पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि: स्टॉक मार्केट में एक्स-(डिविडेंड) डेट और रिकॉर्ड डेट में क्या अंतर हैं?

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पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि

स्टॉक मार्केट में पूर्व तिथि और रिकॉर्ड तिथि स्टॉक निवेशकों के लिए अधिक महत्वता रखती हैं क्योंकि यह तारीखे निवेशकों को न केवल Ex-Dividend बल्कि Ex-Bonus और Ex-Rights जैसे लाभों को प्राप्त करने के लिए मदद करती है, पूर्व-लाभांश तिथि अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खरीदारों को घोषित लाभांश प्राप्त करने से रोकती है यानि इस तारीख के बाद वह लाभांश के प्राप्य नहीं रहता, वित्तीय योजनाओं को व्यवस्थित करने और लाभांश आय एकत्र करने के लिए यह आवश्यक है, वह तिथि जिस पर कोई व्यवसाय यह निर्धारित करता है कि शेयरधारक कॉर्पोरेट कार्यों या लाभांश के लिए योग्य हैं या नहीं, उसे रिकॉर्ड तिथि के रूप में जाना जाता है, अर्हता प्राप्त करने के लिए निवेशकों को कंपनी के रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तिथि का उल्लेख करना होगा, निवेशकों को इन तिथियों के बारे में पता होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लाभांश या अन्य कंपनी लाभों के लिए योग्य हैं
पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि

हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट (पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि) के माध्यम से यह समझनेवाले हैं की एक्स डेट और रिकार्ड डेट का स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए इनका क्या तात्पर्य है साथ ही इन तारीखों को कंपनी के शेयरों पर जारी करने वाले डिविडेंड पर कैसे लागु किया जाता है जिसके आधार पर एक निवेशक उन शेयर्स पर लाभांश प्राप्ति हेतु निवेश करता हैं और एक कंपनी अपने प्रॉफिट को अपने शेयरहोल्डरों के बिच बाटने के लिए किन अनुबंध एवंम तिथियों के आधीन डिविडेंड को जारी करती हैं

शेयर बाजार के निवेशकों की मार्केट में निवेश के प्रति एक बेसिक स्ट्रेटेजी होती हैं, यातो वो बाजार के अस्थिरता वाले शेयरों में निवेश करके शोर्ट-टर्म में लाभ कमाने की कोशिश करेंगा या अपनी मेहनत की कमाई को किसी अच्छी कंपनी जो निश्चित रूप से किसी न किसी लाभांश के रूप में राशी का भुगतान करती हों वैसी कंपनी के शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं, अब आप इन दोनों मेसे शेयर बाजार निवेश में किस रणनीति का प्रयोग करते हैं हमें कमेन्ट सेक्सन में जरुर कहें

एक स्टॉक मार्केट लिस्टेड कंपनी आमतौर पर अपने AGM (Annual General Meeting) में जब भी कभी डिविडेंड जारी करने का प्रस्ताव रखती हैं तो उसमे दो तारीखे जरुर देखी जाती है, एक एक्स-डेट और दूसरी रिकॉर्ड डेट जिसको ध्यान में रखते हुए ही लाभांश जारी करने की घोषणा की जाती हैं तो चलिए इन दोनों तिथि को विस्तारपूर्वक समझते हैं

शेयर बाजार में पूर्व तिथि (एक्स डेट) क्या होती हैं?

स्टॉक मार्केट में एक्स डेट यानि पूर्व तिथि का अधिकाँश उपयोग डिविडेंड प्राप्ति के हेतु किया जाता हैं तभी तो इसे पूर्व लाभांश तिथि या एक्स-डिविडेंड डेट के रूप में भी जाना जाता हैं

डिविडेंड प्राप्त करने के हेतु यदि देखा जाए तो पूर्व तिथि उस तारीख को संबोधित करती है जिस तारीख के भीतर यदि निवेशक ने शेयर्स नहीं ख़रीदे तो उस दिन के प्रश्चात अगले दिन यदि वो शेयर्स की खरीदी करता हैं तो वह जारी किए गए डिविडेंड को प्राप्त करने के अयोग्य माना जाता हैं

हालही में आए नए नियमो के अंतर्गत पहले सेटलमेंट साइकिल T+2 की थी उसको बदल के एक दिन कम यानि T+1 कर दिया गया हैं और साथ ही 28 मार्च, 2024 में ही नए Circular के भीतर कुल 25 स्टॉक्स को T+0 सेटलमेंट साइकिल में परिवर्तित किया गया हैं

T+1 सेटलमेंट साइकिल के मुताबिक यदि किसी कंपनी के स्टॉक की एक्स-डिविडेंड डेट या एक्स-डेट कल की है तो आपको आज ही के दिन उस शेयर को खरीदना पड़ेंगा क्योंकि T+1 के अनुसार आज के दिन किए गए ट्रेड (खरीदी) के शेयर्स अगले दिन आपके Demat Account में जमा किए जाएँगे जिसके मुताबिक स्टॉक की एक्स-डेट भी कल ही की है जिसके चलते पूर्व तिथि के दिन आपके डीमैट खाते में वह शेयर होने से आप उन शेयरों पर जारी किए गए लाभांश के हकदार बन जाते हों

चलिए इसको एक उदाहरण की मदद से समझते हैं तो हेवी-वेहिकल्स में बड़ा नाम Ashok Leyland कंपनी ने हालही में अपना Interim Dividend जारी किया है अब इसके कैश में एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट दोनों ही समान है तो ऐसा भी होना मुमकिन है जिसमे कोई हेरानी नहीं हैं, तो इसमें तकरीबन 495% डिविडेंड जारी किया गया हैं जिसकी गणना इसकी Face-Value से होती हैं और आगे इसकी एक्स-डेट को देखे तो यह 3 अप्रैल, 2024 थी जिसके मुताबिक हमें 2 अप्रैल, 2024 को शेयर्स की खरीदी करनी पड़ेंगी जिसके बाद ही हमें लाभांश का लाभ मिलेंगा

एक्स-डिविडेंड डेट क्या हैं?

पूर्ण लाभांश तिथि को विस्तार से समझे तो यह वे तिथि को प्रदर्शित करती है जब किसी कंपनी के द्वारा डिविडेंड जारी कर लेने के बाद रिकॉर्ड डेट के प्रश्चात जब कंपनी अपने शेयरहोल्डरों को डिविडेंड का भुगतान करती है उस दिन लाभांश की जो कीमत होंगी वह कीमत उस स्टॉक से पहले ही कट जाएँगी जिसे पूर्व लाभांश तिथि या एक्स-डिविडेंड हुआ हैं ऐसा कहा जाएँगा

चलिए इसे एक छोटे से उदाहरण के माध्यम से समझते हैं तो एक Vesuvius India Ltd नाम की एक कंपनी है जिसकी आज ही यानि 10 अप्रैल, 2024 को एक्स-डेट है और इसकी रिकॉर्ड डेट कल यानि 11 अप्रैल, 2024 है, इसने Rs.12.75 डिविडेंड जारी करने का प्रस्ताव रखा हैं अब जब कंपनी यह डिविडेंड जारी करेंगी उस दिन इस स्टॉक के क्लोस प्राइस से इतनी प्राइस मार्केट ओपन होने से पहले ही कट जाएंगी जिस दिन को एक्स-डिविडेंड डेट और उस गिरे हुए प्राइस को एक्स-डिविडेंड कहा जायेंगा

शेयर बाजार में रिकॉर्ड तिथि क्या होती हैं?

स्टॉक मार्केट में रिकॉर्ड तिथि या रिकॉर्ड की तारीख के रूप में एक तिथि बेहद प्रचलित है जैसा की हमने आगे एक्स-डेट के बारेंमे जाना ठीक वैसे ही रिकॉर्ड की तिथि भी न केवल डिविडेंड को जारी करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं बल्कि इनके साथ-साथ शेयर के बोनस को जारी करने से पहले और राईट इश्यु जारी करने से पहले Record Date का इस्तेमाल किया जाता हैं

रिकॉर्ड डेट वह तिथि होती हैं जिसके आधार पर एक कंपनी अपने स्टॉक में भविष्य के आधार पर लेने वाले पड़ावों की स्थिति का संकलन करने के लिए किसी विशिष्ट तिथि को चुनने का कार्य रिकॉर्ड तिथि के रूप में जाना जाता हैं

इसको अधिक विस्तार से समझें तो वह सटीक तारीख जो एक निगम यह सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित करती है कि क्या शेयरधारक लाभांश या अन्य कॉर्पोरेट कार्रवाई प्राप्त करने के योग्य हैं या नहीं, उसे शेयर बाजार में रिकॉर्ड तिथि के रूप में जाना जाता है

संक्षेप में, यह वे निर्धारित करने की समय सीमा है जिनके अंतर्गत किन शेयरधारकों को डिविडेंड या किसी अन्य कॉर्पोरेट एक्शन में लाभ प्राप्त करने की अनुमति होंगी फिर, भले ही उन्होंने वास्तव में शेयर कब खरीदे हों, रिकॉर्ड तिथि तक कंपनी के रिकॉर्ड में शेयरधारक के डीमैट खाते में नामित प्रत्येक व्यक्ति लाभांश एकत्र करने या अन्य कॉर्पोरेट गतिविधियों में भाग लेने के लिए योग्य होंगा

इसको एक उदाहरण से समझें, तो यदि आप किसी ऐसी फर्म से लाभांश प्राप्त करना चाहते हैं, जिसने 10 अप्रैल, 2024 तक के रिकॉर्ड की तिथि वाले शेयर में तकरीबन 1 मई को लाभांश भुगतान की घोषणा की है, तो आपको शेयरों को उसकी पूर्व-लाभांश तिथि, 9 अप्रैल, 2024 होंगी, तबतक शेयर्स खरीदने होंगे ताकि रिकॉर्ड डेट के दिन वह शेयर्स आपके डीमैट खाते में दिखे जिनसे आप वह डिविडेंड प्राप्त करने के हक़दार बने

शेयर बाज़ार में एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट का क्या उद्देश्य है?

शेयर बाजार में दो प्रमुख तारीखे एक्स-डेट (पूर्व-लाभांश तिथि) और रिकॉर्ड डेट (रिकॉर्ड की तिथि) हैं, खासकर उन इक्विटी के लिए जो लाभांश का भुगतान करते हैं जिसके उद्देश्य निम्नलिखित मुद्दों में दिए गए हैं

पूर्व-लाभांश की तिथि:

  • वह दिन जब कोई स्टॉक किसी कॉर्पोरेट कार्रवाई, जैसे विभाजन या लाभांश के लाभ के बिना व्यापार करना शुरू करता है यदि आप पूर्व-तिथि पर या उसके बाद स्टॉक खरीदते हैं तो आपको कॉर्पोरेट कार्रवाई से कोई लाभ नहीं होगा उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यवसाय बुधवार की रिकॉर्ड तिथि के साथ लाभांश की घोषणा करता है, तो शेयर बुधवार को पूर्व-कॉर्पोरेट कार्रवाई के साथ और मंगलवार तक कॉर्पोरेट कार्रवाई लाभ के साथ व्यापार करेंगे
  • जिस दिन या उसके बाद स्टॉक खरीदार घोषित लाभांश प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होता है उसे पूर्व-लाभांश तिथि के रूप में जाना जाता है
  • इसका लक्ष्य यह गारंटी देना है कि लाभांश वितरण के संबंध में शेयर खरीद और बिक्री उचित रूप से दर्ज की गई है यदि आप पूर्व-लाभांश तिथि पर या उसके बाद शेयर खरीदते हैं तो आपको आगामी लाभांश भुगतान नहीं मिलेगा इससे निवेशकों के लिए लाभांश भुनाने के लिए शेयर खरीदना और फिर उन्हें तुरंत बेचना कठिन हो जाता है

रिकॉर्ड की तिथि:

  • कोई फर्म यह निर्धारित करने के लिए अपने सभी दस्तावेज़ों की समीक्षा करता है की अपने कौन से शेयरधारक कॉर्पोरेट कार्रवाई का लाभ उठाने के लिए योग्य हैं जिसमे राइट इश्यु शेयर, बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट शेयर, लाभांश और अन्य कॉर्पोरेट कार्रवाइयों का अधिकार उन शेयरधारकों के लिए उपलब्ध है जिनके पास रिकॉर्ड तिथि पर उनके डीमैट खातों में शेयर जमा हैं
  • कटऑफ बिंदु निर्धारित करने से उन शेयरधारकों की पहचान की जा सकेगी जो लाभांश प्राप्त करने या कंपनी की अन्य गतिविधियों में भाग लेने के पात्र हैं केवल वही लोग आवेदन कर सकते हैं जिनकी पहचान रिकॉर्ड तिथि के अनुसार कंपनी के रिकॉर्ड में शेयरधारकों के रूप में की गई है

इसे सीधे शब्दों में कहें तो, पूर्व-तिथि और रिकॉर्ड तिथि का उपयोग उन शेयरधारकों की पहचान करने के लिए किया जाता है जो लाभांश जैसे कंपनी कार्यों से लाभ प्राप्त करने के लिए योग्य हैं आमतौर पर, रिकॉर्ड तिथि से एक व्यावसायिक दिन पहले, पूर्व तिथि निर्धारित की जाती है

एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट का इस्तेमाल बोनस और राईट इश्यु के लिए कैसे किया जाता हैं?

तो चलिए दोस्तों इस पोस्ट (पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि) में एक और सवाल शामिल हो गया है जिसके मुख्य दो मुद्दें हैं एक तो शेयरों पर बोनस का और दूसरा स्टॉक पे राईट इश्यु का तो चलिए इन दोनों मुद्दो को विस्तारपूर्वक समझते हैं

सबसे पहले बात करते है बोनस शेयर की इसमें मुख्य तिन प्रकार की तिथियों के बारेंमे समझा जाता है पहली Announcement Date, Record Date और Ex-Bonus Date तो, चलिए इन तीनो को वन बाय वन समझते हैं:
  1. घोषणा तिथि: यह वे तारीख होती है जिस दिन कंपनी के प्रमोटर अपनी बोर्ड मीटिंग में यह निर्णय लेते है की अपने शेयर धारकों को बोनस के रूप में शेयर दिए जाए, प्रति बोनस शेयर का रेश्यो कितना रखा जाए यानि 1:1, 1:2 या 5:10 के रेश्यो रखे और खास बात की एक्स-बोनस और रिकॉर्ड की तिथियां नक्की करना जिसको अगले पड़ाव में समझेंगे
  2. रिकॉर्ड तिथि: यह वो डेट होती है जिस दिन के अंदर यदि आपके डीमैट खाते में शेयर जमा हैं सिर्फ तभी आप इस बोनस शेयर का लाभ उठा सकते हैं अन्यथा आपको इसके बोनस शेयर्स प्राप्त नहीं होंगे
  3. एक्स-बोनस की तिथि: यह डेट इस बात को स्पस्ट करती है की यदि आपको इसके बोनस शेयर में भाग लेना है तो इस तारीख के भीतर यानि रिकॉर्ड डेट से एक दिन पहले आपको इसके शेयर्स खरीदनें पड़ेंगे जिसके बाद ही T+1 सेटलमेंट के मुताबिक ख़रीदे गए शेयर्स अगले दिन आपके डीमैट खाते में जमा होंगे जिनसे कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक आप बोनस शेयर के हकदार होंगे
अब बात करते है राईट इश्यु की जिसमे भी मुख्य तिन प्रकार की तिथियों के बारेंमे समझा जाता है पहली Announcement Date, Record Date और Ex-Rights Date तो, चलिए इन तीनो को एक के बाद एक समझते हैं:
  1. घोषणा तिथि: इस तिथि के अंतर्गत कंपनी अपने बोर्ड मेंबर्स के साथ यह निर्णय लेती हैं की प्रमोटर्स के शेयरहोल्डिंग को कम करके उनसे फंड्स प्राप्ति के लिए अपने शेयरहोल्डरों को CMP से कम प्राइस पर शेयरों को खरीदने का प्रश्चात देने की घोषणा करती हैं जिस दिन कई चीजों को प्रस्तुत करती है जैसे की; एक रेश्यो नक्की करना और खासकर एक प्रीमियम नक्की करना जैसी, बातो को घोषणा तिथि में उजागरीत किया जाता हैं
  2. रिकॉर्ड तिथि: यह वो तिथि है जिस दिन के अंतर्गत यदि आपके डीमैट खाते में शेयर जमा हैं सिर्फ तभी आप इस राईट इश्यु में भाग ले सकते हैं अन्यथा आपको इसके राईट इश्यु का फॉर्म ही नहीं प्राप्त होंगा
  3. एक्स-राईट इश्यु की तिथि: यह वो तिथि होती है जिसमे आपको शेयरों की खरीदी करने का अंतिम दिन दिया जाता है जिस दिन के बाद ख़रीदे गए शेयरों पर आप राईट इश्यु का लाभ नहीं उठा सकते हैं

निष्कर्ष

अंत में, निवेशकों के लिए शेयर बाजार में सफलतापूर्वक नेविगेट करने के लिए रिकॉर्ड तिथि और पूर्व-तिथि की जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है, जब लाभांश और मतदान अधिकार जैसे अधिकारों को परिभाषित करने की बात आती है, तो ये तारीखें काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, निवेशक यह समझकर निर्णय ले सकते हैं कि उन्हें अपने शेयरों को खरीदना है, बेचना है या अपने पास रखना है या नहीं, ये तारीखें कब आती हैं और वे स्टॉक स्वामित्व को कैसे प्रभावित करती हैं

जिन कंपनियों में आपके शेयर हैं, उनकी पूर्व-तारीख और रिकॉर्ड तिथि की घोषणाओं पर नज़र रखें, ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप अवसर खो सकते हैं या आपके स्वामित्व अधिकारों में अप्रत्याशित परिवर्तन हो सकते हैं, अंततः, निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और पूर्व-तिथि और रिकॉर्ड तिथि (पूर्व तिथि बनाम रिकॉर्ड तिथि) की प्रासंगिकता को समझकर शेयर बाजार द्वारा प्रदान किए गए लाभों का लाभ उठा सकते हैं

इस आर्टिकल से संबंधित प्रश्नों के उत्तर

शेयर बाज़ार में पूर्व तिथि क्या है?

वह तारीख जिस पर या उसके बाद कोई शेयर बिना लाभांश या भुगतान के व्यापार करता है, उसे “पूर्व-तिथि” के रूप में जाना जाता है, जिसे अक्सर “पूर्व-लाभांश तिथि” के रूप में भी जाना जाता है, यदि कोई निवेशक पूर्व तिथि पर या उसके बाद शेयर खरीदता है तो उसे आगामी लाभांश भुगतान नहीं मिलेगा, स्टॉक एक्सचेंज पूर्व-तिथि निर्धारित करता है, जो आमतौर पर रिकॉर्ड तिथि से दो कार्यदिवस पहले होती है

शेयर बाज़ार में रिकॉर्ड तिथि क्या है?

किसी कंपनी का निदेशक मंडल रिकॉर्ड तिथि निर्धारित करता है, जिसे आमतौर पर “रिकॉर्ड की तारीख” के रूप में जाना जाता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या शेयरधारक लाभांश या वितरण प्राप्त करने के लिए योग्य हैं, लाभांश के लिए पात्र होने के लिए, निवेशकों को रिकॉर्ड तिथि के अनुसार कंपनी की पुस्तकों में शेयरधारकों के रूप में सूचीबद्ध होना होगा आमतौर पर, रिकॉर्ड तिथि पूर्व-तिथि के एक कार्यदिवस के बाद आती है

क्या मैं पूर्व-तिथि पर शेयर खरीद सकता हूँ और फिर भी लाभांश के लिए पात्र रह सकता हूँ?

हाँ जरुर, स्टॉक खरीदार जो पूर्व-तिथि के दिन शेयर खरीदता हैं तो वह डिविडेंड लाभ के आधीन रहेंगा और यदि वह एक्स-डेट के बाद शेयर खरीदते हैं तो उन्हें आसन्न लाभांश नहीं मिलेंगा, लाभांश के पात्र होने के लिए निवेशकों के पास आमतौर पर पूर्व तिथि का दिन अंतिम दिन माना जाता हैं

रिकॉर्ड डेट के बाद डिविडेंड कितने दिनों के प्राप्त होता हैं?

तो आमतौर पर इसके दिनों की कोई चोक्कस समीक्षा नहीं की गई हैं क्योंकि यह सभी कंपनीयों के सब-रजिस्ट्रार के ऊपर डिपेंड करता है की वह कितनी जल्दी शेयरहोल्डरों के रजिस्टर बैंक खतों में लाभांश की राशी जमा करते हैं मगर इसकी एक संभावना के तौर पर करीब दो हफ्तों में इसकी प्रक्रीया समाप्त हो जाती हैं और कई कैशीस में एक महीने का समय भी संभव हैं

रिकॉर्ड तिथि और पूर्व तिथि किस प्रकार एक दुसरे के साथ संबंधित हैं?

पूर्व-तिथि और रिकॉर्ड तिथि के बीच संबंध यह है कि पूर्व डेट यह स्थापित करता है कि कोई सुरक्षा लाभांश के बिना व्यापार करती है, जबकि रिकॉर्ड डेट यह स्थापित करता है कि कौन से शेयरधारक लाभांश प्राप्त करने के लिए पात्र हैं आमतौर पर, पूर्व-तिथि रिकॉर्ड तिथि से एक कार्यदिवस आगे होती है

निवेशकों के लिए, पूर्व-तिथि महत्वपूर्ण क्यों होती हैं?

निवेशकों को पूर्व-तिथि का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इससे उनके स्टॉक के लिए लाभांश भुगतान प्राप्त करने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है, भविष्य के लाभांश का भुगतान उन निवेशकों को नहीं किया जाएगा जो पूर्व-तिथि के बाद स्टॉक खरीदते हैं; केवल वे निवेशक जो पूर्व-तिथि या उनसे पहले शेयर खरीदते हैं वे लाभांश के लिए पात्र होंगे

एक्स-डिविडेंड डेट स्टॉक मूल्य को कैसे प्रभावित कर सकती हैं?

चूंकि पूर्व-तिथि इंगित करती है कि कोई स्टॉक बिना लाभांश के व्यापार करना शुरू करता है, इसका स्टॉक की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है, यह देखते हुए कि लाभांश एक निवेशक के रिटर्न के रूप में कार्य करता है, इस तथ्य को प्रतिबिंबित करने के लिए कि नए खरीदार लाभांश भुगतान के लिए पात्र नहीं होंगे, स्टॉक की कीमत पूर्व-तिथि पर लाभांश के बराबर राशि तक गिर सकती है

मैं किसी निश्चित स्टॉक के लिए रिकॉर्ड तिथि और पूर्व-तिथि कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

किसी निश्चित स्टॉक की पूर्व-तिथि और रिकॉर्ड तिथि जानने के लिए आप वित्तीय समाचार वेबसाइटों, शेयर बाजार अनुसंधान प्लेटफार्मों (Moneycontrol App), या कंपनी की निवेशक संबंध वेबसाइट से परामर्श ले सकते हैं इसके अलावा, बहुत सी ब्रोकरेज कंपनियां अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर इक्विटी के लिए यह डेटा पेश करती हैं

यदि मैं पूर्व तिथि पर शेयर बेच दूं, तो क्या होगा?

यदि आप पूर्व तिथि या उसके पहले शेयर बेचते हैं तो आपको आगामी लाभांश भुगतान नहीं मिलेगा क्योंकि रिकॉर्ड तिथि के अनुसार कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक शेयरधारक के शेयर उस दिन उनके खाते में होने अनिवार्य हैं

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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