सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें: सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड चुनते समय ध्यान देने योग्य 10 बातें

Table of Contents

सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें

भारत में सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड चुनने में निवेश लक्ष्यों को परिभाषित करना, जोखिम प्रोफाइल का आकलन करना, समय सीमा, तरलता, फंड श्रेणी, व्यय अनुपात, पिछला प्रदर्शन, फंड मैनेजर अनुभव, प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) और यथार्थवादी रिटर्न उम्मीदें निर्धारित करना शामिल है, इक्विटी म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं, जबकि डेट फंड रूढ़िवादी निवेशकों के लिए स्थिर हैं अपनी निवेश आवश्यकताओं के लिए सही म्यूचुअल फंड सुनिश्चित करने के लिए उपरोक्त दिए गए सभी मुद्दों पर विचार जरुर करें साथ ही इन जैसी सभी अहम 10 बाते जो हमें बेस्ट म्यूचुअल फंड पसंद करने में सहायता करती है उन सभी बातो को आज हम इस टोपिक (सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें) में विस्तार से समझेंगे  
सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें

हेल्लो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल (सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें) के माध्यम से यह समझनेवाले है की आखिकार हम सबसे बढ़िया म्यूच्यूअल फंड्स को कैसे पसंद कर सकते हैं वैसे यदि आप म्यूच्यूअल फंड क्या होता है यह समझना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को जरुर Read करे

फिलहाल, हम इस टोपिक में यह जानेंगे की हमे आखिरकार म्यूच्यूअल फंड को चुनने के लिए किन – किन महत्वपूर्ण बातोँ को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि स्टॉक्स में इन्वेस्टमेंट करने से ज्यादा म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना अधिक सुरक्षित माना जाता हैं इसके पीछे का कारन इसको पूर्णरूप से Analysts के जरिये विश्लेषण (Analysis) किया जाना है ताकि स्टॉक मार्केट के जोखिम को कम किया जा सके तो चलिए बिना किसी अन्य बातोँ के हमारे अहम टोपिक की शुरुआत करते हैं

मुझे सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनना चाहिए उनपर विचार करें?

शेयर बाजार अपने आप में बहुत बड़ा है और हमें कई तरह के निवेश प्लेटफॉर्म मिल जाएंगे, उनमें से एक सबसे प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म है म्यूचुअल फंड जिसे फंड समूह का लीडर माना जाता है ऐसे महत्वपूर्ण म्यूचुअल फंड में कई तरह के अलग-अलग फंड शामिल होंगे. हालाँकि, क्या आप जानते हैं कि 2,000 से अधिक म्यूचुअल फंड योजनाएं उपलब्ध हैं, जिसके कारण निवेशकों के मन में कई सवाल उठते होंगे कि आखिर क्या? सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें?

वैसे, जब कोई निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोचता है, तो उसके मन में सबसे पहले क्या विचार आते हैं यानी कि क्या उसका म्यूचुअल फंड में निवेश करने का निर्णय सही है या नहीं, अगर जवाब नहीं है, तो इसके विपरीत स्टॉक है उसे बाज़ार के इस विशाल सागर में कहाँ निवेश करना चाहिए? फिलहाल, इस विषय में सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि एक म्यूचुअल फंड निवेशक क्या सोचता है, तो आइए सबसे पहले इस मुद्दे पर आधारित अपने सभी सवालों की एक टोकरी बनाते हैं, जिसके बाद हम उन सभी के जवाब समझेंगे विस्तार से तो प्रश्न. हैं:

  1. सबसे पहले किसी भी निवेश प्लैटफ़ॉर्म में निवेश करने से पहले निवेश के प्रति हमारे लक्ष्यों (प्रॉफिट) को समझना अनिवार्य हैं
  2. फंड्स इन्वेस्टमेंट के दुसरे चरण पर निवेश के प्रति होनेवाले जोखिम (लोस) को भी पहले से ही समझना अनिवार्य होता हैं
  3. उपरोक्त दोनों पर समझ प्राप्त करने के प्रश्चात ही एक म्यूच्यूअल फंड निवेशक को उनके अनुरूप योजना (स्कीम) पर विचार करना होता है साथ ही उसे किस ‘ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी’ (AMC) के साथ अपने फंड्स निवेश को शुरू करना है
  4. ‘फंड मैनेजर’ वह व्यक्ति होता है जो किसी ‘ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी’ में यह निर्धारित करता है की फंड निवेशकों के पैसो को किस सेक्टर में निवेश करना हैं
  5. म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए हमें उस इन्वेस्टमेंट की समयावधि यानि समय पीरियड कितना रखना है उसको हमें पहले से ही सुनिश्चित करना होता हैं
  6. किसी भी म्यूच्यूअल फंड में संगतता (Consistency) होना बेहद जरुरी होता हैं
  7. ‘म्यूच्यूअल फंड रेटिंग’ वैसे तो फंड्स रेटिंग को अधिक महत्त्व दिया जाता है मगर फिर भी हमें अपने लक्ष्यों को पूर्ण करने के अनुरूप ही रेटिंग को देखना चाहिए

इन सभी मुद्दों पर विचार हो जाने के प्रश्चात हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अहम 10 बातो पर विचार करना चाहिए की आखिरकार बेस्ट म्यूच्यूअल फंड को हम किस बिना पर सिलेक्ट कर सकते हैं तो चलिए इन सभी अहम टोपिक पर विस्तारपूर्वक समझते हैं

10 बाते जो बेस्ट म्यूचुअल फंड चुनने के लिए अहम हैं

म्यूचुअल फंड का चयन विभिन्न मापदंडों से प्रभावित होता है जैसे कि रिटर्न की उम्मीद, जोखिम सहनशीलता, निवेश क्षितिज, व्यय अनुपात, पिछला प्रदर्शन, फंड मैनेजर अनुभव और प्रबंधन के तहत संपत्ति, इन कारकों पर शोध करने से निवेशकों को उनकी निवेश प्राथमिकताओं और फंड श्रेणियों के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है, एक सामान्य प्रश्न यह है कि म्यूचुअल फंड कैसे चुनें, और म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक मार्गदर्शिका इस प्रक्रिया में निवेशकों का मार्गदर्शन करने में मदद कर सकती है

1. अपना लक्ष्य निर्धारित करें

वैसे तो यह पॉइंट इतना महत्पूर्ण नहीं प्रतीत होता क्योंकि ज्यादातर फंड्स निवेशक इस मुद्दें पर ज्यादा विचार नहीं करते है मगर मेरे दृष्टिकोण से यह मुद्दा बेहद ही महत्वकांक्षी माना जाता है

निवेश उद्देश्य यह बताता है कि म्यूचुअल फंड निवेशकों के पैसे से क्या हासिल करना चाहता है, यह आमतौर पर फंड के लक्ष्य रिटर्न, जोखिम स्तर और निवेश दृष्टिकोण का वर्णन करता है

लक्ष्य को निर्धारित करने का सीधा सा मतलब हमें यह सोचने में मदद करता है की आखिरकार हमें म्यूच्यूअल फंड में क्यों निवेश करना हैं साथ ही वह इन्वेस्टमेंट किस हेतु के लिए यानि दीर्घकालिक दृष्टि के नजरिये से किसी चीज को खरीदने की दृष्टि से या भविष्य में अपने या बच्चों के अध्ययन के लिए या बुढापे के लिए या शादी करने के लिए जैसे आदि लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए हमें उनके अनुरूप ही किसी ऐसे म्यूच्यूअल फंड स्कीम को पसंद करना चाहिए जो इस लक्ष्यों के आधीन कम से कम जोखिम के साथ ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट बाना कर दे

साथ ही वह ऐसा म्यूच्यूअल फंड होना चाहिए जो अपने फंड्स को अलग – अलग सेक्टर्स पर अच्छे से Diversification किया हुआ हों परोक्ष रूप से कही वो किसी एक ही सेक्टर पर अपने सभी फंड्स को इन्वेस्ट ना कर रहा हों       

2. अपने जोखिम को सुनिश्चित करें

वैसे तो म्यूच्यूअल फंड को सेफ इन्वेस्टमेंट माना जाता है मगर फिर भी कई निवेश जानकारीयों के अभाव से गलत म्यूच्यूअल फंड को चुन लेते है और नुकसानी कर बेठते है

स्टॉक फंड, जिन्हें इक्विटी फंड के रूप में भी जाना जाता है, ऐसे शेयरों में निवेश हैं जो उच्च जोखिम के साथ आते हैं लेकिन साथ ही बड़ा संभावित रिटर्न भी देते हैं

दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए आदर्श, ऋण के लिए फंड (बॉन्ड फंड) बांड और अन्य निश्चित आय वाले उपकरणों में निवेश करते हैं

कम जोखिम के साथ मध्यम प्रॉफिट के साथ हाइब्रिड फंड आता हैं, जिन्हें संतुलित फंड के रूप में भी जाना जाता है, जिनमे ऋण और इक्विटी के घटक शामिल होते हैं और साथ ही स्थिरता और लगातार आय के लिए सर्वोत्तम होते हैं

एक जोखिम-इनाम प्रोफ़ाइल जो संतुलित और तरल फंड है, बहुत कम जोखिम होता है, जिसे अस्थायी रूप से धन संचय करने के लिए एक आदर्श माना जाता है

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते समय व्यक्तिगत सहनशीलता के आधार पर जोखिम को समझना बेहद जरुरी होता है जिसके लिए हमें कई मूल बातोँ की जांच परख कर लेनी चाहिए

जैसे की; अपने Portfolio में चल रहे उतार – चढ़ाव (मूवमेंट) को समझ लेना है और यह सुनिश्चित रखना है की बाजार के भारी मंदी के दौर में भी हमारा पोर्टफोलियो संतुलित बाना रहे भले ही उस समय के दौरान हमें अधिक रिटर्न ना दे सके मगर हमारे निवेश में कोई जोखिम ना आए वैसे जोखिम और वापसी (रिटर्न) एकदूसरे से सीधे आनुपातिक होते है इसलिए आपको अपने जोखिम की क्षमता को पहचान कर रिटर्न के लिए अपनी इच्छा को संतुलित करना चाहिए      

3. ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC)

तो पहले ‘ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी’ क्या है वह समझ लेते है तो यह वो कंपनी होती है जो एक म्यूच्यूअल फंड को जारी करती है यानि इसे ऐसे समझे की जो AMC है वह एक म्यूच्यूअल फंड कंपनी है जैसे की; Nippon India Small Cap Fund, DSP Black Rock Small Cap Fund, ICICI Prudential Small cap Fund and Kotak Small Cap Fund यह सभी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड्स ‘ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी’ के तौरपर सूचीबद्ध होते है

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले हमें यह समझना बेहद जरुरी हो जाता है की म्यूच्यूअल फंड में हमारा निवेश केवल दो व्यक्तियों पर निर्भर करता है एक तो जिस किसी म्यूच्यूअल फंड में हम निवेश कर रहे है यानि उस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी पर और दूसरा फंड मैनेजर जो हमारे निवेश (पैसो) को इन्वेस्ट करता हैं

ज्यादातर AMC’s का लक्ष्य शोर्ट – टर्म (एक या दो साल) में अधिक फंड्स (कैपिटल) को एकत्रित करना है (वैसे यह केवल एक दृष्टिकोण है जिसकी मदद से मैं आपको कुछ म्यूच्यूअल फंड कंपनीयां किस प्रकार के इन्वेस्टमेंट निर्णयों को लेते है उसकी समझ देना हैं)

अब AMC’s शोर्ट – टर्म में अधिक से अधिक प्रॉफिट कैसे बना कर देते है तो वो क्या करते है किसी हेवी सेक्टर्स पर अधिक निवेश करने का निर्णय लेते है यानि किसी एक ही सेक्टर पर अधिक ध्यान केंद्रित करके पूरा पैसा (कैपिटल) उसी में लगा दिया अगर वो सेक्टर चल गया तो यह म्यूच्यूअल फंड रातोंरात हाई रेटेड बन जायेंगा मगर यदि वह सेक्टर नहीं चला तो क्या होंगा ?

उस म्यूच्यूअल फंड के निवेशकों को काफी जोखिम का सामना करना पड़ेंगा और साथ ही वह म्यूच्यूअल फंड पर SEBI के कई प्रकार के रूल्स और रेग्यूलेशन लागु हो जायेंगे (म्यूच्यूअल फंड कंपनी किसी एक सेक्टर पर 20% से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकती हैं)

इन सभी कारणों के चलते भी कुछ म्यूच्यूअल फंड कंपनीयां (AMC’s) यह करने को राज़ी हो जाती हैं क्योंकि उन्हें पता है ही यदि हमारा दाव चल गया तो इन्वेस्टर्स उस म्यूच्यूअल फंड पे अधिक से अधिक निवेश करेंगे साथ ही उसका 1% उसको कमीशन मिलेंगा यह तो उसका पॉजिटिव पॉइंट हुआ अगर ऐसा कुछ नहीं भी हुआ तो क्या.. वह स्कीम बढ़ नई स्कीम चालू जिसे मार्केट वॉइस में NFO यानि ‘New Fund Offer’ कहा जाता हैं           

4. फंड मैनेजर

फंड मैनेजर क्या होता है उसको तो उपरोक्त पैराग्राफ में शोर्ट में हमने समझाया है की ‘ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी’ यानि किसी म्यूच्यूअल फंड्स का एक ‘फंड मैनेजर’ होता है जोकि यह निश्चित करता है की उस म्यूच्यूअल फंड में किए गए निवेशकों के निवेश को किस सेक्टर पर कितने प्रतिशत के रेश्यो से इन्वेस्टमेंट करना हैं

फंड मैनेजर ऐसा होना चाहिए जो शोर्ट – टर्म के नजरिये से केवल अपनी म्यूच्यूअल फंड कंपनी को अधिक से अधिक फंड्स (कैपिटल) एकत्रित करने पर ही ध्यान केन्द्रित करे बल्कि फंड मैनेजर तो ऐसा होना चाहिए जो शोर्ट – टर्म के लिए नहीं बल्कि लॉन्ग – टर्म के नजरिये से अपने म्यूच्यूअल फंड निवेशकों के हित में फैसले लेता है

साथ ही केवल एक या दो साल के लिए नहीं बल्कि लगातार सालो में कम से कम रिस्क के साथ ज्यादा से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता हों क्योंकि ज्यादा रिस्क के साथ तो हर कोई अधिक रिटर्न लाके देता है मगर हमें ऐसा फंड मैनेजर चाहिए जो कम रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न देने के योग्य हों             

5. म्यूचुअल फंड की समयावधि को जरुर देखे

इस बारे में सोचें कि आप अपना पैसा कितने समय के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, अलग-अलग अवधि के लिए विविध फंड श्रेणियां उपयुक्त हैं

उदाहरण के लिए: अल्पकालिक आवश्यकताए (एक दिन से तीन महीने) के लिए उपयुक्त, लिक्विड फंड लघु अवधि के फंड: 1 से 3 साल के लिए उपयुक्त; अल्ट्रा शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड: 3 महीने से 1 वर्ष के लिए उपयुक्त; बैलेंस्ड/हाइब्रिड फंड तीन से पांच साल की अवधि में सबसे अच्छा काम करते हैं; इक्विटी फंड लंबी अवधि में अच्छा काम करते हैं

म्यूच्यूअल फंड में आमतौर पर लॉन्ग – टर्म के नजरिये से ही निवेश किया जाता है यह निवेश Intraday या कुछ दिनों के लिहाज से नहीं बल्कि कुछ महीनो या साल के आधारित ही अपने निवेश को इन्वेस्ट करते है इसी लिए हमें म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करते समय उस म्यूच्यूअल फंड स्कीम की हिस्ट्री (रेटिंग) को केवल एक, दो या तिन साल के रिटर्न के आधारित नहीं बल्कि कम से कम पांच साल के रिटर्न हिस्ट्री को जरुर देखना चाहिए

म्यूच्यूअल फंड सिलेक्शन के समय Consistently उस AMC’s (फंड्स) ने अच्छे समय में कैसा प्रदर्शन किया, बुरे समय में कैसा प्रदर्शन किया, मार्केट तेजी के समय उनके अनुरूप रिटर्न दिया या बाजार सुधार के समय वो हमारे पैसो को सुरक्षित रखने में सफल रहा इन सभी बातोँ के साथ – साथ हमें रोलिंग रिटर्न को देखना है न की पॉइंट टू पॉइंट रिटर्न को देखना है

पॉइंट टू पॉइंट रिटर्न का मतलब 2016 से 2020 के इन पांच सालो में म्यूच्यूअल फंड ने कैसा रिटर्न दिया हैं और रोलिंग रिटर्न का मतलब हर पांच साल की अवधि में उस म्यूच्यूअल फंड ने कैसा रिटर्न दिया हैं यानि 2011 से 2015 और 2016 से 2020 आदि जैसे पांच – पांच साल के रिटर्न को एनालिसिस करके अपने बेस्ट म्यूच्यूअल फंड की पसंदगी करूँगा          

6. म्यूचुअल फंड में अनुकूलता

म्यूच्यूअल फंड को पसंद करते समय उनकी एक खास क्वोलिटी जरुर नोटिस करनी चाहिए और वो ये की हम जिस किसी म्यूच्यूअल फंड की स्कीम में निवेश कर रहे है वह म्यूच्यूअल फंड लॉन्ग – टर्म के लिए स्थिर (स्टेबल) रहे

यानि उस म्यूच्यूअल फंड का इतिहास Continuously एक समान होना चाहिए कही ऐसा न हो की एक साल बेहद ही अच्छा प्रदर्शन दिया और दुसरे साल बेहद ही खराब परफॉर्मेंस दिया क्योंकि म्यूच्यूअल फंड में हमारा निवेश हमेशा लॉन्ग – टर्म के नजरिये से ही रहता हैं

वही म्यूच्यूअल फंड कंपनीयों की बात करे तो ज्यादातर AMC’s का यह मानना है की एक या दो साल ज्यादा रिस्क लेकर अधिक रिटर्न दिखा कर अधिक से अधिक फंड्स एकत्रित कर लो यानि इन ज्यादातर AMC’s का लक्ष्य शोर्ट – टर्म में फंड्स एकत्रित करना हैं

7. म्यूचुअल फंड रेटिंग

व्यय अनुपात पर विचार करें, जो चालू लागतों के भुगतान के लिए फंड द्वारा लगाए जाने वाले वार्षिक शुल्क को दर्शाता है कम व्यय अनुपात से दीर्घकालिक परिणाम काफी प्रभावित हो सकते हैं

म्यूच्यूअल फंड के सिलेक्शन के समय आजकल हर कोई उसके रेटिंग की बात करता है, म्यूच्यूअल फंड की रेटिंग CRISIL, ICRA, Morning Star जैसी रेटिंग एजेंसीयां देती हैं जो कई प्रकार की बातोँ को ध्यान में रखने हुए इसकी सूचि तैयार करते है

जैसे की; उनके पिछले रेकोर्ड, हिस्ट्री, Low Expense Ratio यानि म्यूच्यूअल फंड में निवेश के प्रति लगा कमीशन जो फंड मैनेजर को जाएँगी वह कम होनी चाहिए, रिटर्न (कुछ निश्चित सालो को ध्यान में रखते हुए), उनमे निवेश की मात्रा यानि उस म्यूच्यूअल फंड में निवेशकों ने कितना निवेश किया है इन जैसे आदि और कई बातोँ को ध्यान में रखते हुए हर साल नए – नए म्यूच्यूअल फंड रेटिंग उनके प्रदर्शन के आधार पर जारी किए जाते हैं

8. अच्छे प्रदर्शन का इतिहास

विभिन्न बाज़ार चक्रों में फंड के प्रदर्शन की समीक्षा करें इसके बेंचमार्क और समकक्ष फंडों की तुलना में लगातार रिटर्न की तलाश करें

इसका यह मतलब है की किसी भी म्यूचुअल फंड में लोभ दायक तेजी को निवेश करने का चिन्ह कभी नहीं मानना चाहिए क्योंकि एक सही म्यूचुअल फंड वही होता हैं जो अपने निवेशकों को एक लगातार लाभ प्रदान करता रहे फिर चाहे उसमे उतार-चढ़ाव भले ही दिखे मगर बाजार की स्थिति चले तेजी की हो या मंदी की हो एक सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड दोनों ही परिस्थितियों में लगातार रिटर्न देने में सक्षम होने चाहिए

फंड प्रदर्शन मूल्यांकन के तरीके:
  • संगति: निर्धारित करें कि क्या, कई अवधियों के दौरान, फंड ने लगातार अपने निवेश लक्ष्यों को पूरा किया है
  • बेंचमार्क तुलना: जांच करें कि फंड ने उचित बेंचमार्क इंडेक्स के बारे में कैसा प्रदर्शन किया
  • फंड के प्रदर्शन की तुलना उसके सहकर्मी समूह या श्रेणी से करना सहकर्मी समूह तुलना के रूप में जाना जाता है
  • जोखिम-समायोजित रिटर्न: सॉर्टिनो या शार्प अनुपात सहित फंड के जोखिम-समायोजित रिटर्न पर एक नज़र डालें
  • गिरावट और रिकवरी: बाजार में गिरावट के दौरान हुए नुकसान से उबरने की फंड की क्षमता का आकलन करें
  • प्रबंधन अवधि: समीक्षा अवधि के दौरान, फंड प्रबंधन या प्रबंधकों की अवधि को ध्यान में रखें
  • प्रदर्शन एट्रिब्यूशन: उन तत्वों को पहचानें जो फंड के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं, जिसमें बाजार समय, सेक्टर आवंटन और स्टॉक चयन शामिल हैं
  • ऐतिहासिक अस्थिरता: यह देखने के लिए फंड की अस्थिरता का मूल्यांकन करें कि क्या यह अधिक जोखिम या अधिक आरामदायक निवेश अनुभव का संकेत देता है

इन मानदंडों का उपयोग करके म्यूचुअल फंड के पिछले प्रदर्शन की विस्तृत जांच के माध्यम से, आप ऐसे फंड चुन सकते हैं जिन्होंने समय के साथ लगातार और जोरदार प्रदर्शन किया है, जिससे आप बेहतर जानकारी वाले निवेश चयन करने में सक्षम होंगे

9. म्यूचुअल फंड में तरलता का स्तर

जिस किसी म्यूचुअल फंड को आसानी के साथ उसकी कीमत पर कोई भी बड़ा प्रभाव डाले बिना बाजार में आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है, उसे म्यूचुअल फंड में तरलता के स्तर के प्रति जाता है, म्यूचुअल फंड के संदर्भ में तरलता वह आसानी है जिसके साथ निवेशक फंड शेयर खरीद या बेच सकते हैं

म्यूचुअल फंड में तरलता ट्रेडिंग वॉल्यूम, बिड-आस्क स्प्रेड, बाजार प्रभाव, मोचन नीति और अंतर्निहित होल्डिंग्स जैसे कारकों के द्वारा निर्धारित किया जाती है

उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम सक्रिय बाज़ार भागीदारी के कारण अधिक तरलता का संकेत देता है, बिड-आस्क स्प्रेड उच्चतम और निम्नतम कीमतों के बीच का अंतर होती है जो खरीदार और विक्रेता किसी सुरक्षा के लिए भुगतान करने को तैयार होते हैं

एक संकीर्ण बोली-पूछताछ प्रसार उच्च तरलता का संकेत देता है, जबकि एक व्यापक प्रसार कम तरलता का संकेत देता है

अत्यधिक तरल फंडों का बाजार पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है, जिसका अर्थ है कि शेयर खरीदने या बेचने से फंड की कीमत पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है

इसी तरह, जब निवेशक बड़ी मात्रा में शेयरों का व्यापार करते हैं तो इलिक्विड फंडों की कीमत में अधिक उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है

उदार मोचन नीतियों वाले फंड, जैसे दैनिक तरलता, उन निवेशकों को अधिक तरलता प्रदान करते हैं जिन्हें त्वरित पहुंच की आवश्यकता होती है

तरलता फंड की अंतर्निहित होल्डिंग्स पर भी निर्भर करती है, अत्यधिक तरल प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले फंड, अतरल परिसंपत्तियों में निवेश करने वालों की तुलना में अधिक तरल होते हैं

तरलता बाजार की स्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, शांत और स्थिर बाजारों में उच्च तरलता और अस्थिरता या संकट की अवधि के दौरान तरलता में कमी आती है

10. फंड का आकार और स्थिरता

छोटे फंड अधिक लचीले हो सकते हैं और बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, जबकि बड़े फंड संसाधन और स्थिरता प्रदान कर सकते हैं अपने लक्ष्यों और निवेश दृष्टिकोण के आलोक में फंड के आकार का विश्लेषण करें

एक म्यूचुअल फंड का आकार प्रबंधन के तहत उसकी कुल संपत्ति (एयूएम) से निर्धारित होता है, जो फंड के भीतर रखे गए सभी निवेशों के कुल मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है

किसी बड़े फंड को अक्सर अनुभवी प्रबंधन टीमों, अनुसंधान क्षमताओं और परिचालन बुनियादी ढांचे सहित अपने संसाधनों के कारण अधिक स्थिरता प्रदान करते हैं

उन्हें पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं से भी लाभ हो सकता है, क्योंकि वे निश्चित लागत को बड़े परिसंपत्ति आधार पर फैला सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से कम व्यय अनुपात और बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सकता है

हालाँकि, जैसे-जैसे फंड बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे उन्हें बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाले बिना प्रभावी ढंग से पूंजी तैनात करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है

प्रदर्शन संबंधी विचार भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बड़े फंडों को अधिक रिटर्न उत्पन्न करने में सीमाओं का सामना करना पड़ सकता है

कुछ निवेशक कम तरल या विशिष्ट बाजारों में अपनी चपलता और लचीलेपन के लिए छोटे फंड पसंद करते हैं, किसी फंड की स्थिरता के लिए जोखिम प्रबंधन प्रथाएं, निवेश रणनीति और प्रबंधन टीम विशेषज्ञता महत्वपूर्ण हैं, म्यूचुअल फंड निवेश पर विचार करते समय निवेशकों को इन कारकों पर गहन शोध और मूल्यांकन करना चाहिए

निष्कर्ष

तो देस्तो हमने इस आर्टिकल (सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कैसे चुनें) के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड के बारेंमे क्या – क्या अधिक सिखा तो सबसे पहले मैं आपको बता दू की यह हमारा म्यूच्यूअल फंड का टोपिक किसी भी म्यूच्यूअल फंड स्कीम को रेफेर नहीं करता है क्योंकि मैं इस टोपिक में केवल यही समझाने का प्रयास किया है की आखिरकार हम एक बेस्ट म्यूच्यूअल फंड को अपने लॉन्ग – टर्म निवेश के लिए कैसे चुने जो हमें कम जोखिम के साथ एक बढ़िया रिटर्न कमा कर दे सकें तो इसी के साथ हमारा यह टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

मैं शीर्ष म्यूचुअल फंड कैसे चुन सकता हूं?

सर्वोत्तम म्यूचुअल फंड का चयन करने के लिए निवेश लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता, प्रदर्शन, लागत और फंड प्रबंधन अनुभव सहित कई चरणों को ध्यान में रखना आवश्यक है निवेशकों को किसी फंड की निवेश रणनीति, उसके पोर्टफोलियो में होल्डिंग्स और उसके प्रतिद्वंद्वियों और बेंचमार्क की तुलना में पिछले प्रदर्शन पर विचार करना चाहिए

क्या मेरे लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना बुद्धिमानी है?

विविधीकरण, विशेषज्ञ प्रबंधन, तरलता और सरलता ऐसे कुछ फायदे हैं जो म्यूचुअल फंड प्रदान करते हैं, किसी निवेशक के पैसे को विभिन्न परिसंपत्तियों के माध्यम से वितरित करके, वे जोखिम कम करते हैं, म्यूचुअल फंड भी खुले बाजार में आसानी से खरीदे और बेचे जाते हैं और पेशेवर निवेश प्रबंधन ज्ञान तक पहुंच प्रदान करते हैं

निवेश के उद्देश्यों का क्या महत्व है?

म्यूचुअल फंड में निवेश के उद्देश्य और लक्ष्य निवेश उद्देश्यों में उल्लिखित हैं उनमें परिसंपत्ति संरक्षण, आय उत्पादन, पूंजी प्रशंसा या इनके मिश्रण जैसे लक्ष्य शामिल हो सकते हैं अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक ऐसे म्यूचुअल फंड का चयन करना आवश्यक है जो आपके निवेश उद्देश्यों के अनुकूल हो

मैं म्यूचुअल फंड के जोखिम का मूल्यांकन कैसे कर सकता हूं?

म्यूचुअल फंड के जोखिम का निर्धारण करते समय म्यूचुअल फंड की निवेश रणनीति, परिसंपत्ति आवंटन, पोर्टफोलियो में होल्डिंग्स, ऐतिहासिक अस्थिरता और विभिन्न बाजार परिस्थितियों में प्रदर्शन सभी को ध्यान में रखा जाता है, म्यूचुअल फंड चुनते समय, निवेशकों को अपनी जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि को ध्यान में रखना चाहिए

फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड किस हद तक मायने रखता है?

म्यूचुअल फंड का चयन करते समय, फंड मैनेजर के प्रदर्शन इतिहास को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, निवेशकों को प्रबंधक की सफलता के ट्रैक रिकॉर्ड, निवेश लक्ष्यों तक पहुंचने में निरंतरता, निवेश दर्शन और अनुभव का आकलन करना चाहिए, दीर्घकालिक निवेश की सफलता के लिए एक सक्षम और अनुभवी फंड मैनेजर का होना बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है

म्यूचुअल फंड चुनते समय पूर्व प्रदर्शन कितना महत्वपूर्ण है?

भले ही पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं देता है, लेकिन यह इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है कि म्यूचुअल फंड ने अपने प्रतिद्वंद्वियों और बेंचमार्क की तुलना में ऐतिहासिक रूप से कैसा प्रदर्शन किया है, निवेशक समय के साथ फंड के प्रदर्शन, जोखिम-समायोजित रिटर्न और विभिन्न बाजार चक्रों में प्रदर्शन को भी ध्यान में रखना चाहते हैं

क्या मुझे म्यूचुअल फंड निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से बात करनी चाहिए?

म्यूचुअल फंड का चयन करने से वित्तीय सलाहकार की सलाह से लाभ हो सकता है, खासकर नौसिखिए निवेशकों या जटिल वित्तीय परिस्थितियों वाले लोगों के लिए, एक वित्तीय सलाहकार आपके समय सीमा, जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों को निर्धारित करने में सहायता कर सकता है, वे इन कारकों के आधार पर आपके लिए उपयुक्त म्यूचुअल फंड का सुझाव भी दे सकते हैं

Sharing Is Caring:  

Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

Leave a Comment