Difference Between CDSL And NSDL

Difference Between CDSL And NSDL

difference between cdsl and nsdl

स्टॉक मार्केट में जैसे शेयरों पर ट्रेडिंग करने के लिए Trading Account की जरूरत पड़ती है वैसे ही उन स्टॉक्स को आजीवन सुरक्षित रखने के लिए Demat Account की आवश्यकता पड़ती हैं और जब डिमेट खाते की बात आती है तब हमारे मनमे दो नाम याद आते हैं NSDL और CDSL तो चलिए इन दोनों को विस्तारपूर्वक समजते हैं (difference between cdsl and nsdl)

NSDL और CDSL का स्टॉक मार्केट में महत्त्व हैं :-

CDSL और NSDL का शेयर बाजार से क्या सबंध है वह भी जानेंगे, तो चलिए पहले वही से शुरुआत करते है अगर आपका Account शेयर बाजार में है तो आपने CDSL और NSDL का नाम जरुर सुना होंगा

साथ ही शेयर बाजार में दो प्रमुख Accounts होते है Trading Account and Demat Account जिसके बारेंमे मेने एक आर्टिकल भी पब्लिश किया है, फ़िलहाल उन दो Accounts मेसे एक Demat Account है

जिसका सीधा सबंध CDSL और NSDL के साथ हैं यानि शेयर्स रखने के लिए जो Demat Account इस्तेमाल होते है वो यातो CDSL के माध्यम से खुलते है या NSDL के जरिये खुलते है

या यु कहे की स्टॉक मार्केट का महत्वपूर्ण Demat Account जिसे Depository Participant (DP) के नाम से भी जाना जाता है वह खाता इन्ही दो संस्थाएँ CDSL और NSDL के नेतृत्व में खोला जाते है

CDSL

CDSL का पूरा नाम ‘Central Depository Services (India) Limited’ है जिसे हिंदी में “सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड” कहते है

यह देश की सबसे पहली सूचीबद्ध प्रतिभूति डिपोजिटरी है इसकी स्थापना मुंबई में फरवरी 1999 में हुई थी, इसका पुराना नाम बीएसइ लिमिटेड हुआ करता था उनसे बदलकर इसका नाम CDSL कर दिया गया

इसका मुख्य कार्य सिक्योरिटीज होल्डिंग यानि शेयरों की सुरक्षा प्रदान करना हैं यह पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन से संज है

यह संस्था सभी प्रतिभूतियों और लेन – देन के ट्रेड की सुविधाए मुहैया करता है जिनके साथ – साथ स्टॉक एक्सचेंजों पर होने वाले ट्रेडिंग के निपटान और सेटलमेंट की सुविधाए प्रदान करती है

इन प्रतिभूतियों की सेवाओं में बहुत सी संस्थाए मोजूद है जैसे की; डिबेंचर, बांड, Equity, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF), Mutual fund, अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF), डिपोजिटरी सर्टिफिकेट (CD) आदि संस्थाए शामिल है

CDSL को बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) जो एशिया की सबसे पुरानी स्टॉक एक्सचेंज है उसके द्वारा प्रोत्साहित किया गया है

CDSL की Client ID 16 डिजिट (अंकों) की होती है और यह संस्था न केवल डिपॉजिटरी सर्विस (स्टॉक सिक्योरिटीज) की सेवाएँ मुहैया कराती है बल्कि बैंकिंग से जुडी सभी सेवाओं का भी समावेश होता हैं

यानि मुख्यरूप से बैंकिंग सेवाएँ पहले प्रदान की जाती है उन्ही के साथ स्टॉक डिपोजिटरी सर्विसेज की भी सुविधा प्रदान करती है

यानि एक तरह से टू इन वन की तरह जैसे की; Rajkot Nagarik Sahakari Bank Ltd जो खुद एक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करती है उनके साथ CDSL की संस्था के साथ Demat Accounts की भी सुविधाएं देती है

साथ ही देश की बड़ी माने जाने वाली ब्रोकिंग संस्था Angel Broking का Demat Account भी CDSL से जुदा हुआ है इनकी एक खास बात है की NSDL के मुकाबले CDSL का चार्ज कम होता है यानि पर ट्रेड Rs.12 के आसपास होता है

स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध

CDSL एकमात्र एसी Depository संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड है CDSL की लिस्टिंग सिर्फ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 30 जून 2017 को हुई थी जिसकी ऑफर प्राइस Rs.149 और मिनिमम लोट साइज़ 100 शेयर की थी, तब CDSL की संस्थाने IPO के जरिये बाजार से Rs.523.99 करोड़ जुटाए थे  

NSDL

NSDL का पूरा नाम ‘National Securities Depository Limited’ है जिसे हिंदी में “नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड” कहते है

इसकी स्थापना मुंबई में 8 अगस्त 1996 में एक भारतीय केन्द्रीय प्रतिभूति डिपोजिटरी के रूप में हुई थी, साथ ही इस संस्था को भारत की सबसे पहली इलेक्ट्रॉनिक प्रतिभूतियों के रूप में स्थापित किया गया था

NSDL का भारत के आर्थिक विकास में अहम योगदान है, NSDL का मुख्य कार्य डिपोजिटरी सिस्टम को कन्ट्रोल करना जिसमे सिक्योरिटीज (शेयर्स) डिपोजिटरी रखने के खातो को सुरक्षित रखना है

इसकी कुछ और जानकारियाँ एकठा करते है जैसे की; NSDL की Client ID 8 डिजिट (अंकों) की होती है और साथ ही DP ID भी होती है उसके भी 8 डिजिट (अंकों) होते है जो IN से शुरू होते है

NSDL की संस्था ज्यादातर अपनी फ्रेन्चाइजी Broker को ही प्रोवाइड करती है इनकी संस्थाओ में Stock Holding, Marwadi Shares And Finance जेसी ब्रोकिंग संस्थाए इनसे जुडी हुई है

जेसा की हमने CDSL के केस में जाना की उनके DP चार्जिस NSDL से कम होते है और NSDL का चार्ज तकरीबन Rs.20 पर ट्रेड होता है

CDSL / NSDL की सेवाएँ :-

CDSL और NSDL दोनों ही डिपोजिटरी पार्टिसिपेट में कार्यरत सभी संस्थाएँ जैसे की; बैंक, फाइनेंसियल इंस्टीटयूट, कस्टोडियन और स्टॉक ब्रोकर यह सभी सेबी के द्वारा जारी दिशा-निर्देशो का पालन करते हैं

साथ ही और भी संस्थाए है जैसे की; डीपी (DP), एक बैंक खाता धारक, बेनिफिशियल ओनर (BO) सिक्योरिटीज को जारी करने वाली संस्था (कंपनी), सीडीएसएल, बेनेफिसियल ओनर के ब्रोकर और स्टॉक एक्सचेंज यह सभी संस्थाएँ एकदूसरे के साथ एक कड़ी समान कार्य करते हैं

CDSL / NSDL इन दोनों ही संस्थाओ की मुख्य सेवा डीमेट खाता प्रदान करने की है जिसमे निवेशक की खुदकी निगरानी में उनके शेयर्स रहते है फिर चाहे वह बैंकिंग से जुडा हो या फिर ब्रोकिंग से इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है

इन सेवाओं के बदले यह संस्थाए कुछ शुल्क वसूलती है जिसे DP चार्ज के नाम से जाना जाता है, NSDL की संस्था CDSL की संस्था से बिलकुल अलग है क्योंकि NSDL की सेवाएँ आमतोर पर ब्रोकरों के माध्यम से मिलती है जिसके कारन Trading और Demat Account दोनों ही एकदूसरे से लिंक होते है

जबकि CDSL की सेवाएँ बैंकों के जरिये मिलती है जिनसे Trading और Demat Account दोनों ही एकदूसरे से लिंक नहीं होते है

CDSL / NSDL मेसे आपके लिए कोन सहीं हैं :-

अब जानते है की इन दोनों में से कोनसा Demat Account आपके लिए सही होंगा, आगे की जानकारी सिर्फ CDSL और NSDL के बिच की विशेषताए और खामिओ को दर्शाती है दोनों ही संस्थाए अपने आपमे सर्वश्रेष्ठ है

हालकी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन दोनों की तुलना करना बेहतर है और हालहि में आये SEBI के नए मार्जिन नियमों से बेहतर क्या होंगा तो चलिए शुरू करते है

  • पहले बात करते है NSDL की तो इस न्यू मार्जिन रूल्स के मुताबिक NSDL में Demat Account होना फायदेमंद है क्यूंकि अगर आपने SEBI New Margin Rules In Hindi का आर्टिकल पढ़ा है तो आप जरुर जानते होंगे की शेयर खरीदी और बिक्री दोनों पर मार्जिन लगता है

तो अगर आपका NSDL में Demat Account है तो Trading Account भी एक ही ब्रोकर के पास होंगा जिनसे शेयर बिक्री पर आपको मार्जिन नहीं देना पड़ता क्यूंकि दोनों खाते एक ही संस्था के पास होने से स्टॉक्स भी उन्ही ब्रोकर के Demat Account में होने से उस शेयर बिक्री पर मार्जिन की कोई समस्या नहीं आती है जिनसे आपके Trading Account में Nill बैलेंस होने पर भी शेयरों की बिकवाली कर सकते है

  • अब बात करते है CDSL की तो इसमें NSDL से थोडा अलग है अगर आपका Demat Account CDSL में है और Trading Account भी उसी संस्था में है यानि Angel Broking में है या और किसी ब्रोकिंग संस्था में है सिवाय बैंकिंग डीमेट सर्विस के फिर तो आप NSDL की ही तरह आसानीसे शेयर बिकवाली कर सकते है बिना मार्जिन की चिंता किये

मगर यदि आपका Demat Account किसी बैंकिंग में है तो आपको अपने ब्रोकर को शेयर बिकवाली का भी एडवांस मार्जिन जमा रखना जरुरी हो जाता है, आखिर में CDSL और NSDL के कुछ लाभ और कमियों के बारेंमे बात करते है

CDSL / NSDL के लाभ :-

  • शुरू से बात करे तो एक अहम फायदा यह है की इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से हमें वह पुरानी शेयर सर्टिफिकेट वाली प्रोसेस से छुटकारा मिला है साथ उन दस्तावेजों को केरी करना काफी मुस्किल काम है क्यूंकि समय जाते वह शेयर सर्टिफिकेट टूटने लगते है फिर उसकी कोई कीमत नहीं रहती है उनके बजाय आज हमारे शेयर्स को केरी करना आसान है बल्कि वह हमारी निगरानी में सुरक्षित Demat Account में सालों साल पड़े रहते है 
  • CDSL और NSDL के Demat Accounts पूरी तरह से SEBI के कन्ट्रोल में होने से हमारी सिक्योरिटीज (शेयर्स) की सुरक्षा और भी मजबूत हो जाती है जिनसे भविष्य में भी हमारे शेयर्स बिल्कुल सेफ रहेंगे 
  • SEBI दिन प्रति दिन निवेशकों की सुरक्षा के लिए कठिन नियम बना रही है जिसमे एडवांस वेरीफिकेशन ऑथोरिटी सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है जिनसे वाकैमे जो शेयर बाजार को जनता और समजता है सिर्फ वही उसमे अपना Demat Account खुलवा सकता है और जो फेक Demat Account खुलते थे वह बिलकुल बंध हो चुके है 
  • SEBI के नए नियम के अंतर्गत सभी ब्रोकरों को यह सूचित किया जा चूका है की शेयरहोल्डरों को अपने शेयर्स अपने – अपने Demat Account में जमा करवाना अनिवार्य है जिनसे अब निवेशकों को अपने ब्रोकरों से भी सुरक्षित कर दिया गया है 
  • ऊपर के रूल्स के मुताबिक जब निवेशकों के शेयर्स अपने Demat Account में होंगे तो उनपर मिलने वाला Dividend भी उनके रजिस्टर बैंक खाते में जमा होंगा, पहले जब निवेशकों के शेयर्स ब्रोकर के अंडर Trading Account में जमा होते थे तब डिविडेंड की राशी भी उनके Trading Account में ही जमा होती थी जिसमे एक महीने का भी समय लग जाता था और साथ ही कंपनी के द्वारा डिक्लेर किया हुआ शेयर बोनस भी निवेशकों के Demat Account में ही जमा होता है

CDSL / NSDL की कमियां :-

  • Demat Account के बारेंमे संपूर्ण जानकारी उन शेयरहोल्डरों के पास नहीं होती जो पुराने शेयर सर्टिफिकेट के ज़माने के ख़यालात वाले है जिनके कारन वे लोग आज के इस टेक्नोलॉजीकल युग के साथ चलने से अचकाते है जिनके कारन उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने से दर लगता है 
  • हमारे देश में अभी तक बहोत सारे निवेशक ऐसे है जो पढ़े – लिखे नहीं है जिन्हें शेयर बाजार का मतलब भी नहीं पता होता है फिरभी दुसरो के केहने पर Demat Account खुलवा लेते है मगर उसे ठिकसे केरी नहीं करपाते है क्यूंकि पुरानी केहवत के मुताबिक शेयर बाजार पढ़े – लिखे लोगोका जुआ है और यह बात कही न कही से सही भी है क्यूंकि अगर इस फिल्ड में अगर आपके पास पूरी नॉलेज नहीं है तो आपको इस फिल्ड में आने का कोई अधिकार नहीं है 
  • यहाँ पर भी वही बात आती है क्यूंकि शेयर का सेटलमेंट ऑनलाइन होता है साथ ही अगर आपको अपने Demat Account में पड़े शेयर्स को Pledge (गिरवी) करवाना है तो आपको उसकी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करना आना चाहिए क्यूंकि SEBI के नए नियमों के मुताबिक सभी शेयरहोल्डरों को शेयर बाजार की जानकारी होना जरुरी है तभी वह सुरक्षित निवेश कर सकता हैं 
  • SEBI रूल्स के मुताबिक सभी शेयर ब्रोकरों को निवेशकों के शेयरों को खरीदी के तीसरे दिन यानि शेयर सेटलमेंट के दिन जब एक्सचेंज में से शेयर आते है तब उसे तुरंत निवेशकों के Demat Account में जमा करना पड़ता है मगर कुछ ब्रोकर्स की इन कामो में नरमी की वजह से उसका परिणाम निवेशकों को भुगतना पड़ता है 
  • डिपोजिटरी का इस्तेमाल करने हेतु भी उसके कुछ नियमो का पालन करना अनिवार्य होता है और इन नियमो का पालन ना करने पर उचित जुर्माना भी वसूला जाता है कुछ जुर्माने ऐसे भी होते है जिन्हें ब्रोकर और निवेशक दोनों को चुकाना पड़ता है

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल (difference between cdsl and nsdl) कैसा लगा हमें कमेन्ट में जरुर कहे हमने इस टोपिक में इंडियन स्टॉक मार्केट की दो अहम Depository Participant यानि डिमेट शाखा NSDL और CDSL को पूर्ण विस्तार से समजायां गया हैं जिसमे हमनें जाना की इन दोनों संस्थओं की स्टॉक मार्केट में क्या अहमियत हैं साथ ही इन दोनों की अहम सेवाओं के बारेंमे जाना, इन दोनों DP (Demant Account) मेसे आपके लिए कोन सही है जिसको अलह – अलग पॉइंट्स पर डिवाइड किया हुआ हैं और आखिर में इन दोनों के फायदे और नुकसान की बात की हैं तो फिलहाल यह टोपिक यही समाप्त होता है, धन्यवाद

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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