकास में अपना योगदान दे सके, इन सभी बातोँ से PSU का महत्त्व सामने आता हैं

PUS कंपनीयों का देश के विकास में बेहद अहम भूमिका निभाई है जिसने देश के इंडस्ट्रियल अर्थव्यवस्था को विकसित बनाया हैं, देश की स्वतंत्रता के बाद रोजगार पूरा करने में काफी मदद मिली हैं, जीवन आवश्यक चीजो की बढ़ती कीमतों को नियत्रण में रखना, समाज कल्याण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाना आदि जैसे विकास कार्यक्रम को पूर्ण करने में इन सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमो ने काफी मदद की हैं 

प्राइवेटाइजेशन क्या हैं

अब बात करते है प्राइवेटाइजेशन की तो इसका सामान्य अर्थ यह है की जब सरकार किसी कंपनी के कार्यभार को किसी दूसरें प्राइवेट कंपनी को सोपती है, इसका एक ताज़ा उदाहरण देखे तो हालही में सरकार ने Air India को भारत के सबसे बड़े कहे जाने वाले ग्रुप Tata Sons को 18,000 करोड़ में वापिस ख़रीदा वापिस इसलिए क्यूंकि 68 साल पहले यह कंपनी Tata Groups की ही थी जिसे सरकार ने वापिस कर दिया 

इसी में हम ‘डिसइनवेस्टमेंट’ और ‘स्ट्रेटेजिक डिसइनवेस्टमेंट’ के बारेंमे सामान्य बातें जानते हैं तो मानलीजिये सरकार के पास किसी कंपनी का 100% शेयर है अब सरकार उस कंपनी का 25% हिस्सा किसी और कंपनी को बेचना चाहती है तो इस प्रोसेस को डिसइनवेस्टमेंट कहा जायेंगा 

अब स्ट्रेटेजिक डिसइनवेस्टमेंट में बात करे तो हम सभी यह जानते है की किसी भी कंपनी का ओनरशिप रखने के लिए उस कंपनी का कम से कम 51% का शेयर्स होना जरुरी है अब इस कैश में सरकार अपनी किसी कंपनी का शेयर्स 51% से कम कर देती हैं तो से स्ट्रेटेजिक डिसइनवेस्टमेंट कहा जायेंगा, स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स में देश के विकास और सुरक्षा से जुडी सभी कंपनी आती हैं – 

  • Defense Warships and Aircraft (रक्षा युद्धपोत और विमान)
  • Atomic Energy (परमाणु ऊर्जा)
  • Arms and Ammunition of Equipment (उपकरण के हथियार और गोला बारूद)
  • Railway (रेलवे)
  • Application of Radiation to Agriculture and Medicine (कृषि और चिकित्सा में विकिरण का अनुप्रयोग)

पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग का इतिहास :-

भारत देश की आजादी के बाद वर्ष 1951 में सार्वजनिक क्षेत्र के केवल 5 सार्वजनिक उद्यम  थे, फिर जैसे – जैसे समय बीतता गया वैसे – वैसे इनकी सख्या बढ़ती गई, मार्च 2021 तक सार्वजनिक उद्यमों की सख्या 365 थी जिनमे नये 7 रक्षा सार्वजनिक उपक्रम मोजूद थे

इन उद्यमों ने 31 मार्च 2019 तक लगभग Rs.16.41 लाख करोड़ के कुल निवेश का प्रतिनिधित्व किया था उसके बाद 31 मार्च, 2019 को उनकी कुल पूंजी लगभग Rs.2.76 लाख करोड़ थी, CPSE ETF की संस्था ने वित्तीय वर्ष 2018 – 19 के दौरान लगभग Rs.25.43 लाख करोड़ का राजस्व अर्जित किया था

हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आयात प्रतिस्थापन औद्योगीकरण पर आधारित एक आर्थिक नीति को बढ़ावा दिया जिसमे सार्वजनिक उद्यमों का विकास करना और उसे बनाए रखना देश के विकास की मौलिकता है

उनका यह मानना ​​था कि बुनियादी और भारी उद्योग की स्थापना के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और आधुनिकीकरण के लिए मौलिक थी, उनकी विकास योजना को डॉ . वी. कृष्णमूर्ति ने आगे बढ़ाया जिसे “भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के जनक” के रूप में जाना जाने लगा

उनके बाद वर्ष 1969 में इंदिरा गांधीजी की सरकार ने भारत के 14 सबसे बड़ी निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को तिन भागों में वर्गीकृत किया गया हैं

  1. केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (CPSU)
  2. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक (PSU Banks) – हालमे भारत में कुल 13 राष्ट्रीयकृत बैंक मोजूद हैं
  3. राज्यों के सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यम (PSE)

सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम के नवरत्न :-

इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा वर्ष 1997 को पहलीबार 9 कंपनीयों को सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम बनाया था जिसे नवरत्नों का खिताब दिया गया, पहलीबार नवरत्नों में शामिल कंपनीयों के नाम के साथ-साथ उन सभी कंपनीयों में हालमे सरकार (गवर्नमेंट) के कितने शेयर्स है यानि उन कंपनीयों में सरकार की हिस्सेदारी कितनी हैं तो चलिए देखते हैं –

1. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) – 63.17%

2. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) – 52.98%

3. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) – 54.90%

4. इंडियन ऑयल कारपोरेशन (IOC) – 51.50%

5. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) – 56.89%

6. ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ONGC) – 60.41%

7. नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) – 51.10%

8. स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) – 65%

9. गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (GAIL) – 51.80%

जेसे – जेसे समय बीतता गया वैसे – वैसे इन नवरत्नों की सख्या में बढ़ोतरी होती गई हालमे इस लिस्ट की सख्या तकरीबन 18 तक पहुच गई हैं, नवरत्नों के साथ ही महारत्न और मिनीरत्न की भी रचना की जिनमे उन सार्वजनिक उपक्रमो को शामिल किया गया जो देश के विकास में अहम योगदान प्रदान करती कंपनीयां हैं, तो चलिए बाकीके उन नवरत्नों के नाम की यादी को देखते हैं

10. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) – 51.14%

11. हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) – 75.15%

12. पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (PowerGridCorp) – 51.34%

13. नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NMDC) – 60.79%

14. रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड (REC) – 52.63%

15. नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) – 51.28%

16. पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) – 55.99%

17. शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) – 63.75%

18. कोल इंडिया लिमिटेड (CoalIndia) – 66.13%

निष्कर्ष :-

‘Public Sector Undertaking’ यानि ‘सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम’ को हमने इस आर्टिकल (psu meaning in hindi) के माध्यम से समजा जिसमे हमने PSU क्या होता हैं यह समजा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को तिन पार्ट में विभाजित किया गया हैं 

जिसमे पहला केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (CPSU), दूसरा सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक (PSU Banks) और तीसरा राज्यों के सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यम  (PSE) शामिल है, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के 18 नवरत्नों के नाम की सूचि देखि साथ ही इनके जैसे महारत्न और मिनीरत्न भी होते हैं और आखिर में PSU का इतिहास जाना यही पर हमारा यह टोपिक समाप्त होता हैं यदि आप स्टॉक मार्केट के ऐसे ही और आर्टिकल्स पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट sharemarketwale.com को फोलोअप जरुर करें, धन्यवाद

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