Hedging के लिए Futures का इस्तेमाल

Hedging के लिए Futures का इस्तेमाल

hedging के लिए futures का इस्तेमाल

Futures Trading क्या होती हैं और फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते हैं इसको हमनें अगले आर्टिकल्स में विस्तार से समझा था मगर आज हम इस आर्टिकल (hedging के लिए futures का इस्तेमाल) में फ्यूचर्स के एक महत्वपूर्ण उपयोग ‘हेजिंग’ के बारेंमे इसके 1 या 2 नहीं बल्कि 3 उदाहरणों के साथ समजने वाले हैं, ‘हेजिंग’ का हिंदी मतलब बचाव करना होता है तो चलिए समजते है की फ्यूचर्स ट्रेडिंग की मदद से हेजिंग को कैसे किया जाता हैं

Hedging क्या होती हैं :-

तो सबसे पहले समजते है की (hedging के लिए futures का इस्तेमाल) ‘हेजिंग’ किस चिड़िया का नाम हैं तो ‘हेज’ को सामान्य अर्थ में रूपांतरित करें तो किसी भी स्थिति में अपने निवेश को नुकसानी से बचाना हेजिंग माना जाता है

इसको स्टॉक मार्केट के बेस पर एक और अर्थ में समजे तो स्टॉक मार्केट अपनेआप में ही परिवर्तनशील है देश – दुनिया में हुए घटनाओं की सीधी असर शेयर बाज़ार पर पड़ती है जिनसे इनमे लिस्टेड हजारों कंपनीयों के शेयरों की कीमतों में भारी उतार – चढ़ाव देखने को मिल सकता है उन जोखिम को कम करने या बेअसर करने के लिए हेजिंग का इस्तेमाल किया जाता हैं चलिए अब हेजिंग को एक सामान्य उदाहरण से समजा जाए

हेजिंग का उदाहरण

मानलीजिये की आपके पास 10 एकड़ कृषि जमीन है जिसपर आप केवल मानसून के मौसम आधारित खेती करते है मगर एक साल मानसून शुरू होने से पहले मौसम विभाग ने पहले ही खराब मानसून की धारणा प्रस्तुत कर दी है

अब जबकि मानसून पूर्णरूप से कुदरत आधारित है जिसमे आनेवाले समय में दोनों ही परिस्थितियों का निर्माण होने की संभावना हो सकती है यानि एक तो मौसम विभाग के अनुसार ठीकठाक बारिश होंगी और दूसरा उनकी संभावना के विपरीत सामान्य बारिश होंगी

अब इन सभी तथ्यों को देखने और समजने के बाद हम केवल यही चाहेंगे की आनेवाले साल का मानसून भले ही लाभ प्रदान ना करे मगर उनमे लगनेवाली दवाई और केमिकल्स का खर्च साथ ही कृषि में लगनेवाली मेहनत विफल न जाये इस वजह से हम एक व्यूह रचना करते है

इसके लिए हम एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करते है जो हमारी जमीन पर अपनी मेहनत से खेती कर सके जिसके लिए हम उसके साथ एक कॉन्ट्रैक्ट बनातें है की 10 एकड़ जमीन मेरी मेहनत तुम्हारी, खर्च और प्रॉफिट में 50% की हिस्सेदारी

अब इस कॉन्ट्रैक्ट को दोनों की मंजूरी से शुरू किया जाता है तो इस प्रकार से हम हमारें लोस को दूर कर सकते हैं तो यह तो हुआ हेजिंग का उदाहरण आगे हम इसको और विस्तार से समजेंगे

हेजिंग कैसे की जाती हैं :-

तो फ्यूचर्स का उपयोग सही मायने में हेजिंग के लिए किया जाता है आमतौर पर स्टॉक मार्केट में किये गए लम्बीं अवधि के निवेश पर आनेवाले छोटे – छोटे समय के लोस को टालने के लिए फ्यूचर्स के जरिये हेजिंग की जाती हैं

स्टॉक मार्केट में छोटी अवधि के लिए जो गिरावट (रिस्क) दिख सकती है उसकी असर हमारे Portfolio पर ना पड़े इसके लिए हम फ्यूचर्स की मदद से उन्हें Hedge कर सकते हैं

फ्यूचर्स में हेजिंग करते समय एक बात को अवश्य ध्यान में रखे की जितने रुपे के शेयर्स आपके आप है केवल उतने ही रुपे की फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की पोजीशन आपको लेनी होंगी

यदि आपके पास Cash Market में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के 1 लोट साइज़ से भी कम अमाउंट के शेयर्स है तो आपको इस मेथड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए तो हेजिंग की यह मेथड उस निवेशकों के लिए है जो स्टॉक मार्केट में बेहद भारी मात्रा में निवेश करते है और स्टॉक मार्केट में छोटी समय अवधि में आनेवाले खतरें को Avoid करना चाहते हैं

तो चलिए (hedging के लिए futures का इस्तेमाल) इसको अलह – अलह सिचुएशन के मुताबिक 3 उदाहरणों के साथ देखतें और समजते है की आखिरकार फ्यूचर्स ट्रेडिंग के द्वारा हेजिंग कैसे की जाती हैं

फ्यूचर्स हेजिंग का उदाहरण – 1

मानलीजिये की आपके पास Reliance के 500 शेयर्स है जो Rs.1000 के प्राइस पर खरीदें थे और आज Reliance की CMP तकरीबन Rs.2000 हो गई है यानि आपके उस 500 शेयरों की वैल्यूएशन Rs.10 Lakh हो चुकी है

आप देखते हो की अगले कुछ महिनोंमें चुनाव आनेवाले है जिसकी वजह से Reliance के स्टॉक में काफी मूवमेंट देखने को मिल सकती है यहाँ तक की छोटी अवधि के लिए स्टॉक की प्राइस में गिरावट भी देखने को मिल सकती है

तो इस सिचुएशन में आप यह सोचेंगे की Reliance के शेयरों को Sell करना चाहिए या Hedging करके Short Term Risk को कवर करना चाहिए, सभी तथ्यों को गौर से समजने के बाद आप हेजिंग की और बढ़ते हों जिसके लिए आप फ्यूचर्स का इस्तेमाल करते हों

अब आपके आप पहलेसे ही Reliance के 500 शेयर्स Rs.10 Lakh की वैल्यू से है इसलिए आप हेजिंग के तौरपर Reliance के Rs.10 Lakh के FUTSTK को Short Selling करते हों

Reliance के FUTSTK के 1 लोट साइज़ की कीमत Rs.5 Lakh है तो आप सिम्पली Reliance के FUTSTK के 2 लोट को शोर्ट करोंगे तो जैसा की हमें पता है की शोर्ट सेल्लिंग में स्टॉक की प्राइस जितनी निचे जाएँगी उतना हमें प्रॉफिट होंगा

तो जेसा की हमारे पास Reliance के 500 शेयर्स Rs.1000 की प्राइस वाले है और जिसकी Rs.2000 हाल में प्राइस चल रही है जिसमे हमें Per Shares के तौरपर पर Rs.1000 का प्रॉफिट मिल रहा हैं तो इस सिचुएशन में आप नहीं कहते की अल्पकालिक उतार – चढ़ाव की वजह से आपका लोस हों

जिस वजह से आपने Hedge Position लेकर Reliance के FUTSTK को शोर्ट सेल्लिंग किया है अब आपने जैसा सोचा था बिल्कुल वैसा ही होता है और अस्थिरता की वजह से स्टॉक की प्राइस में भारी गिरावट आती है और मंदी की वजह से स्टॉक की प्राइस Rs.1500 तक पहुच जाती है तो उस कैश में Cash Market का आपका जो Rs.1000 Per Share का प्रॉफिट था वो गिरकर Rs.500 Per Share तक पहुच जायेंगा वही फ्यूचर्स में आपको Rs.500 Per Share का प्रॉफिट हो जायेंगा तो इस प्रकार आपका Rs.1000 Per Share का प्रॉफिट उतना ही रहेंगा

यदि इस Example में हमारे मुताबिक नहीं भी होता यानि प्राइस गिरने की बजाय बढ़ भी जाती तो उनसे हमें फायदा नहीं मिलता मगर हमारा जो Rs.1000 Per Share का प्रॉफिट है वो तबभी मेंटेन ही रहेंगा

फ्यूचर्स हेजिंग का उदाहरण – 2

मानलीजिये की देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS को US से एक कॉन्ट्रैक्ट मिलता है और इस कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू 100 Million Dollar है इस कैश में TCS को यह कॉन्ट्रैक्ट आज मिला है मगर इसका Payment 2 महीने बाद मिलनेवाला है

तो TCS यह देखेंगा की आज 1 Dollar की प्राइस Rs.75 चल रही है अब TCS यह नहीं चाहेंगा की आगे चलके Currency Market में बड़ी अस्थिरता देखने को मिले जिसकी वजह से उन्हें भारी नुकसानी हों

उदाहरण के तौरपर 1 Dollar की कीमत Rs.75 से कम होकर Rs.73 हो जाती है तो TCS को भारी लोस हो सकता है तो इस लोस को कम करने के लिए TCS जितने वैल्यूएशन का यह कॉन्ट्रैक्ट है उतने वैल्यू का USDINR Currency को Short Selling करेंगा यानि 100 Million Dollar के USDINR Pair को वो शोर्ट करेंगे

तो इस कैश में उनकी पोजीशन हमेशा स्थिर ही रहेंगी यानि 1 Dollar की प्राइस चाहे Rs.73 हो जाये या Rs.75 रहे या Rs.77 हो जाये TCS के लिए उसकी प्राइस Rs.75 ही रहेंगी क्योंकि उसने उस प्राइस पर USDINR Pair को शोर्ट किया है

फ्यूचर्स हेजिंग का उदाहरण – 3

Farmers भी अपने कृषि सबंधित नुकसानी को कम करने के लिए फ्यूचर्स में हेजिंग का इस्तेमाल करते है जैसा की यदि किसी किसान को यह लगता है की आनेवाले समय में Cotton की प्राइस में गिरावट देखने को मिल सकती है

तो ऐसे में पहलेसे ही फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीद के किसान अपने रिस्क को कम कर सकते हैं

निष्कर्ष :-  

तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल (hedging के लिए futures का इस्तेमाल) में क्या – क्या सिखा उसको एकबार रिपीट करे तो हेजिंग क्या होता है उसको हमने उन्ही के एक सामान्य उदाहरण के साथ समजा, फ्यूचर्स आधारित हेजिंग कैसे की जाती है उसको हमने फ्यूचर्स हेजिंग के अलग – अलग सिचुएशन के तौरपर पर उनके 3 उदाहरणों के साथ समजा हैं तो फिलहाल यह हमारा टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

शेयर मार्केट में हेजिंग क्या होती है?

‘हेजिंग’ का हिंदी मतलब बचाव करना होता है इसको थोड़े और डीप में समजे तो –

तो सबसे पहले समजते है की ‘हेजिंग’ किस चिड़िया का नाम हैं तो ‘हेज’ को सामान्य अर्थ में रूपांतरित करें तो किसी भी स्थिति में अपने निवेश को नुकसानी से बचाना हेजिंग माना जाता है

स्टॉक मार्केट में हेजिंग कैसे किया जाता हैं?

तो फ्यूचर्स का उपयोग सही मायने में हेजिंग के लिए किया जाता है आमतौर पर स्टॉक मार्केट में किये गए लम्बीं अवधि के निवेश पर आनेवाले छोटे – छोटे समय के लोस को टालने के लिए फ्यूचर्स के जरिये हेजिंग की जाती हैं

स्टॉक मार्केट में छोटी अवधि के लिए जो गिरावट (रिस्क) दिख सकती है उसकी असर हमारे Portfolio पर ना पड़े इसके लिए हम फ्यूचर्स की मदद से उन्हें Hedge कर सकते हैं

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