स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर

स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर

स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर

तो चलिए दोस्तों आज हम इस आर्टिकल (स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर) के जरिये स्टॉक मार्केट के दो अहम ब्रोकर्स के बिच रहे इस अंतर को समझेंगे साथ ही Stock Broker और Sub Broker (उप दलाल) की तुलनात्मक रचना को विस्तार से समझेंगे, वैसे यदि आप ‘स्टॉक ब्रोकर क्या होता हैं’ विस्तार से समझना चाहते हैं तो उपरोक्त दी गई लिंक के जरिये हमारे उस आर्टिकल को भी डिटेल्स के साथ समझ सकते हैं तो चलिए बिना किसी दैरी के हमारे इस महत्वपूर्ण टोपिक को शुरू करते हैं

Stock Broker और Sub Broker की सामान्य जानकारी :-

स्टॉक मार्केट (स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर) (शेयर बाजार) में पहले से ट्रेडिंग (निवेश) करनेवाले निवेशक यह अवश्य जानतें होंगे की इनमे निवेश करने के लिए उन्हें आवश्यक रूप से स्टॉक ब्रोकर की मदद लेनी पड़ती है यानि कोई भी ट्रेडर्स डायरेक्ट किसी स्टॉक एक्सचेंज के जरिये शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकता है

स्टॉक मार्केट में निवेश करनेवाले पुराने और ज्यादातर नए निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर में रहे अंतर में स्पष्टीकरण नहीं हो पाता है जिसके कारण वह किसी एक को भी समझने में असफल रहता है और दोनों ब्रोकिंग प्लेटफार्म से असुविधाजनक रहता है

इसके लिए हमें न केवल किसी एक को समझना जरुरी हैं बल्कि दोनों को एक साथ जानना अति आवश्यक हैं तो चलिए सबसे पहले यह दोनों क्या हैं यह समझ लेते हैं उसके प्रश्चात ही इन दोनों ब्रोकिंग फर्म की आमने सामने तुलना करेंगे

सेबी स्टॉक ब्रोकर्स और सब-ब्रोकर संशोधन विनियम

तो चलिए दोस्तों इसी टोपिक पर एक मुद्दें को और जोड़ते है जिसे सेबी के स्टॉक ब्रोकर्स और सब – ब्रोकर संशोधन विनियम (SEBI Stock Brokers and Sub-Brokers Amendment Regulations) के नाम से जाना जाता है

स्टॉक ब्रोकर और सब – ब्रोकर ग्राहक के सभी विवरण, जैसा कि खाता खोलने के फॉर्म में उल्लेख किया गया है की ग्राहक से संबंधित किसी भी अन्य जानकारी को गोपनीय रूप से बनाए रखेंगे और साथ ही वे किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को इसका खुलासा नहीं करेंगे

इसका मतलब सेबी के द्वारा कुछ समय के बाद ऐसे नियमों और विनियमों (Rules and Regulations) को जारी किया जाता है जिसकी मदद से स्टॉक ब्रोकर्स एवंम सब – ब्रोकर्स अपने कार्यक्रमों को उनके अनुरूप ढालते हैं

इसकी शुरुआत वर्ष SEBI (Stock Broker and Sub-broker) Regulations 1992 से हुई थी, ऊपर दी गई सेबी की आधिकारिक वेबसाइट की लिंक के द्वारा आप सभी उन सभी लेटेस्ट नियमों और विनियमों को समझ सकते हैं

स्टॉक ब्रोकर क्या हैं ?

एक स्टॉक ब्रोकर का कार्य SEBI के कन्ट्रोल में काम कर रहे सभी स्टॉक एक्सचेंजों (BSE/NSE) की निगरानी में शेयर बाजार में लिस्टेड हजारों कंपनीयों के स्टॉक्स कारोबार (ट्रेडिंग) कर रहे हों उनमे निवेश करने के लिए निवेशकों (ट्रेडर्स) को Electronic Trading Platform प्रदान करना हैं

यह एक वितीय पेशेवर है जो अपने Clients (ग्राहकों) को शेयर बाजार के प्लेटफार्म पर शेयरों में खरीद – बिक्री के ऑर्डर निष्पादित करने की सुविधा मुहैया करते हैं जिसके बदले यह उनसे सेबी के दिशा निर्देश के अनुसार लागु ब्रोकरेज के स्वरूप शुल्क लेते हैं

एक स्टॉक ब्रोकर को पंजीकृत प्रतिनिधि या फिर निवेश के सलाहकार के तौरपर भी जाना जाता हैं, ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर ‘ब्रोकरेज फर्म’ के लिए कार्य करते हैं और कई स्टॉक ब्रोकर खुदके लिए व्यक्तिगत रूप से और किसी संस्थागत ग्राहकों के लिए शेयरों में लेनदेन का कार्य करते हैं

सामान्य तौरपर कभी – कभी ब्रोकरेज फार्मों और ब्रोकर डीलरों को स्टॉक ब्रोकर्स के रूप में संदर्भित किया जाता हैं इसके आधार पर स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य दो प्रकार निकल के आते है Full – Service Stock Brokers और Discount Stock Brokers यह दोनों ही प्रकार के ब्रोकर्स अपने आप में कई प्रकार की विशेषताए और सेवाएँ प्रदान करते हैं जिसमे दोनों की अलग – अलग स्कीमों के चलते ब्रोकरेज में ऊंच – नीच के साथ – साथ कई सुविधाओं में भी तफावत देखने को मिलता हैं

महत्त्व

स्टॉक ब्रोकर्स न केवल शेयरों में ट्रेडिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं बल्कि यह एक एनालिसिस टीम के तहत स्टॉक मार्केट के मूवमेंट की संभावनाओं के रिसर्च से यह पता लगाते है की शेयर बाजार में किस समय किन सेक्टरों की कंपनीयों के शेयरों में खरीद – बिक्री करना सबसे लाभदायक माना जाता हैं, स्टॉक ब्रोकर भी पूंजी बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता हैं

सब ब्रोकर क्या हैं ?

आमतौर पर एक सब ब्रोकर सेबी का एक अधिकृत व्यक्ति होता है जो ट्रेडिंग सदस्य की ओर से कार्य करता हैं यानि सब ब्रोकर को सेबी की ओर से पूर्ण अधिकार नहीं दिए गए होते है जिसके चलते यह एक एजेंट के तौरपर कार्य करता हैं जिसके लिए सब ब्रोकर को स्टॉक ब्रोकर के द्वारा नियुक्त किया जाता हैं

वैसे तो एक सब ब्रोकर ट्रेडिंग सदस्य (स्टॉक ब्रोकर) के तौरपर या उनकी ओर से कार्य करता हैं मगर वह कभी स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सदस्य नहीं होता हैं, एक सब ब्रोकर दो पक्षों के बीच मध्यस्थ के स्वरूप कार्य करता है जोकि स्टॉक ब्रोकर और निवेशक होते है, इसीके साथ एक सब ब्रोकर क्लाइंट्स को प्रतिभूतियों में निवेश करने में मदद करता है जिसके बदले में उसको लेनदेन का 1% कमीशन के तौरपर मिलता है इसमें वह जितने ज्यादा कारोबार को पूर्ण करवाते है उतना ही ज्यादा कमीशन मलता हैं

सब ब्रोकर को सेबी के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है और ज्यादातर कैश में ऐसा होता भी है लेकिन स्टॉक ब्रोकर की जिम्मेदारियां उनसे कई ज्यादा होती है क्योंकि ज्यादातर ब्रोकरेज स्वरूप कमीशन उन्ही को मिलता हैं साथ ही सेबी ने भी यह सुनिश्चित कर दिया है की कोई भी ट्रेडिंग सदस्य उस व्यक्ति के साथ कारोबार नहीं करेंगा जो सेबी के साथ पंजीकृत नहीं होंगा और वह केवल स्टॉक ब्रोकर के एजेंट के रूप में कार्य कर रहा हों

महत्व

अब सब ब्रोकर की बात करे तो यह भी स्टॉक ब्रोकर से कम नहीं है यह शेयर दलालों को अपने क्लाइंट्स पॉवर को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता हैं यही कारण है कि प्रमुख ब्रोकरेज फर्म (स्टॉक ब्रोकर्स) अच्छी तरह से जुड़े लोगों को सब ब्रोकर के रूप में भागीदार बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है इसलिए यह दोनों पक्षों के लिए यह एक फायदे का सौदा माना जाता हैं

सब ब्रोकर के उदाहरण

यदि हम सब ब्रोकर्स के अलग – अलग उदाहरणों की बात करे तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम Karvy Sub Broker का ही आता है क्योंकि इस सब ब्रोकिंग फर्म ने काफी बड़े लेवल पर Scam (घोटाला) किया था जोकि उस समय काफी चर्चा में रहा था

तो चलिए यदि Karvy की बात हुए ही है तो लगे हाथ IPO के नजरिये में सब ब्रोकर के कुछ उदाहरणों को जान लेते हैं जिसमे सबसे फेमस रजिस्ट्रार सब ब्रोकर Link Intime India Pvt Ltd और KFin Technologies Ltd इसका अहम उदाहरण हैं

यदि हम Physical Share Solution यानि शेयर सर्टिफिकेट को Demat Account में रूपांतरित करने की प्रक्रिया से सब ब्रोकर के कार्यक्रम को समझें तो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनीयां अपने पुराने निवेशकों के पास पड़े शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट स्वरूप में लाने के लिए बिच में एक सब ब्रोकर को नियुक्त करते है जो इन शेयर सर्टिफिकेट की जाँच करके सभी दस्तावेज़ सही होने के बाद उस शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट स्वरूप में रूपांतरित करने में कंपनी की सहायता करते है जिसके लिए उसे कंपनी के द्वारा उचित कमीशन दिया जाता हैं

तो उपरोक्त प्रकारों से न केवल हमें सब ब्रोकर्स के उदाहरणों के बारेंमे जाना बल्कि उनके महत्वपूर्ण कार्यो के बारेंमे भी समझां

सब ब्रोकर कैसे बनें ?

यदि आप सब ब्रोकर बनने की विधि समझना चाहते है तो यह टोपिक बिल्कुल आप ही के लिए है तो चलिए इसको विस्तार से समझें तो सब ब्रोकर के लिए सबसे पहले व्यक्ति की उम्र कम से कम 21 वर्ष की होनी चाहिए जिसके प्रश्चात ही आप एक सब ब्रोकर बनने का सोच सकते हैं

उसके बाद आपके पास माध्यमिक विद्यालय स्नातक प्रमाणपत्र होना चाहिए और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) से प्रमाणन प्राप्त कर सकते हैं

सब ब्रोकर बनने के लिए आवेदन करने से पहले, आपको भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अपने स्थानीय स्टॉक एक्सचेंज के साथ पंजीकरण करना होगा

यदि हम उदहारण के स्वरूप Kotak Securities का सब ब्रोकर बनने के लिए उसकी विधि को समझें तो आपको न्यूनतम 3 लाख रुपये जमा करने होंगे (परक्राम्य) और 300 वर्ग फुट का कार्यालय होना चाहिए कार्यालय अधिमानतः एक प्रमुख स्थान पर होना चाहिए और ISDN और SAT कनेक्शन के साथ कंप्यूटर सिस्टम होना चाहिए

वैसे सब ब्रोकर बनने की यह तो केवल एक सामान्य जानकारी हैं इसके अलावा भी हमें और कई प्रकार के डोक्युमेंट और परमीशन चाहिए होंगी जिसमे ज्यादा खर्च भी हो सकता है जिसके बाद ही एक व्यक्ति सब ब्रोकर बन सकता हैं

स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर की तुलना :-

वैसे तो स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बिच काफी कम अंतर देखने को मिलता है मगर अभी भी कई निवेशकों के लिए इन दोनों के बिच रहे इस सामान्य तफावत को हमें एक Table of Content की मदद से विस्तारपूर्वक समझना पड़ेंगा तभी हमें सही मायनो में इन दोनों ब्रोकिंग प्लेटफार्म को समझां है ऐसा माना जायेंगा तो चलिए इसे समझते हैं

क्रमांकस्टॉक ब्रोकरसब ब्रोकर
कार्यस्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या एक संस्था के तौरपर निजी स्वतंत्रता के साथ कार्य करता हैंसब ब्रोकर एक बिमा एजेंट की तरह स्टॉक ब्रोकर के नियंत्रण के आधीन कार्य करता है क्योंकि यह ज्यादातर एक व्यक्ति के स्वरूप ही देखा जाता हैं
सदस्य (पंजीकरण)यह स्टॉक एक्सचेंज का एक ट्रेडिंग मेंबर है साथ ही यह सेबी से भी पंजीकृत होता हैं   यह स्टॉक ब्रोकर के तौरपर अपने ट्रेडिंग मेंबर की रचना करता है साथ ही यह सभी से भी पंजीकृत होता है मगर कुछ कैश में ऐसा होना जरुरी नहीं हैं   
ब्रोकरेजस्टॉक ब्रोकर को ब्रोकरेज के तौरपर सीधे अपने क्लाइंट से कमीशन मिलता हैंसब ब्रोकर को ब्रोकरेज के तौरपर उन्हें नियुक्त किए गए फर्म (दलाल) से सुनिश्चित कमीशन मिलता हैं

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल (स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर के बीच अंतर) के माध्यम से क्या – क्या सिखा तो सबसे पहले सामान्य शब्दों में यह समझना होंगा की शेयर बाजार यदि एक पिता के समान है तो स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर यह दोनों उसके पुत्र के समान हुए जिसमे बड़े भाई के तौरपर स्टॉक ब्रोकर और छोटे भाई के तौरपर सब ब्रोकर को समझां जा सकता हैं इसी के साथ हमारा यह टोपिक यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर में क्या अंतर है ?

जो निवेशक पहले से शेयर बाजार में ट्रेडिंग (निवेश) कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि उनमें निवेश करने के लिए उन्हें स्टॉक ब्रोकर की मदद लेनी होगी और उन्ही निवेशकों की कमी पूरी करने के लिए सब ब्रोकर को नियुक्त किया जाता हैं

एक स्टॉक ब्रोकर का क्या कार्य होता हैं ?

एक स्टॉक ब्रोकर का कार्य सेबी के कन्ट्रोल में काम कर रहे सभी स्टॉक एक्सचेंजों (बीएसई/एनएसई) की निगरानी में शेयर बाजार में लिस्टेड हजारों कंपनीयों के स्टॉक्स कारोबार (ट्रेडिंग) कर रहे हों उनमे निवेश करने के लिए निवेशकों (ट्रेडर्स) को ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ प्रदान करना हैं

एक सब ब्रोकर कैसे बना जाता हैं ?

सब ब्रोकर बनने के लिए सबसे पहले व्यक्ति की उम्र कम से कम 21 वर्ष की होनी चाहिए जिसके प्रश्चात ही आप एक सब ब्रोकर बनने का सोच सकते हैं
उसके बाद आपके पास माध्यमिक विद्यालय स्नातक प्रमाणपत्र होना चाहिए और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) से प्रमाणन प्राप्त कर सकते हैं
सब ब्रोकर बनने के लिए आवेदन करने से पहले, आपको सेबी और अपने स्थानीय स्टॉक एक्सचेंज के साथ पंजीकरण करना होगा

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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