Physical Shares To Demat
हेल्लो दोस्तों आज हम स्टॉक मार्केट के एक बेहद्द ही अहम टोपिक (physical shares to demat) के बारेंमे बातें करनेवाले हैं, भौतिक शेयर का समाधान क्या हैं और यह कैसे होता है इनसे जुड़ें सभी सवालों के जवाब से रूबरू होंगे यानि शेयर सर्टिफिकेट को Demat Account में रूपांतरित कैसे करें ?, इनसे जुड़ीं विधि को हम शुरू (सर्टिफिकेट शेयर) से लेकर अंत (डिमेट स्वरूप स्टॉक) तक कैसे करेंगे यह विस्तार से समजेंगे तो चलिए शुरू करते हैं
Physical Shares क्या होते हैं
सबसे पहले हम यह समजेंगे की आखिरकार यह ‘Physical Share’ होते क्या हैं तो यह ‘Physical Share’ आमतौर पर सर्टिफिकेट के स्वरूप में होते हैं, भारतीय शेयर बाज़ार के पुरानें इतिहास को टटोले तो हम यह समज पाएंगे की पुरानें जमानें में जब इन्टरनेट और कम्प्यूटर का इतना दौर नहीं था तबभी देश – विदेश में स्टॉक मार्केट का कारोबार चलता ही था मगर वह शेयर ट्रेडिंग आज की तरह ‘Electronic Trading Platform’ के जरिये नहीं बल्कि शेयरों के सर्टिफिकेट के आदानप्रदान के जरिये होती थी जिसे ‘भौतिक शेयर’ कहा जाता हैं चलिए इसे और विस्तार से समझें
एक भौतिक शेयर एक भौतिक प्रमाणपत्र है जो किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है यह कागज का एक ठोस टुकड़ा है जो एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को जारी किया जाता है और यह कंपनी में एक निश्चित संख्या में शेयरों के स्वामित्व के प्रमाण के रूप में कार्य करता है
भौतिक शेयरों को अन्य वित्तीय संपत्तियों, जैसे स्टॉक या बॉन्ड के समान तरीके से कारोबार किया जा सकता है और उन्हें ब्रोकर या वित्तीय संस्थान के माध्यम से खरीदा या बेचा जा सकता है कुछ निवेशक भौतिक शेयर रखना पसंद करते हैं क्योंकि वे स्वामित्व की भावना प्रदान करते हैं और एक मूर्त संपत्ति के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं
अतीत में देखे तो, भौतिक शेयर अधिक सामान्य थे और प्राथमिक तरीके से लोग किसी कंपनी में शेयरों के मालिक बने हुए थे आज, अधिकांश शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वामित्व में हैं और एक भौतिक प्रमाण पत्र द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने के बजाय एक केंद्रीकृत डेटाबेस में दर्ज किए जाते हैं इसे “डीमैटरियलाइज्ड” या “पेपरलेस” रूप में शेयर रखने के रूप में भी जाना जाता हैं
हालाँकि, कुछ कंपनियां अभी भी भौतिक शेयर जारी करती हैं और कुछ निवेशक विभिन्न कारणों से भौतिक शेयर रखना पसंद करते हैं उदाहरण के लिए, कुछ निवेशकों का मानना है की भौतिक शेयर अधिक सुरक्षित हैं और धोखाधड़ी या अन्य मुद्दों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक स्वामित्व के साथ उत्पन्न हो सकते हैं अन्य केवल भौतिक शेयर प्रमाणपत्र रखने के साथ आने वाले स्वामित्व और मूर्त संपत्ति की भावना को पसंद कर सकते हैं
भौतिक शेयरों का व्यापार करने के लिए, आपको एक ब्रोकर या वित्तीय संस्थान खोजने की आवश्यकता होगी जो आपकी ओर से उन्हें खरीदने या बेचने के लिए तैयार हो आपको स्वामित्व के हस्तांतरण और व्यापार से संबंधित अन्य सेवाओं के लिए भी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भौतिक शेयर अन्य वित्तीय संपत्तियों की तरह आसानी से व्यापार योग्य नहीं हो सकते हैं और उनके लिए खरीदार या विक्रेता खोजना अधिक कठिन हो सकता है यानि उसमे तरलता (Liquidity) के प्रमाण को सामान्य देखा जाता हैं
Physical Share Certificate की सामान्य बातें
एक भौतिक शेयर प्रमाणपत्र एक भौतिक दस्तावेज़ है जो किसी कंपनी में निश्चित संख्या में शेयरों के स्वामित्व के प्रमाण के रूप में कार्य करता है इसमें कंपनी का नाम, स्वामित्व वाले शेयरों की संख्या और शेयरधारक का नाम शामिल होता है
प्रमाणपत्र आमतौर पर कंपनी या उसके ट्रांसफर एजेंट द्वारा जारी किया जाता है और शेयरों के स्वामित्व को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक होता है इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड-कीपिंग अधिक प्रचलित होने के कारण भौतिक शेयर प्रमाणपत्र कम आम होते जा रहे हैं लेकिन कुछ निवेशक अभी भी अपने निवेश का भौतिक रिकॉर्ड रखना पसंद करते हैं
भौतिक शेयर समाधान की अंतिम तिथि
तो भारतीय शेयर बाज़ार की नियामक संस्था SEBI यानि ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ ने यह सूचित किया था की भौतिक शेयरों के सर्टिफिकेट को Demat Account में ट्रान्सफर करने की अंतिम मुद्दत 31 मार्च, 2019 तय की है इसके बाद कोई भी अपनें भौतिक शेयरों को Dematerialized नहीं करवा पाएंगे
मगर इस बात को इतनीं गंभीरता से लेने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम आज भी हमारें लीगल शेयर सर्टिफिकेट को हमारें डिमेट अकाउंट में बड़ी ही आसानी से ट्रान्सफर कर सकते हैं
हाल के वर्षों में, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड-कीपिंग और ट्रेडिंग सिस्टम के बढ़ते उपयोग के कारण भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों के उपयोग में गिरावट आई है कई कंपनियां अब भौतिक प्रमाणपत्र जारी नहीं करती हैं और इसके बजाय शेयरों के स्वामित्व को रिकॉर्ड करने और स्थानांतरित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का उपयोग करती हैं यह अधिक कुशल है और खोए या चोरी हुए प्रमाणपत्रों के जोखिम को कम करता है
हालांकि, कुछ निवेशक अभी भी अपने निवेश का भौतिक रिकॉर्ड रखना पसंद करते हैं और भौतिक प्रमाण पत्र का अनुरोध कर सकते हैं इन मामलों में, कंपनी या उसके स्थानांतरण एजेंट शेयरधारक को भौतिक प्रमाण पत्र जारी करेंगे प्रमाणपत्र को शेयरधारक को भेज दिया जाएगा या ब्रोकरेज फर्म या बैंक जैसे निर्दिष्ट स्थान पर रखा जाएगा
भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैटरियलाइज़ करने के लिए आवश्यक मुद्दें
भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैटरियलाइज़ करने के लिए, निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है :-
क्रमांक | मुद्दें | भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैटरियलाइज़ करने के बारे में |
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1. | कानूनी और नियामक ढांचा | भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों के डीमैटरियलाइजेशन का समर्थन करने के लिए एक कानूनी और नियामक ढांचा होना चाहिए |
2. | इंफ्रास्ट्रक्चर | स्वामित्व के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखने के लिए केंद्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी (Central Securities Depository) और स्वामित्व के हस्तांतरण को संभालने के लिए बिचौलियों के नेटवर्क सहित डीमैटरियलाइजेशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए |
3. | भौतिक प्रमाणपत्रों का रूपांतरण | भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है यह “सर्टिफिकेट हार्वेस्टिंग” नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है, जहां भौतिक प्रमाणपत्र एकत्र किए जाते हैं और इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्कैन किए जाते हैं |
4. | प्रमाणीकरण और सत्यापन | स्वामित्व के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को उनकी सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणित और मान्य करने की आवश्यकता है |
5. | निवेशक शिक्षा | निवेशकों को अभौतिकीकरण प्रक्रिया और इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए, जिसमें बढ़ी हुई दक्षता, हानि या चोरी का कम जोखिम और अधिक पहुंच शामिल हैं |
6. | लागत | भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूपों में परिवर्तित करने और स्वामित्व के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए फीस सहित डीमैटरियलाइजेशन प्रक्रिया से जुड़ी लागतें हो सकती हैं इन लागतों पर सावधानीपूर्वक विचार और प्रबंधन किया जाना चाहिए |
7. | रिकॉर्ड कीपिंग | इलेक्ट्रॉनिक शेयर प्रमाणपत्रों के स्वामित्व के सटीक और अद्यतन रिकॉर्ड को बनाए रखना महत्वपूर्ण है इसमें एक केंद्रीकृत डेटाबेस या एक वितरित खाता बही प्रणाली का उपयोग शामिल हो सकता है |
8. | सुरक्षा | अनधिकृत पहुंच, छेड़छाड़ या धोखाधड़ी को रोकने के उपायों सहित स्वामित्व के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय किए जाने चाहिए |
9. | डेटा गोपनीयता | व्यक्तिगत डेटा, जिसमें शेयरधारकों की पहचान शामिल है, को प्रासंगिक गोपनीयता कानूनों और विनियमों के अनुसार संरक्षित किया जाना चाहिए |
10. | ग्राहक सेवा | निवेशकों के पास डीमैटरियलाइजेशन प्रक्रिया या उनके इलेक्ट्रॉनिक शेयर प्रमाणपत्रों के बारे में किसी भी प्रश्न या चिंताओं को दूर करने के लिए विश्वसनीय ग्राहक सेवा तक पहुंच होनी चाहिए इसमें एक समर्पित सहायता टीम की स्थापना या ऑनलाइन संसाधनों और स्वयं-सेवा उपकरणों का उपयोग शामिल हो सकता है |
Physical Share Solutions में आवश्यक बातें
भौतिक शेयरों को Dematerialized करवाने के लिए हमें बहोत सी बातोँ का ध्यान रखने की जरुरत हैं
शेयर सर्टिफिकेट धारक की व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी
- सबसे पहले जिस किसी कंपनी के शेयर सर्टिफिकेट हो वह कंपनी हालमे भी स्थायी होनी चाहिए यानि यदि उस कंपनी का विसर्जन हो चूका हैं और उस कंपनी का स्टॉक Delisted यानि स्टॉक मार्केट में उसका ट्रेडिंग बंध हो चूका है जिस कैश में ऐसे शेयरों के सर्टिफिकेट केवल एक रद्दी समान होते है जिनको Dematerialized करवाने का कोई सेंस नहीं बनता
- दूसरी और अहम बात की शेयर सर्टिफिकेट धारक जीवित होने चाहिए, इस प्रोसेस में यह एक गंभीर समस्या होती है क्योंकि शेयर सर्टिफिकेट आजकल की बात तो है नहीं यह बात वर्ष 1995 से पहले की है जब ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी उसकेबाद से शेयर सर्टिफिकेट का कारोबार कम होने लगा था, अब यह जाहिर सी बात है की इतनीं लम्बी समय अवधि के लिहाज से शेयर सर्टिफिकेट धारक का जीवित होना एक रियलिटी है जिसकें आधार पर ही शेयर सर्टिफिकेट को Dematerialized किया जा सका हैं
- अब यहाँ पर भी वही लम्बीं अवधि का मुद्दा सामने आता हैं, लब्मे समय और उम्र की वजह से सिग्नेचर (हस्ताक्षर) करने में काफी दिक्कतें आ सकती हैं, हाथों का अस्थिर होना, हस्ताक्षर करने में भूल करना या भूल जाना जिनकीं वजह से भी इनकी प्रक्रिया में रुकावट आ सकती हैं
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है की सभी स्थितियों में भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को स्वामित्व के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है कुछ कंपनियां या संगठन केवल स्वामित्व के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को ही स्वीकार कर सकते हैं निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है की वे जिस कंपनी या संगठन के साथ काम कर रहे है उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं को समझें और यह सुनिश्चित करें की उनके पास उनके अनुरूप आवश्यक दस्तावेज हैं
शेयर प्रमाणपत्र धारक की अतिरिक्त जिम्मेदारियां
- अब आते है इसकी अहम प्रोसेस की जरूरतों के बारेंमे तो इस प्रक्रिया में सबसे पहले तो एक Trading and Demat Account होना बेहद जरुरी है और खासकर के शेयर सर्टिफिकेट के धारक का ही खाता आवश्यक हैं
- अब जबकि यह प्रक्रिया पूर्णरूप से आपके Broker के आधीन होनी हैं तो आपको उपरोक्त खातो को खुलवाने के लिए अपने ब्रोकर का चुनना करना आपके लिए एक अहम मुद्दा बन जाता है मगर फिकर करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं आपको सुनिश्चित करवाऊंगा की इस प्रोसेस के लिए कोनसा ब्रोकर्स आपके लिए सही है तो सबसे पहले आपको जिन ब्रोकर्स को टालना है वह Discount Stock Brokers हैं और अब बात करते है Full – Service Stock Brokers की जिनकीं टॉप 10 ब्रोकरों की लिस्ट आपको उनकीं लिंक के जरिये मिल जाएँगी
- यदि शेयर सर्टिफिकेट को किसी उचित नाम यानि शेयर सर्टिफिकेट धारक के नोमिनेशन को या शेयर सर्टिफिकेट के पीछें दर्शाए गए नामों मेसे किसी एक के नाम पर ट्रान्सफर कर दिया है तो उपरोक्त दर्शाए गए प्रोब्लेम को सोल्व किया जा सकता हैं
- शेयर सर्टिफिकेट की Dematerialized प्रोसेस में उस कंपनी के Sub – Brokers का बेहद अहम रोल होता हैं क्योंकि इनसे जुड़ीं तमाम प्रकार की प्रक्रिया इनकी के आधीन की जाती हैं
- शेयर सर्टिफिकेट को डिमेट खाते में ट्रान्सफर करने के लिए यह सुनिश्चित जरुर करें की आपके शेयर सर्टिफिकेट किस Depository Services का भाग हैं यानि Sub – Brokers दोनों DP – NSDL and CDSL में रजिस्टर्ड होते है और कुछ DP दोनों मेसे केवल एक ही में रजिस्टर्ड होते हैं जिनकी वजह से आपके शेयर सर्टिफिकेट का सब – ब्रोकर रजिस्ट्रार किन Depository Participant में सूचीबद्ध है यह जानना बेहद जरुरी है क्योंकि हमारा डिमेट अकाउंट किसी एक ही Depository Participant में रजिस्टर होंगा
Dematerialize Process of Physical Share Certificate
तो चलिए अब आ जाते है हमारें अहम टोपिक की ओर और जानते है की शेयर सर्टिफिकेट को डिमेट खाते में ट्रान्सफर करने की क्या प्रक्रिया हैं और यह प्रोसेस को हम किन – किन के जरिये कर सकते हैं जिनसे हमारे Physical Share Certificate का Dematerialization Complete हो सकें तो चलिए स्टेप बाय स्टेम इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं
इस प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए हमें हमारें शेयर सर्टिफिकेट की कुछ बातोँ को जानना पड़ेंगा जैसे की; शेयर सर्टिफिकेट में सुनिश्चित फेस वैल्यू और मार्केट में लिस्टेड स्टॉक की फेस वैल्यू एक समान होनी चाहिए, वह शेयर सर्टिफिकेट किसी भी फाइनेंसियल संस्था से जुड़ा हुआ होना चाहिए, यही भविष्य में उस कंपनी के स्टॉक का नाम चेंज हुआ हैं या शेयर सर्टिफिकेट के धारक का नाम बदला हैं यानि पुराने शेयर सर्टिफिकेट में यदि कुछ अहम चीजों में बदलाव हुआ हैं तो उसे आपको उनकें सुनिश्चित सब – ब्रोकर से संपर्क करके पहले उन्हेँ सुधारना पड़ेंगा उसकेबाद ही आपके शेयर सर्टिफिकेट को डिमेट अकाउंट में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की शुरुआत होंगी
आवश्यक दस्तावेज़
- Original Physical Share Certificate
- Dematerialization Request Form (DRF) – DRF यह वो फॉर्म होता है जिसको भर के Physical Share Certificate को Dematerialized करने की प्रक्रिया की जाती हैं (NSDL – DRF and CDSL DRF)
- Aadhaar Card
- Pan Card
- Cancelled Cheque – रद्द किया गया चेक तभी मान्य रहेंगा जब उनमें आपका पूरा नाम प्रिंटेड हो अन्यथा आपको बैंक का कोई और डोक्युमेंट लगेंगा
शेयर प्रमाणपत्र को डीमैट करने की प्रक्रिया 1
सबसे पहले यह प्रक्रिया पूर्णरूप से हमारे ब्रोकर के आधीन की जाती हैं जिसकें लिए हमें उपरोक्त तमाम प्रकार के डोक्युमेंट को हाज़िर करना होता हैं
जिसके बाद DRF के फॉर्म को Fill (भरना) करना पड़ेंगा जिसमें आपके डिमेट खाते और शेयर सर्टिफिकेट की सामान्य जानकारियों को भरना पड़ेंगा तो चलिए वन बाय वन सभी भरनेवाली चीजों को समजते हैं
सबसे पहले यह Dematerialization Request Form की तिन Copies होती है जिसको color wise अलग – अलग पार्ट में बांटा गया हैं जिसमें First – Page White Color का होता है जो अहम माना जाता हैं उसकेबाद Second – Page Yellow Color का होता है जिस Copy को शेयर सर्टिफिकेट धारकों को वापिस किया जाता है और Third – Page Pink Color का होता है जिसे ब्रोकर के उपयोग में लिया जाता हैं
आइए सबसे पहले जानते हैं DRF का फॉर्म भरने में बेसिक जानकारी –
सबसे पहले Client ID और First Holders Name को भरना होता है उसकेबाद Company Name में शेयर सर्टिफिकेट में जो नाम है वैसे का वेसा लिखना हैं, Type of Security में Equity, Face Value में यह सुनिश्चित जरुर करे की मार्केट के स्टॉक और शेयर सर्टिफिकेट में एक जैसी फेस वैल्यू हो, ISIN नंबर भी दोनों में एकसमान ही होंगे जिसकी शुरुआत INE से होंगी जिसके बाद 9 नंबर होंगे, सर्टिफिकेट के शेयरों की Quantity को In Figures and In Words में Fill Up करना होंगा
DRF का फार्म भरने में कुछ अतिरिक्त सूचना के संबंध में –
इसमें सबसे पहले Details of Securities में Free Securities पर टिक मार्क करना पड़ेंगा और Total No. of Securities के बोक्स में शेयर सर्टिफिकेट की Quantity सुनिश्चित करनी हैं, अब आनेवाली सभी माहिती शेयर सर्टिफिकेट में ही होंगी जिसमें Folio No., Certificate Nos. – From and To, Distinctive No. – From and To और Quantity, Lock-in-reason and Lock-in-release date इन दोनों में N.A. Fill Up करना है और आखिर में First Holders Name में पूरा नाम और Signature जो शेयर सर्टिफिकेट के मुताबिक है वह करनी हैं
शेयर प्रमाणपत्र को डीमैट करने की प्रक्रिया 2
अब आती है ब्रोकर की कामगिरी जिसमें वह शेयर सर्टिफिकेट से जुड़े सभी डोक्युमेंट को उनसें जुड़े Registrar यानि Sub – Brokers को ट्रान्सफर करेंगा और साथ ही ऑनलाइन बिडिंग भी करेंगा जिसकें साथ ही वह उनके डिमेट अकाउंट में Frees Entry कर देंगा
जिसकें बाद वह Sub – Broker उस शेयर सर्टिफिकेट और उनसें जुड़े सभी डोक्युमेंट को वेरीफाई करेंगा जिसमे खासकरके उस शेयर सर्टिफिकेट धारक के हस्ताक्षर को चेक करेंगा, जिसके बाद ‘डीमैट रिक्वेस्ट नंबर’ यानि DRN के रूप में जाना जाने वाला नंबर जनरेट करता है
सभी प्रोसेस को verified होने के बाद वह Sub – Broker उनसें जुड़े Depository Participant से संपर्क करेंगा और उन्हें सूचित करेंगा की इस शेयर सर्टिफिकेट को उनके सुनिश्चित डिमेट अकाउंट में उनकें स्टॉक्स को जमा करें जिसकें बाद उस Frees Entry को Free कर दिया जाता हैं जिसके बाद से वह शेयर धारक मार्केट में उसे कभी भी बेच सकता हैं
निष्कर्ष
तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल (physical shares to demat) में बेहद ही जानकारीपूर्ण माहिती शेर की हैं हमनें इस टोपिक में जाना की Physical Share क्या होते हैं, उनकी लास्ट डेट को भी जाना साथ ही शेयर सर्टिफिकेट को Dematerialized करने की आखरी तारीख तो कब की चली गई है फिरभी हम इस प्रक्रिया को सफलता पूर्ण करके अपने शेयर सर्टिफिकेट को अपने डिमेट स्वरूप में ट्रान्सफर कर सकते हैं
जिसकें लिए हमनें उनसें जुडी तमाम प्रकार की बातोँ को जाना जैसे उनकें डोक्युमेंट क्या – क्या होंगे, किस शेयर सर्टिफिकेट धारक को ही इस प्रक्रिया को करना चाहिए किसे इस प्रोसेस को नहीं करना चाहिए या नहीं कर सकते हैं, DRF के Form को पूर्ण Fill Up करने की विधि और जानकारियों को जाना और आखिर में ब्रोकर की क्या प्रोसेस होती है जिसके जरिये हमारें शेयर सर्टिफिकेट डिमेट अकाउंट में जमा होते हैं यहाँ तक की पूर्ण विधि को समजा तो यह हमारा टोपिक यही समाप्त होता है, धन्यवाद
लेख से सबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर
शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट खाते में कैसे जमा करे ?
भौतिक शेयरों को Demat Account में रूपांतरित करने के लिए एक DRF के Form को पूर्ण Fill Up करने के बाद उसके साथ जरुरी सभी दस्तावेजों को जोड़ कर उस कंपनी के रजिस्ट्रार को भेजना होता है जिसके बाद यदि सभी प्रक्रिया सही होंगी तो वह भौतिक शेयर आपके डीमैट खाते में परिवर्तित हो जाएंगे
Physical Share Certificate क्या होते हैं ?
भारतीय शेयर बाज़ार के पुरानें इतिहास को टटोले तो हमें यह पाएंगे की पुरानें जमानें में जब इन्टरनेट और कम्प्यूटर का इतना दौर नहीं था तब भी देश – विदेश में स्टॉक मार्केट का कारोबार चलता ही था जोकि फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट के दम पर चलता था
शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट खाते में परिवर्तित करने की अंतिम तारीख कौन सी थी ?
सेबी ने यह सूचित किया था की भौतिक शेयरों के सर्टिफिकेट को Demat Account में ट्रान्सफर करने की अंतिम मुद्दत 31 मार्च, 2019 तय की है
डीलिस्टेड कंपनियों के भौतिक शेयर कैसे बेच सकते हैं ?
इस सवाल का सीधा सा जवाब है नहीं, निजी ब्रोकरों एवंम संस्थागत ब्रोकरों के माध्यम से भी डीलिस्टेड कंपनियों के भौतिक शेयरों को नहीं बेचा जा सकता हैं