Portfolio Meaning In Hindi

Portfolio Meaning In Hindi

portfolio meaning in hindi

हेल्लो दोस्तों ‘Portfolio‘ यह हमारें स्टॉक मार्केट के सफ़र में बेहद अहम भूमिका निभाता हैं यानि एकतरह से हम यह कह सकतें है की शेयर बाज़ार के इन्वेस्टमेंट की पूर्ण डिटेल्स हमें पोर्फोलियो के माध्यम से मिलती हैं जिसमें कोन – कोन से शेयरों में हमनें कितना निवेश किया है और उनमे कितना प्रॉफिट या लोस हो रहा है जैसी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की संपूर्ण इन्फोर्मेशन प्राप्त कर सकते हैं तो चलिए इसे विस्तार से समजते हैं (portfolio meaning in hindi)

Portfolio क्या होता हैं :-

‘Portfolio’ इसे व्याख्यायित करने के शेयर मार्केट में बहोत सारे तरीके है, पोर्टफोलियो यानि स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की जानकारी देने वाला एक तरह का टूलबार या स्टेटमेंट भी कह सकते है, इसके जरिये शेयर बाजार के हमारे संपूर्ण इन्वेस्टमेंट की जानकारी इकट्ठा कर सकते है

Stock Market Portfolio एक प्रकार का हार्ड कॉपी स्टेटमेंट हो सकता है या सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स भी हो सकता है, पोर्टफोलियो का निर्माण करना निवेशक के इन्वेस्टमेंट पर रहे जोखिम के प्रमाण को सीमीत रखने की रणनीति का एक भाग है तो इस प्रकार की जानकारियों को देनेवाले को ‘पोर्फोलियो’ कहा जाता हैं

स्टॉक मार्केट में पोर्फोलियो से कैसी इन्फोर्मेशन मिलती हैं

पहले यह किन – किन प्रकारों की इन्फोर्मेशन मुहैया करता है इसके बारेंमे बात करते है तो ‘पोर्टफोलियो’ की मदद से हमें यह जानकारी मिलती है की आखिरकार हमने शेयर बाजार में शुरू से लेकर अब तक कितने पैसो का इन्वेस्टमेंट किया है और साथ ही उनमेसे किन – किन सेक्टरों के किन – किन शेयरों में कितनी क्वांटिटी के हिसाबसे निवेश किया है और उन सभी शेयरों मेसे किन शेयरों में कितना प्रॉफिट है और किन शेयरों में कितना लोस है यह भी जान सकते है

साथ ही इन सभी जानकारियों को उनके Date, Month and Year के हिसाबसे भी देखा जा सकता है साथ ही सभी पुराने ख़रीदे हुए शेयरों को हालके Current Market Price से तुलना करके उनकी स्थिति को जान सकते है यानि पोर्टफोलियो को शोर्ट में कहे तो यह एक प्रकार का स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट का इन्फोर्मेशन गाइड (मार्गदर्शक) है

पोर्टफोलियो की निर्माण प्रक्रिया

पोर्टफोलियो एक प्रकार का निर्माण (मेकिंग) प्रोसेस है इसका दो प्रकार से निर्माण किया जा सकता है – 

  • एक तो व्यक्तिगत रूप से खुद पोर्टफोलियो का निर्माण करना यानि अपने ब्रोकर के सॉफ्टवेयर के द्वारा या किसी प्राइवेट संस्था जैसे की; Money Controle Apps के जरिये भी अपने शेयरों के पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते है
  • दूसरा है Full – Service Stock Broker के द्वारा बनाया गया स्टॉक्स पोर्टफोलियो, यह प्रक्रीया थोड़ी एक्सपेंसिव हो सकती है क्योंकि इसमें आपके पोर्टफोलियो का निर्माण खुदसे नहीं बल्कि हमारे ब्रोकर के द्वारा होता है जिसके लिए वह उसकी उचित फीस चार्ज करता है

तो अब आपको Portfolio क्या होता है उसकी सामान्य जानकारी मिल चुकी होंगी, तो चलिए आगे बढ़ते है हमारे इस टोपिक में और इसे संपूर्ण जानकारियों के साथ समजते हैं

पोर्टफोलियो का इन्वेस्टमेंट प्लान

Portfolio को युतो कही सारे अलग – अलग इन्वेस्टमेंट प्लान पर लागु किया जा सकता है मगर हम सिर्फ स्टॉक मार्केट के इन्वेस्टमेंट पर मुख्य दो प्लान के बेस पर पोर्टफोलियो के निर्माण के बारेंमे बात करने वाले है

एकतो हमारे रेग्युलर BSE/NSE Cash Market और दूसरा Mutual Funds के बारेंमे, जैसे शेयर बाजार में इन दोनों इन्वेस्टमेंट की प्रक्रीया अलग – अलग होती है उसी प्रकार इन दोनों निवेश के प्लेटफार्म पर उनके हिसाबसे पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाता है

यदि पोर्टफोलियो का निर्माण मार्केट के सभी परिबळ को ध्यान में रखते हुए किया जाये तो यह आपके मुनाफे को बढ़ाने में मदद कर सकता है और साथ ही आपके नुकसान को भी कम कर सकता है

Portfolio के आंतरिक प्रकार :-

Portfolio के युतो कही सारे प्रकार होते है उनके Exact प्रकारों के बारेंमे हम आगे विस्तार से समजेंगे फ़िलहाल उनके इंटरनल टाइप्स के बारेंमे समजते है

ऑटो – अपडेट पोर्टफोलियो

एक तो ऐसे टाइप के पोर्टफोलियो होते है जो एडवांस टेक्नोलॉजी के स्वरूप सभी प्रकार के चेंजिस अपने आप कर देते है यानि सभी स्टॉक्स के प्रॉफिट और लोस के अपडेट के अलावा शेयरों की नई खरीदी को ऐड करना या शेयरों की बिकवाली को माइनस करना इन जैसे अपडेट को ऑटोमेटिक पोर्टफोलियो में अपडेटेड रखना

इस प्रकार के पोर्फोलियो सिर्फ और सिर्फ Full – Service Stock Broker के द्वारा जारी किया जाता है क्योंकि शेयरों पर सभी सौदे (खरीद/बिक्री) उनके द्वारा या उनके Online Trading App के जरिये किया जाता है जिनके कारन इनके पोर्टफोलियो में सभी प्रकार के अपडेट ऑटोमेटिक हो जाते है जिनसे ट्रेडर्स को खुदसे किसी प्रकार के अपडेट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं

व्यक्तिगत – अपडेट पोर्टफोलियो

दुसरे ऐसे टाइप के पोर्टफोलियो होते है जिसमे हमें खुद व्यक्तिगत रूप से कुछ प्रकार के बदलाव करने पड़ते है यानि इसमें हमें डिलीवरी ट्रांजेक्सन से जुड़े बदलाव खुद करने पड़ते है

जैसे की; नये शेयरों की खरीदी को उनके Price, Quantity and Date की माहिती को Buy पर Add करना और इसी प्रकार शेयरों की बिकवाली को Sell पर Minus करना और साथ ही यदि हम हमारे पोर्टफोलियो में पहले से ही कोई स्टॉक ऐड है और हमने वही स्टॉक को फिरसे ख़रीदा है तो उसी प्रकार हमें उसे ऐड करना पड़ेंगा जिसे बादसे उस स्टॉक की टोटल क्वांटिटी की एवरेज प्राइस शो करेंगी

यह सभी प्रकार की पोर्फोलियो निर्माण की प्रोसेस हमें मैन्युअल करनी पड़ेंगी क्यूंकि हम हमारे पोर्टफोलियो का निर्माण किसी प्राइवेट Apps के जरिये करते है जिसका हमारे ब्रोकर्स या डीलरों के साथ कोई निस्बत नहीं होती है, तो हमने इन इंटरनल टाइप्स के पोर्टफोलियो के बारेंमे विस्तार से चर्चा की अब हम इसके मुख्य प्रकारों के बारेंमे विस्तार से जानकारी एकत्रित करते हैं

Portfolio के प्रकार :-

तो चलिए पोर्टफोलियो के अलग – अलग प्रकारों के बारेंमे समझते हैं जिसमे सबसे पहले आता है ‘इंडिविजुअल/जॉइंट पोर्टफोलियो’ उसके बाद ‘डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो’ तीसरे नंबर पर ‘एग्रेसिव पोर्टफोलियो’ चोथे क्रमांक पर ‘डिफेंसिव पोर्टफोलियो’ और आखिर में ‘मॉडरेट रिस्की पोर्टफोलियो’ को हम विस्तारपूर्वक समझते हैं

Individual / Combined (Joint) Portfolio (व्यक्तिगत / संयुक्त पोर्टफोलियो)

इस प्रकार के पोर्टफोलियो वह निवेशक बनाते है जो केवल अपने स्टॉक मार्केट के निवेश की ही इन्फोर्मेशन रखना चाहते है, इसी स्थिति में अगर देखे तो एक निवेशक या उनसे ज्यादा निवेशकों के द्वारा किसी अलग – अलग निवेश प्लेटफार्म पर इन्वेस्टमेंट किया हो, तब उस स्थिति में उन निवेशकों का एक सामान्य पोर्टफोलियो का निर्माण किया जा सकता है जिसे Combined Portfolio के नाम से जाना जाता हैं

जैसे किसी म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट का पोर्टफोलियो Combined Portfolio कहलाता है, क्यूंकि उसमे एक से ज्यादा व्यक्तियों के द्वारा निवेश किया हुआ होता है

Diversified Portfolio (विविध पोर्टफोलियो)

इसे दुसरे शब्दों में Hybrid / Balanced Portfolio (संतुलित पोर्टफोलियो) के नाम से भी जाना जाता है, इस प्रकार के पोर्टफोलियो में सभी प्रकार के फंड को मिलाकर एक अच्छा बैलेंस्ड पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाता है

जिसमे डेब्ट फंड, गवर्नमेंट बांड्स के साथ – साथ ऐसे स्टॉक्स भी शामिल है जिनमे अधिक जोखिम के साथ अधिक मुनाफे के असार दीखते हो, इन सभी को मिलाकर एक जोखमी पोर्टफोलियो का निर्माण होता है, यह फंड्स डेब्ट फंड से अधिक रिस्की होते है मगर इक्विटी फंड से कम रिस्की होते है     

पोर्टफोलियो को Diversify करने का मतलब आपके निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करना होता है, इसकी मदद से आपका इन्वेस्टमेंट डिवाइड हो जाता है यानि आपका निवेश किसी एक विकल्प में ना रह कर बहोत से अलग – अलग विकल्पों में रहे जिनसे लोस की संभावना कम हो और प्रॉफिट ज्यादा मिल सके

Aggressive Portfolio (आक्रामक पोर्टफोलियो)

इसे High Risky Portfolio भी कहा जाता है, यह पोर्टफोलियो आमतौर पर लम्बी अवधि के इन्वेस्टमेंट पर आधारित होता है, इस पोर्टफोलियो का असली मक्सद लम्बी अवधि के निवेश पर अच्छीखासी Income Generate करना है

इस वजह से इस पोर्टफोलियो में ज्यादातर Equity को ही शामिल किया जाता है क्योंकि इक्विटी के इन्वेस्टमेंट में रिस्क ज्यादा होने के साथ – साथ Long Term Return भी ज्यादा होता है

अगर किसी निवेशक का Long Term Goal है तो उसे Aggressive Portfolio की मदद से हासिल किया जा सकता है और साथ ही इस पोर्टफोलियो में स्मालकैप या लार्जकैप शामिल हो साथ ही ग्रोथ स्टॉक्स और मल्टीबैग्गर भी शामिल है, इस प्रकार का पोर्टफोलियो उन निवेशकों इ लिए उचित है जो अधिक रिस्क लेने की क्षमता रखते हो साथ ही जिनकी लायबीलिटीज भी कम हो

Defensive Portfolio (रक्षात्मक पोर्टफोलियो)

इस प्रकार के पोर्टफोलियो में निवेशक ऐसे स्टॉक्स और फंड्स में निवेश करता है जिसमे रिस्क का प्रमाण कम हो, एक ऐसा पोर्टफोलियो जिसमे कम रिस्क वाले लार्जकैप स्टॉक्स, ब्लूचिप फंड, बांड्स और डेब्ट फंड्स शामिल हो और साथ ही जिसमे लोस का प्रमाण कम हो ऐसे निवेश के अलग – अलग पार्ट के समूह को रक्षात्मक पोर्टफोलियो कहा जाता हैं        

ऐसे पोर्टफोलियो खासकर वह निवेशक बनाते है जिन्हें कम जोखिम के साथ – साथ लम्बे समय के लिए एक फिक्स प्रॉफिट प्रति वर्ष चाहिए होता है, अधिक उम्र के निवेशक जिन पर अधिक लायबिलिटीज होती है वे इस प्रकार के पोर्टफोलियो का निर्माण करते है

Moderately Risky Portfolio (मामूली जोखिम भरा पोर्टफोलियो)

इस प्रकार के पोर्टफोलियो का निर्माण वह निवेशक करते है जिसके पास पड़ी फाजल राशी को इस प्रकार निवेश किया जाता है जिसमे उसका रिस्क न तो ज्यादा हो न ही कम हो, इस प्रकार के पोर्टफोलियो को Moderately Risky Portfolio कहा जाता हैं

Portfolio के फायदे :-

पोर्टफोलियो एक ऐसा साधन है जिसकी मदद से हम हालके स्टॉक मार्केट को जान सकते है साथ ही उसको हमारे शेयरों के आधार से तुलनात्मक व्यूहरचना भी बना सकते है जिसकी मदद से उन शेयरों पर उचित कार्यवाही भी कर सकते है, तो चलिए अब इनके सभी फायदों के बारेंमे विस्तार से चर्चा करते हैं

पोर्टफोलियो बनाने के लाभ

  • इसके निर्माण का सबसे पहला लाभ तो यह है की हम अपने संपूर्ण स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट को मैनेज कर सकते है, जिनसे हम समय – समय पर यह जान सकते है की हमारा स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट हमें कितना प्रॉफिट दे रहा है या कितना लोस दे रहा है
  • इसे बनाने के कारन हमें शेयरों पर मिलनेवाले बाकि लाभों का फायदा उठा सकते है जैसे की; शेयरों पर मिलनेवाले Dividend की जानकारी और साथ ही स्टॉक्स पर आने वाले फायदों में Stock Buyback, Right Issue, Bonus and Splits की जानकारी प्राप्त कार सकते हैं
  • पोर्टफोलियो बनाना या उसे कैरी करना बिल्कुल आसान है क्युकी इसमें किसी प्रकार के डॉक्युमेंट्री प्रोसेस की जरूरत नहीं पड़ती है साथ ही इसमें किसी प्रकार के कोई स्टेटमेंट या दस्तावेज़ को कैरी करने की आवश्यकता नहीं है, पोर्टफोलियो का निर्माण हमारे मोबाइल या PC में एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के द्वारा किया जाता है जो आपको समय – समय पर स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की सभी प्रकार की इन्फोर्मेशन देता हैं
  • शेयर बाजार में सिर्फ पोर्टफोलियो बनाना ही सबकुछ नहीं होता उसे समय – समय पर अपडेट करके अपने स्टॉक में उचित बदलाव करके न केवल अपने नुकसान को कम कर सकेंगे बल्कि मार्केट स्ट्रेटेजि को समज कर प्रॉफिट भी बना सकते है

पोर्टफोलियो के एडवांटेज

  • पोर्टफोलियो की मदद से आप यह भी पता लगा सकते है की आपने इन्वेस्ट की गई कंपनीयों के कौन से शेयरों में कितना प्रॉफिट मिल रहा है या कितना लोस जा रहा है जिसके आधार पर आप आगे की रणनीति बना सकते है
  • एक संतुलित पोर्टफोलियो के निर्माण से आप अपने फाइनेंसियल गोल्स को पूरा करने के लिए सही और सटीक कदम उठा सकते है
  • किसी भी प्रकार के पोर्टफोलियो की मदद से अपने निवेश की छोटी से छोटी जानकारियों को हासिल करना आसान हो जाता है, निवेशक अपने सभी लेनदेन की इन्फोर्मेशन हासिल करता है और प्रबंधको की वेबसाइट पर लाइव पोर्टफोलियो देख सकता है
  • पोर्टफोलियो निवेशकों को एक अच्छा मैनेजमेंट सर्विस प्रदान करता है जिनसे रिटर्न को अधिकतम करने में मदद मिलती है साथ ही यह निवेश लक्ष्यों के आधार पर शोर्ट – टर्म के साथ – साथ लॉन्ग – टर्म के दोनों रिटर्न को बढ़ाने में सहेता करता है
  • शेयर बाजार में उतार – चढाव का खतरा होने के कारन हाई – वैल्यू वाले एसेट्स के मामले में जोखिम के तत्व अधिक होते है लेकिन एक इनफोर्मेटीक पोर्टफोलियो आपके जोखिम को कम करने में मदद कार सकता है

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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