Meaning Of Commodity In Hindi

Meaning Of Commodity In Hindi

meaning of commodity in hindi

‘Commodity’ आज हम शेयर बाजार के अहम सेगमेंट ‘कमोडिटी मार्केट’ के बारेंमे विस्तार से चर्चा करने वाले है इसे वायदा बाजार के नाम से भी जाना जाता हैं यह ग्लोबल मार्केट सिस्टम की नींव में से एक हैं, कमोडिटी क्या है और कमोडिटी में ट्रेडिंग कैसे की जाती हैं, इन सभी सवालों के जवाब आज आपको इस आर्टिकल (meaning of commodity in hindi) के माध्यम से मिलेंगे 

Commodity क्या हैं :-

यदि आप कमोडिटी यानि वायदा बाजार के थोड़े भी जानकार हैं तो आप थोड़े निवेश में भी अच्छा – खासा पैसा बना सकते हैं, कमोडिटी मार्केट को यदि हम सामान्य शब्दों में समजे तो जैसे हम स्टॉक मार्केट में अलग – अलग कंपनीयों के स्टॉक्स में निवेश (ट्रेडिंग) करतें है ठीक उसी प्रकार इसमें कच्ची चीजों, कृषि उत्पादित सामग्रीयों और हेवीवेट वस्तुओं का कारोबार किया जाता हैं इन कारोबारीक प्लेटफार्म को कमोडिटी मार्केट कहा जाता हैं 

कमोडिटी मार्केट की ताज़ा खबर

कमोडिटी मार्केट को पूर्णरूप से सरकार यानि SEBI के द्वारा कन्ट्रोल किया जाता हैं यदि सेबी को किसी कमोडिटीज़ के कारोबार में किसी प्रकार की कोई गडबड दिखती है तो वो उसपर कड़ी कार्यवाही भी कर सकती हैं इन्ही नियमों के चलते हालही में 20 दिसम्बर, 2021 को सेबी ने कुछ 7 कमोडिटीज़ शेयरों के वायदा कारोबार पर रोक लगाई हैं तो चलिए देखते है की किन – किन कमोडिटीज़ में और किन कारणों की वजह से रोक लगाई गई है

  • सोयाबीन 
  • चना 
  • सरसों
  • मूंग
  • कच्चे पाम तेल
  • धान (गैर-बासमती)
  • गेहूं  

इन कमोडिटीज़ शेयरों की कीमतों को काबू में करने के लिए सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को 1 साल तक के लिए इन कमोडिटीज़ में नये डेरिवेटिव अनुबंध को शुरू ना करने का ऐसा कठोर आदेश दिया हैं जिसमे यह भी सूचित किया है की जिन निवेशकों ने पुरानी पोजीशन ली हुए है वह अपने मौजूदा सौदे को सिर्फ ख़त्म करने की परमीशन दी गई हैं

Commodity Trading क्या हैं

‘कमोडिटी’ यानि वह चीजें जिन्हें हम हमारे रोजबरोज के जीवन में इस्तेमाल करते हैं जैसे की; गेहू, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी, सुगर, नेचुरलगेस, सोना, चांदी, एल्युमिनियम, क्रूडऑइल, झींक, कॉपर, निकल इत्यादि जैसी रोजाना उपयोग में आने वाली कमोडिटीज़ को एक्सचेंज के माध्यम से स्टॉक मार्केट के कारोबार के जरिये ख़रीदा और बेचा जाता हैं जिन्हें Commodity Trading कहते है  

एग्री कमोडिटी और नॉन – एग्री कमोडिटी क्या हैं

हमने जाना की कमोडिटी में कई सारे कमोडिटी एक्सचेंजों में कारोबार (ट्रेडिंग) होता है इनमे ‘एग्री कमोडिटी’ और दूसरा ‘नॉन – एग्री कमोडिटी’ शामिल है, युतो भारत में मान्यता प्राप्त 25 कमोडिटी एक्सचेंजीस हैं, जेसेकी हमने आगे जाना की मार्केट में सिर्फ दो कमोडिटीज में ट्रेडिंग होती है

इसमें ‘एग्री कमोडिटी’ यानि “नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज” (NCDEX) जिसमे ग्वार, मेंथा, चना, सोयाबीन, कपास, केस्टर, हल्दी और जीरा जैसी कमोडिटीज में कारोबार (ट्रेडिंग) होता हैं इसी प्रकार को ‘एग्री कमोडिटी’ कहा जाता हैं 

अब बात करते है ‘नॉन-एग्री कमोडिटी’ की तो “मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड” (MCX) इसमें सोना – चांदी, बेस मेटल और एनर्जी शामिल है, जिसमे बेस मेटल्स सेगमेंट में कॉपर, निकल, झिंक, लिड और पितल जैसी कमोडिटीज में कारोबार (ट्रेडिंग) होता हैं    

Commodity और Equity Market

कमोडिटी और इक्विटी बाजार की कुछ बुनियादी बातो में बहोत अंतर हैं, शेयर मार्केट के निवेशक कंपनीयों के मार्केट प्रदर्शन और सेक्टरों के फंडामेंटल पर नज़र रखते है

वही कमोडिटी में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स फसल के उत्पादन, पैदावार, मौसम और किसी खास फसल या अनाज की मांग और आपूर्ति यानि Demand And Supply पर नजर रखते है

एकतरह से इसका कारोबार चीजों की डिमांड (मांग) के आधार पर चलता है यानि इसकी कीमतों में उतार – चढ़ाव मार्केट में रही इनकी डिमांड और सप्लाई के मुताबिक चलता हैं

कमोडिटी में रिस्क लेनेकी क्षमता और रिटर्न कमाने की धीरज ही एक सही कमोडिटी निवेशक बन सकता हैं, कई कमोडिटीज में रिटर्न ज्यादा होने के साथ – साथ उसमे जोखिम का प्रमाण भी अधिक होता है

कई कमोडिटीज में खास करके ‘एग्री कमोडिटी’ (NCDEX) में सीजन (मौसम) के हिसाबसे कमोडिटी में उतार – चढ़ाव निर्भर करता है

जिसमे फसलों से जुड़े आकड़ों की बड़ी भूमिका होती है, ‘बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ में कुछ समय पहले ही चुनिंदा कमोडिटीज में ट्रेडिंग की सुविधा शुरू हुई है फिलहाल यह दोनों एक्सचेंजीस Gold और Silver में वायदा कारोबार यानि फ्यूचर ट्रेडिंग की सुविधाएं देते हैं 

Commodity का इतिहास

ऐसा माना जाता है की कमोडिटी आधारित मुद्रा और कमोडिटी बाजार में कच्चे रूप में 4500 ईसा पूर्व और 4000 ईसा पूर्व के बिच के समयांतर सुमेर में उत्पन्न हुआ पहला कमोडिटी मार्केट था, शास्त्रीय सभ्यताओं में सोने – चांदी के बाजार विकसित हुए जिसमे सबसे पहले, कीमती धातुओं को उनकी सुन्दरता और आंतरिक मूल्य के लिए महत्व दिया गया और इन्हें रॉयल्टी के साथ जोड़ा गया

जेसे – जेसे समय बीतता गया उनका प्रयोग व्यापार के लिए किया जाने लगा जिसमे अन्य वस्तुओं या श्रम के भुगतान के लिए उपयोग किया जाता था, 10 वीं शताब्दी के उतरार्ध में शुरू होकर, कमोडिटी बाजार पुरे यूरोप में माल, श्रम, भूमि और पूंजी आवंटित करने के लिए एक तंत्र के रूप में विकसित हुआ

11 वीं शताब्दी के अंतराल और 13 वीं शताब्दी के उतरार्धके बिच, अग्रेज़ी शहरीकरण, क्षेत्रीय विशेषज्ञता, विस्तारित और बेहतर बुनियादी ढांचे, सिक्को का बढ़ता उपयोग, बाजारों और मेलो का प्रसार जेसी घटनाएँ व्यावसायीकरण के सबूत थे, ‘एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज’ ने पहले स्टॉक एक्सचेंज के रूप में वस्तुओं के आदानप्रदान के लिए एक बाजार के रूप में जन्म लिया था

यह व्यापार एक खुली हवा वाली जगह में किया जाता था जो एम्स्टर्डम बोर्स में था जिसे वर्ष 1530 में कमोडिटी एक्सचेंज के रूप में बनाया गया था और वर्ष 1608 में उसमे कुछ बुनियादी बदलाव करके उसे एक नया रूप दिया गया उसके बाद वर्ष 1864 में सयुक्त राज्य अमेरिका में ‘शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड’ (CBOT) पर मानक उपकरणों का उपयोग करके गेहूं, मक्का, मवेशी और सूअर का व्यापार रूप से कारोबार किया गया था जो की दुनिया का सबसे पुराना वायदा और विकल्प विनिमय हैं

Commodity के दो प्रकार :-

‘कमोडिटी’ के मुख्य दो प्रकार है और भारतीय बाजार में भी सिर्फ इन्ही दो सेगमेंट में कारोबार (ट्रेडिंग) होता है जिसमे पहले तो “मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड” और दूसरा “नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज” और साथ ही “नेशनल मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड” और “नेशनल स्पॉट एक्सचेंज” भी है 

कमोडिटी मार्केट के दो अहम सेगमेंट “मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड” (MCX) और “नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज” (NCDEX) को विस्तार से समजते हैं 

Multi Commodity Exchange of India Limited (MCX)

यह भारत का अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंज हैं, इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है, इसकी स्थापना 10 नवंबर, 2003 में हुई थी, यह पूरी तरह से भारत सरकार के आधीन कार्य करता है

MCX भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज है, MCX गैर – लौह धातुओं, बुलियन, ऊर्जा और कई कृषि चीजों (मेंथा तेल, इलायची, कच्चा पाम तेल, कपास इत्यादि) साथ ही सोने और वायदा कारोबार में विकल्प प्रदान करता हैं 

MCX – व्यापार में शामिल वस्तुएं (कमोडिटीज़)
  • धातु – एल्युमिनियम, ताम्बा, सीसा, निकल और जस्ता
  • बुलियन – गोल्ड (सोना), गोल्ड मिनी, गोल्ड गिनी, गोल्ड पेटल, गोल्ड पेटल (नई दिल्ली), गोल्ड ग्लोबल, सिल्वर (चांदी), सिल्वर मिनी, सिल्वर माइक्रो और सिल्वर 1,000
  • एग्रो कमोडिटी – मेंथा तेल, इलायची, कच्चा पाम तेल, कपास, केस्टर सीड, आरबीडी पामोलियन काली मिर्च आदि
  • उर्जा – कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस

MCX की बुनियादी बातें

यह ‘फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (इंडिया) लिमिटेड’ (FTIL) द्वारा स्थापित डिम्युच्युलाइज्ड एक्सचेंज है जो पुरे भारत में कमोडिटी वायदा व्यापार के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग, क्लीयरिंग एवं निपटान परिचालन की सुविधा प्रदान करने वाली भारत सरकार से स्थायी रूप से मान्यता प्राप्त संस्था हैं 

MCX भारतीय जिंक वायदा बाजार का 80% से भी अधिक का हिस्सेदार हो गया है और साथ ही इसके पास पुरे देश में 1 लाख से अधिक ट्रेडर वर्क – स्टेशनों के माध्यम से व्यापार करने वाले 2,000 से भी अधिक पंजीकृत सदस्य है

वर्ष 2009 में ट्रेडिंग किए गए कोंट्राक्ट-नोट की सख्या के मामले में यह एक्सचेंज विश्व के सबसे तेजीसे विकसित होने वाले कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंजों में छठां सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज बन गया है 

National Commodity & Derivatives Exchange Limited (NCDEX)

यह एक भारत का ऑनलाइन कमोडिटी एक्सचेंज है, इसकी स्थापना 15 दिसंबर, 2003 में मुंबई, महाराष्ट्र में हुई थी, यह एक स्वतंत्र निर्देशक मंडल है और साथ ही कमोडिटी डेरीवेटिव्स में व्यापार करने के लिए और बाजार के सहभागियों के लिए एक कमोडिटीज़ ट्रेडिंग प्लेटफार्म प्रदान करता है

यह एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 23 अप्रैल, 2003 को शामिल किया गया और 9 मई, 2003 को व्यवसाय के लिए इसका प्रमाण पत्र जारी किया गया 

NCDEX की बुनियादी बातें

NCDEX में 31 जुलाई, 2013 तक, इसके पास 848 पंजीकृत सदस्यों और लगभग 20 लाख से अधिक के ग्राहक आधार थे, NCDEX भारत में 1,000 केन्द्रों पर 49,000 से अधिक टर्मिनलों पर व्यापार करता है, NCDEX के मुख्य कार्यालय मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर, हेदराबाद, जयपुर और कोलकाता में मोजूद हैं 

इसमें में लगभग 10 कृषि वस्तुओं से भी अधिक का समावेश होता है जिसमे तेल, तिलहन, फाइबर आदि को कवर करने वाले 10 कृषि वस्तुओं का एक समान भारित स्थान मूल्य सूचकांक है

यह भारत में लॉन्च होने वाला पहला ऐसा सूचकांक है जी स्पॉट प्राइस इंडेक्स के घटकों के आधार पर ‘नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज’ नेशनल इंडेक्स फ्यूचर्स को प्रदर्शित करता है

कमोडिटी में ट्रेडिंग कैसे करें ? :-

कमोडिटीज़ में ट्रेडिंग करने के लिए पहले से खुलवाये खाते – Trading Account and Demat Account में कमोडिटीज़ की सर्विसेज कैसे शुरू करवाए, कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे और उसमे किस प्रकार अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है तो चलिए इसे समजते हैं 

Commodity ट्रेडिंग के लिए खाते का चुनाव

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए मुख्य दो खातो की जरुरत होती है Trading Account और Demat Account इन दोनों Accounts के बारेंमे मेने एक अलग आर्टिकल में विस्तार से समजाया गया है फ़िलहाल, कमोडिटी मार्केट भी स्टॉक मार्केट का ही एक हिस्सा है

तब यह जाहिर सी बात है की कमोडिटीज़ में ट्रेडिंग करने के लिए भी हमें इन्ही दो खातो की आवश्यकता पड़ेंगी इसके लिए हमें कुछ ज्यादा करने की जरुरत नहीं हमें सिर्फ हमारे ब्रोकर से हमारे Trading Account And Demat Account में MCX नाम की सुविधा शुरू करवानी पड़ेंगी जिसके बाद ही हम कमोडिटी में ट्रेड कर सकते हैं

यदि आपने अभी तक किसी ब्रोकर का चुनाव नहीं किया है यानि आपने Trading और Demat Accounts नहीं खुलवाया है तो आपको मेरे आने वाले आर्टिकल्स Full – Service Stock Brokers And Discount Stock Brokers के Articles जरुर पढ़े जिनसे आपको अपने मुताबिक का स्टॉक ब्रोकर चुनने में मदद मिलेंगी

Commodity ट्रेडिंग की शुरुआत

कमोडिटी ट्रेडिंग खाता खुल जाने के बाद, निवेशक (Trader) को कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए इनिशियल अमाउंट अपने Trading Account में जमा करवाना पड़ता है

एक ट्रेडर को कमोडिटीज़ में निवेश की शुरुआत करने के प्रश्चात उसे अपनी एक ट्रेडिंग योजना विकसित करनी चाहिए जिसमे एक सामान्य ट्रेडर को कमोडिटी बाजार की योजनाओं को जानना, सिम्युलेशन पर अभ्यास करना और ट्रेडर अपनी व्यक्तिगत शैली, जोखिम और पूंजी की उपलब्धता के आधार पर अपना ट्रेड विकसित कर सकता हैं 

MARGIN (मार्जिन)       

MCX में सिर्फ Rs.5,000 से भी ट्रेडिंग की शुरुआत की जा सकती है मगर NCDEX में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कम से कम Rs.30,000 तक की राशी हमारे Trading Account में मार्जिन के तौर पर एडवांस में जमा करनी पड़ती है

किसी भी कमोडिटीज़ में किसी भी डेरीवेटिव्स को खरीदने के लिए हमें पूरी अमाउंट (राशी) जमा करने की आवश्यकता नहीं है हमें सिर्फ उस कमोडिटीज़ के प्रोडक्ट के मार्जिन के मुताबिक अमाउंट को जमा रखना होता है जैसे की; 1 किलो चांदी खरीदने के लिए अनुमानित Rs.5,000 का मार्जिन हमारे Trading Account में जमा करवाना पड़ता हैं

अगर आपको याद हो तो यह मार्जिन नियम इक्विट मार्केट में स्टॉक ट्रेडिंग में लगते मार्जिन की ही तरह है और साथ ही इसमें इक्विट मार्केट में स्टॉक ट्रेडिंग की तरह हमें हमारे ब्रोकर की तरफ से लीवरेज भी मिलता है जिसके समय समाप्ति के दिन बाकिका डेबिट (उधार) क्लियर करना पड़ता हैं 

Lot Size (मात्रा)      

कमोडिटी ट्रेडिंग में स्टॉक (शेयर) के माफक हम अपने मुताबिक की मात्रा में कमोडिटीज़ के प्रोडक्टस की खरीद – बिक्री नहीं कर सकते है

कमोडिटी मार्केट में सभी कमोडिटीज़ के Lot Size (मात्रा) पहले से ही निर्धारित होते है उनमे सिर्फ और सिर्फ उन्ही Lot Size (मात्रा) में खरीदारी और बिकवाली की जा सकती हैं

उदाहरण के तौरपर, Silver (चांदी) के एक ट्रेड में मिनिमम 1 Lot में 1 किलो की मात्रा होती है, उसीके मुताबिक आप अपने कमोडिटी ट्रेडिंग के इन्वेस्टमेंट प्लान को बना सकते हैं 

कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए 5 बेस्ट कमोडिटीज़ :-

  • Crude Oil :- क्रूड ऑइल का ट्रेडिंग (कारोबार) सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया में सबसे ज्यादा कारोबार होने वाली कमोडिटीज़ मेसे एक है 
  • Silver :- सिल्वर एक Precious Metal है जिसमे हम किलो की मात्रा के Lot Size के मुताबिक ट्रेडिंग करते है 
  • Gold :- गोल्ड दुनियाकी सबसे पुरानी कमोडिटीज़ मेसे एक हैं, गोल्ड को हम 10 ग्राम की मात्रा के Lot Size के हिसाबसे ट्रेडिंग करते है 
  • Natural Gas :- नेचुरल गैस एक Environment इंधन (फ्युल) हैं, जिसमे समय के साथ – साथ डिमांड में भी बढ़ोतरी होती रहती है 
  • Aluminium :- एल्युमिनियम एक लाइट वेट मेटल हैं, इसका प्रयोग इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा होता है

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