Liquidity Hindi Meaning

Liquidity Hindi Meaning

liquidity hindi meaning

लिक्विडिटी‘ इसका इस्तेमाल स्टॉक मार्केट में कैसे होता हैं और साथ ही यह लिक्विडिटीआखिरकार होती क्या हैं इनसे जुड़े सभी प्रकार से सवालों के जवाब देखेंगे तो बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं (liquidity hindi meaning)

Liquidity क्या होती हैं :-

हेल्लो दोस्तों आज मैं आपके लिए शेयर बाजार के कारोबारी ट्रेडिंग से रिलेटेड टोपिक लेकर आया हु जिसे ‘लिक्विडिटी’ के नाम से जाना जाता है और इसे ‘तरलता’ भी कहा जाता है साथ ही इसे बाजार के पुराणींक शब्दावली के अनुसार ‘चल निधि’ भी कहा जाता है

Liquidity को आसान शब्दों में समजे तो स्टॉक मार्केट के इन उतार – चढ़ाव के बिच किसी चीज को खरीदने के लिए उसकी कीमतों की स्थिति निरंतर बनी रहे तो एसा मान सकते है की उनमे पर्याप्त तरलता है

लिक्विडिटी यानि तरलता चीजों के उन स्तर का वर्णन करते है जिस पर परिसंपत्ति की कीमतों को बिना प्रभावित किये उन संपत्ति या शेयर को बाजार में तुरंत ख़रीदा या बेचा जा सकता है

या यु कहे की लिक्विडिटी उन स्थिति को बरक़रार रखने में मदद करती है जिन पर शेयर बाजार या प्रोपर्टी बाजार में संपत्तियों या स्टॉक्स के कारोबार की कीमतों को स्थिरता पर रखा जा सकता हैं   

तरलता आमतौर पर किसी भी व्यवसाय या निवेश में बाजार चल निधि (मार्केट लिक्विडिटी) की कीमतों में उल्लेखनीय उतार – चढ़ाव के बिना यानि मूल्य में न्यूनतम हानि के साथ परिसंपत्ति की विक्रय क्षमता को प्रदर्शित करता है

लिक्विडिटी का महत्व

चल निधि में कही चीजों और निवेशो में रिस्क का प्रमाण अधिक होता है, ऐसा कई बार होता है की बाजार में खरीददार ना मिलने पर प्रोपर्टी को उसकी मार्केट वैल्यूएशन से कम कीमतों पर बेचना पड़ सकता है

इस समस्या के समाधान स्वरूप आपको यह सुनिश्चित करना पड़ेंगा की आप जब भी कभी परिसंपत्ति में निवेश करे तो इस बात का ध्यान रखे की उन परिसंपत्तियों में तरलता यानि लिक्विडिटी का प्रमाण अधिम हों

Liquidity की विशेषताएं :-

चलिए अब लिक्विडिटी परिसंपत्ति की कुछ विशेषताएं जानते है – 

  • इसकी मदद से बाजार में लेनदेन की समय सीमा के भीतर कम से कम कीमतों की हानी के साथ तेजीसे बेचा जा सकता है
  • इस अर्थ सुलभ बाजार की आवश्यकता के मुताबिक इसमें सभी निवेशक फिर चाहे वो खरीदार हो या विक्रेता दोनों ही यहाँ पर सौदे के लिए तैयार मिलते है
  • इसकी एक और खासियत है की अगले कारोबार का निष्पादन अंतिम कारोबार के मूल्यों के बराबर हो जाता है
  • मार्केट को पूरी तरह अर्थ सुलभ तभी माना जा सकता है जब उसमे बड़ी सख्यां में इच्छुक क्रेता और विक्रेता तैयार हो
  • चल निधि को एक ऐसी इकाईयों के रूप में नापा जा सकता है जो दी गई कीमतों के प्रभाव के लिए ख़रीदा या बेचा जा सकता हो
  • विपरीत अवधारणा बाजार का विस्तार कराती है जिसे प्रति यूनिट चल निधि की कीमत के प्रभाव से नापा जाता है
  • लिक्विडिटी को इस हेतु से नापा जाता है ताकि यह पता चल सके की उसे कितनी बार ख़रीदा और बेचा गया हैं

Liquidity का उदाहरण :-

लिक्विडिटी यानि चल निधि को उदाहरण के माध्यम से समजते है, आमतौर पर नकदी को तरलता के लिए मानक माना जाता है क्योंकि यह अन्य संपत्तियों में से सबसे आसानी से परिवर्तित की जा सकती है

उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति को Rs.80,000 की कीमत का एक बाइक खरीदना है जिसके लिए उसे आमतौर पर नकदी (कॅश) का उपयोग करना पड़ेंगा मगर यदि उसके पास उतनी राशी नकदी स्वरूप में नहीं बल्कि सोने (Gold) के स्वरूप में हो और उसके बदले में बाइक खरीदना चाहता है तो इस कैश में उसे थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पद सकता है यानि उसे पहले अपने पास रहे सोने को बेचना पड़ेंगा जिसके स्वरूप मिली राशी की मदद से वह बाइक को खरीद सकेंगा

तो इसमें हम यह समज पायेंगे की नकदी (Money) की लिक्विडिटी सोने (Gold) से अधिक है, इसी प्रकार से स्टॉक मार्केट की लिक्विडिटी को भी हम बड़ी आसानी से समज सकते है

स्टॉक मार्केट लिक्विडिटी का उदाहरण

वैसे तो शेयर बाजार में लगभग (ऑलमोस्ट) सभी शेयरों की तरलता उपलब्ध होती है जिनसे हम अपने इच्छानुसार अपनी कीमतों पर उसे तुरंत खरीद या बेच सकते है क्योंकि उस समय उन स्टॉक्स पर खरीदनेवाले और बेचनेवाले शामिल होते है जिसकी मदद से उनमे तेजगति से सौदों का कारोबार हो जाता है तो इन शेयरों में हम यह कह सकते है की ऐसे स्टॉक्स में लिक्विडिटी का प्रमाण अधिक है

मगर, कुछ कंपनीयों के शेयर्स ऐसे भी होते है जिनमे आये दिन सर्किट ब्रेकर्स लगते रहते है, इसमें एक बात तो क्लीयर है की वह सर्किट अपर – सर्किट हो या लोअर – सर्किट हो मगर उसकी कीमत फिक्स हो जाती है यानि अगर स्टॉक पर अपर – सर्किट है इसका मतलब उनमे सभी खरीदार ही है जिनसे बेचना आसन और खरीदना मुश्किल हो जाता है

उसी प्रकार अगर किसी स्टॉक पर लोअर – सर्किट है इसका मतलब उनमे सभी विक्रेता ही है जिनसे खरीदना आसन और बेचना मुश्किल हो जाता है, इसी प्रकार रियल एस्टेट बाजार में लिक्विडिटी कम देखने को मिलती हैं

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