Algo Trading Kaise Kare

Algo Trading Kaise Kare

algo trading kaise kare

एल्गो  ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले न केवल Algorithmic Trading के बारेंमे ही जानना जरुरी हैं बल्कि स्टॉक मार्केट को पूर्णरूप से समझना भी अनिवार्य हो जाता हैं किसी भी प्रकार के कारोबार के लिए पहला कदम बाज़ार को समझना हैं, Algorithmic का मतलब ही Rules होता है यानि नियमों से होनेवाला ट्रेडिंग, तो चलिए आज हम इस टोपिक में जानेंगे की एल्गो  ट्रेडिंग कैसे काम करता हैं साथ ही उनमे हम कैसे काम कर सकतें हैं और साथ ही SEBI के द्वारा लाए गए एल्गो  ट्रेडिंग से जुड़ें कुछ अहम नियमों के बारेंमे भी चर्चा करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

Algorithmic क्या हैं :-

एल्गो यानि एल्गोरिथमिक यह एक कम्प्युटर आधारित प्रोग्रामिंग होती है जो ट्रेडिंग के अनुरूप आदेशों को प्राप्त करने और उनपर उचितं लिमिट सेट करने के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करता हैं जो आमतौर पर स्वचालित होता है

एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग किसी भी ट्रेड के लिए दिए गए पूर्वनिर्धारित सुचानो पर अपने कार्यक्रमों को पूरा करता हैं जिसकें लिए हमें उनकें अनुरूप कुछ डिटेल्स देनी होती है यानि हमें किस स्टॉक के लिए एल्गोरिथमिक सेट करना है जैसे की; स्टॉक को Buy या Sell किन Quantity में कितनें Price पर किस समय अवधि के दौरान लागूं करना हैं इस प्रकार की माहितीयों को हमें पहलेसे सुनिश्चित करना होता हैं जिसकें बाद ही हम एल्गो ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का यह एक प्रभावी स्त्रोत हो सकता है क्योंकि यह एक एल्गो सॉफ्टवेयर है जो केवल आपके दिए गए कमांड पर अपनी पूरी ट्रेडिंग सिस्टम को ढालता है और एक सामान्य ट्रेडर के मुकाबले कई Quantity के ट्रेड को मिनटों में Accuracy के साथ करता हैं

एल्गो ट्रेडिंग को शुरू करने से पहले एक ट्रेडर के तौर पर हमें किन – किन आवश्यक चीजों की जरुरत होंगी जिसमें हम कुछ ऐसे ब्रोकरों के नाम जानेंगे जो ट्रेडर्स के लिए एल्गो ट्रेडिंग सुविधाएं मुहैया कराते हैं

भारत में एल्गो ट्रेडिंग एपीआई ब्रोकर्स :-

एक ट्रेडिंग एपीआई सामान्य ट्रेडर्स को ट्रेडिंग के लिए या तीसरे पक्ष के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए अपने कम्प्यूटर प्रोग्राम को लिखने की ऑथोरिटी प्रदान करता हैं, ट्रेडिंग एपीआई उन संस्थागत व्यापारियों के लिए होती हैं जो अपने स्वयं के ट्रेडिंग सिस्टम पर एल्गोरिथम मॉडल चलाना चाहते हैं और साथ ही  वास्तविक समय मूल्य निर्धारण प्राप्त करना चाहते हैं

एल्गो ट्रेडिंग एपीआई की मदद से व्यापारियों को अपना खुदका अनुकूलित ट्रेडिंग एप्लिकेशन सिस्टम बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के सबंधित कई सेवाओं को प्राप्त कर सकता हैं जैसे की –

  • ट्रेडिंग एपीआई की मदद से ट्रेडर्स रीयल-टाइम में Order निष्पादित कर सकता हैं
  • उपयोगकर्ता के द्वारा बनाएं गए पोर्टफोलियो का प्रबंधन कर सकता हैं
  • स्टॉक मार्केट का लाइव डेटा को स्ट्रीम कर सकता हैं
  • अपने सौदेबाजी को ओर सुरक्षित और समय आधीन बना सकता हैं और बहुत कुछ कर सकता हैं

भारत में केवल कुछ ही स्टॉक ब्रोकर्स है जो इस एल्गो ट्रेडिंग एपीआई की पेशकश करते हैं खुदरा ग्राहकों को एपीआई की पेशकश करने वाले दलालों की सूची नीचे दी गई है

ब्रोकर्स (एल्गो ट्रेडिंग एपीआई)

इंट्राडे बेस ट्रेडिंग ब्रोकरेज

अनुमानित सक्रीय क्लाइंट्स

Angel Broking20 रुपये प्रति निष्पादित आदेश3,060,000
Motilal Oswal0.05% (दोनों तरफ)9,00,000
SAMCO20 रुपये प्रति ट्रेड या 0.02% (जो भी कम हो)77,700
Trade Smart15 रुपये प्रति ऑर्डर45,000
Zerodha20 रुपये प्रति निष्पादित आदेश या .03% जो भी कम हो6,300,500
Alice Blue15 रुपये प्रति ऑर्डर या 0.01% जो भी कम हो1,50,000
Anand Rathi0.05% -0.015%1,05,000

एल्गो ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरों के दो विभाग

पहले तो एल्गो ट्रेडिंग को शुरू करने के लिए हमारें पास एक उचितं Stock Broker के पास अपना Demat and Trading Accounts होना चाहिए, अब इस सिचुएशन में स्टॉक ब्रोकरों को दो भागों में डिवाइड किया हुआ हैं

एक तो उपरोक्त दी गई लिस्ट के मुताबिक एल्गो ट्रेडिंग एपीआई प्रदान करनेवाले ब्रोकर्स

दूसरें वो ब्रोकर्स होते है जो व्यक्तिगत रूप से किसी ट्रेडर को नहीं बल्कि खुद अपने ऑपरेटरों के द्वारा अपने क्लाइंट्स को एल्गो ट्रेडिंग की सुविधाएं मुहैया कराते हैं जिसकें लिए आपको हमारें इन Full Service Stock Brokers and Discount Stock Brokers की लिस्ट को Read करकें उनमेसे किसी एक स्टॉक ब्रोकर की पसंदगी अपने एल्गो ट्रेडिंग के लिए करनी होंगी

Algo Trading कैसे काम करता हैं :-

एल्गो ट्रेडिंग की पहली रणनीति हमारें लिए यह होती है की हमें उनकें अनुरूप अपनी स्ट्रेटेजि बनानी पड़ती है यानि हम जिन शेयरों पर एल्गो ट्रेडिंग करना चाहते है उनकीं छोटी से बड़ी चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है जैसे की; उस स्टॉक में Volatility यानि मूवमेंट कैसी है, उनकी Upper and Lower Circuit कितनी हैं, उनमे कारोबारियों की क्षमता यानि Volume कितना है आदि इन जैसी बातोँ को ध्यान में रखके ही एल्गो ट्रेडिंग करनी चाहिए

अगला महत्वपूर्ण कदम खरीदी प्राइस, बिक्री प्राइस, Stop Loss और लक्ष्य लाभ तय करने के लिए सही मापदंडों को इनपुट करना होता हैं जिसके लिए आपको सही तकनीकी संकेत का चयन करने की जरुरत होती है जो एक एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आपकी ट्रेडिंग रणनीति के अनुसार हों

एक बार रणनीति बनाने के बाद आपको यह जांचने के लिए कि क्या यह रणनीतियां हमारी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करके दे रही हैं या नहीं जिसको जानने के लिए एल्गो का बैकटेस्ट कर सकते हैं बैकटेस्ट ऐतिहासिक डेटा पर चलता है और यदि यह डेटा संतोषजनक परिणाम प्रदान नहीं कर पाता है तो आप अपनी ट्रेडिंग रणनीति को बदल सकतें हैं

पेपर ट्रेडिंग एक विकल्प होता हैं जो सभी ब्रोकरों के द्वारा पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि पेपर ट्रेडिंग लाइव बाजारों में किसी भी पूंजी को जोखिम में डाले बिना निवेशकों को केवल एक आभासी व्यापारिक अनुभव प्रदान करता हैं

यदि आप इन सभी नियमों को इसके अनुरूप पालन करते हैं तो आप अपनी रणनीतियों को मार्केट में सौदेबाजी करने के लिए और सिस्टम को आपके मुताबिक ट्रेडिंग सिग्नल पर कार्य करने के लिए लागु कर सकतें हैं

Algo Trading कैसे करें :-

अब इन सभी बातोँ को जानने के बाद इसको इस्तेमाल करना तो बनता हैं तो चलिए हमारें अहम टोपिक एल्गो ट्रेडिंग कैसे करना है उसको समजते है जिसकें लिए मैं आपको एल्गो ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण दूंगा जिसके बेस पर आप यह समज पाएंगे की हकीकत में एल्गो ट्रेडिंग किस प्रकार की ट्रेडिंग को पूर्ण करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता हैं

उदाहरण

एल्गो ट्रेडिंग कैसे करना है उनसें ज्यादा एल्गो ट्रेडिंग क्यों करना हैं यानि किस सिचुएशन में करना है इसको हम एक उदाहरण से समजते हैं

अब मानलीजिये एक ब्रोकर है जो अपने क्लाइंट्स के कियें मुताबिक उनकें किसी पर्टिकुलर शेयरों पर ट्रेडिंग करता हैं जो लाइव मार्केट आधारित ट्रेडिंग होती हैं मगर उसको कभी ऐसी परिस्तिथि उत्पन्न हो जब उसे कई अलग – अलग शेयरों पर कई सारे क्लाइंट्स के अलग क्वांटिटी, अलग प्राइस में किसी पर्टिकुलर समय पर एकीसाथ ऑर्डर लगाने हो तब एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता हैं

जिसकें लिए Example के तौर पर किसी कंपनी के IPO का लिस्टिंग हैं जो फॉर्म आवंटन हुआ हैं जिसकें लिए ब्रोकर को उस दिन तकरीबन 500 क्लाइंट के शेयरों को आवंटित मात्रा और अलग – अलग प्राइसिंग पर Market Pre Open पर शेयरों को बेचने की लिमिट लगानी हैं

इसके लिए ब्रोकर एल्गो ट्रेडिंग सबमिशन की सभी डिटेल्स को एक Excel फोर्मेट में बना लेता हैं और अपने ट्रेडिंग सोफ्टवेयर Odin में Bulk Order के मेनू पर सबमिट कर देता हैं

जिसकें बाद उस ब्रोकर के ओपरेटर को मार्केट ओपनिंग से पहले केवल कुछ सेटिंग करने होंगे जिसकें बाद केवल एक क्लिक पर सभी ऑर्डर लिमिट एकीसाथ दिखने लगेंगी साथ ही मार्केट अनुरूप के मुताबिक उनकीं प्राइसिंग को भी एकीसाथ चेंजिंग कर सकतें हैं तो एल्गो ट्रेडिंग कैसे होती हैं उसका यह एक लाइव उदाहरण हैं

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमनें इस आर्टिकल (algo trading kaise kare) में बहोत कुछ सिखा जिसमे एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं और उसको कैसे किया जाता हैं उसको हमें विस्तार से समजा और साथ ही एल्गोरिथमिक क्या होता हैं उसकी सामान्य जानकारी भी प्राप्त की साथ ही भारत में एल्गो ट्रेडिंग एपीआई प्रदान करनेवाले ब्रोकरों की सूचि को देखा जिसमें हमनें उन ब्रोकरों को भी शामिल किया जो यह एल्गो ट्रेडिंग एपीआई नहीं बल्कि खुदके ऑपरेटरों के द्वारा एल्गो ट्रेडिंग की सुविधाएं प्रदान करते हैं तो फिलहाल यह हमारा टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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