Algo Trading Meaning In Hindi

Algo Trading Meaning In Hindi

algo trading meaning in hindi

एल्गो ट्रेडिंग यानि एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग जब स्टॉक मार्केट की शुरुआत हुई थी वर्ष 1875 में तब शेयरों का कारोबार (Trading) Physical Share Certificate के आदानप्रदान और मौखिक बोलियां लगाकर किया जाता था उसकेबाद NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) के द्वारा वर्ष 2000 में ऑनलाइन कम्प्यूटर बेस ट्रेडिंग की शुरुआत हुई और उसकेबाद 3 अप्रैल, 2008 में SEBI के समर्थन पर NSE के द्वारा भारतीय शेयर बाज़ार में पहलीबार एल्गोरिथमिक Trading का परिचय हुआ तबके समय में Algo Trading का इस्तेमाल केवल कुछ संस्थागत ट्रेडर्स ही करते थे­­­­ तो आज का हमारा यह आर्टिकल (algo trading meaning in hindi) इसी टोपिक पर है जहा हम समजेंगे की Algo Trading क्या होती हैं और इसको इस्तेमाल करने में क्या – क्या फायदे और नुकसान है वह भी विस्तार से समजेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

Algo Trading क्या होती हैं :-

एल्गो ट्रेडिंग को और कई नामों से भी जाना जाता हैं जैसे की; Automated Trading, Black Box Trading, Rule Based Tading आदि जिसको एक फोर्मेट के रूप में ‘लिमिट सेट सिस्टम’ के स्वरूप से भी जाना जाता हैं

क्योंकि यह एक ऐसी सिस्टम है जिसकें जरिये आप किसी भी कंपनी के स्टॉक पर किसी भी प्राइस पर (Upper and Lower Circuit के अंदर) अपनें Buy या Sell की एडवांस लिमिट लगा सकते हैं

यानि एकतरह से हमें पहले से ही हमारें ट्रैक को समज कर हमारें एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम (कम्प्युटर या मोबाइल) को एक कमांड देनी होंगी की इस स्टॉक को इतनें निचे प्राइस पर खरीदना है और इस स्टॉक को इतनें ऊपर प्राइस पर बेचना है

जिस आदेश के अनुरूप वह एल्गो ट्रेडिंग सोफ्टवेयर अपना कार्य करता है जिसे सिम्पल शब्दों में एल्गो ट्रेडिंग कहा जाता हैं चलिए इसे और विस्तार से समजते हैं

एल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल

एल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल स्टॉक मार्केट के सभी प्लेटफार्म पर किया जा सकता हैं जैसे की; BSE/NSE Cash Market Trading, Future and Option Trading, Commodity Trading, Currency Trading आदि

साथ ही आप यह भी जानना चाहेंगे की एल्गोरिथमिक Trading किस प्रकार की ट्रेडिंग सिस्टम होती है तो जैसा की मैंने पहले कहा की यह एक ‘लिमिट सेट सिस्टम’ होती हैं जिसके द्वारा आप किसी भी स्टॉक पर आपके अनुरूप प्राइस की संभावना के आधार पर पहलेसे लिमिट सेट कर सकते है

जिसकें बाद हमें बार – बार उस पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है हमारें आदेश के मुताबिक हमारी प्राइस आनेके साथ ही हमारी लिमिट अपनेआप सबमिट हो कर पास हो जाएँगी यानि यदि हमनें खरीदी की लिमिट रखीं होंगी तो हमारे शेयर्स Buy हो जायेंगे और यदि हमनें बिक्री की लिमिट रखीं होंगी तो हमारें शेयर्स Sell हो जायेंगे

यह ट्रेडिंग सिस्टम केवल इन्हीं में नहीं बल्कि Short Selling या Stop Loss Trading करने में भी बेहद इस्तेमाल होता हैं, एल्गो ट्रेडिंग करते समय हमें कई चीजों को ध्यान में रखने की आवश्यकता होती हैं तो चलिए इसे डिस्कस करते हैं

एल्गो ट्रेडिंग करने में अहम बातोँ की आवश्यकता

एल्गो ट्रेडिंग यानि पहले से हमें एक कोड, रूल्स, इन्स्ट्रक्शन या लॉजिक सेट करना हैं जिसकें आधार पर हमारा कम्प्यूटर, मोबाइल या कोई भी ट्रेडिंग डिवाइस में लगा ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर उस Put की गई लिमिट को Scanning करेंगा और यह सुनिश्चित करेंगा की आपके द्वारा दिया गया आदेश सहीं है या नहीं यानि वह सिस्टम आपके द्वारा सबमिट की गई उस स्टॉक की लिमिट को सभी मानदंड के अनुरूप होने के बाद ही आपकी एल्गोरिथमिक लिमिट सेट हो पाती हैं

एल्गो ट्रेडिंग लिमिट सेट

तो चलिए पहले एल्गो ट्रेडिंग लिमिट सेट करने के लिए हमें किन – किन बातोँ का ध्यान रखने की जरुरत हैं – 

  • स्टॉक मार्केट में एल्गो ट्रेडिंग या इसी भी प्रकार की ट्रेडिंग करने के लिए एडवांस मार्जिन जमा होना अनिवार्य है तो सबसे पहले आपको यह चेक करना पड़ेंगा की आपके Trading Account में एल्गो ट्रेडिंग अनुरूप मार्जिन जमा हैं या नहीं उनकें बाद ही ट्रेडिंग की शुरुआत करें  
  • सबसे पहले तो जिस किसी स्टॉक पर एल्गो ट्रेडिंग करते समय उस स्टॉक की दोनों Circuit ब्रेकर्स चेक करना जरुरी है उन्हीं के बेस पर हम एल्गो लिमिट को लगा सकते हैं यानि Upper and Lower Circuit की प्राइस रेंज में ही लिमिट कन्फर्म होंगी अन्यथा हमारी एल्गो लिमिट रिजेक्ट हो जाएँगी
  • एल्गो ट्रेडिंग करते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखे की मार्केट समय के बाद यानि 9:15 से 3:30 बजे के बाद यदि आप दूसरें दिन के लिए किसी स्टॉक पर एल्गो लिमिट सेट करना चाहते है तो पहले यह सुनिश्चित जरुर करे की आपके Broker के द्वारा यह सुविधा शुरू हो अन्यथा सुबह 9 बजे से पहले भी आप एल्गो लिमिट को सेट कर सकते हैं और मैरे मुताबिक यही लिमिट सही है क्योंकि एक दिन पहले लगाई गई लिमिट दूसरें दिन मार्केट के अनुरूप होंगी या नहीं यानि उनकी सर्किट ब्रेकर्स कितने होंगे यह उसी मार्केट दिन को नक्की होता हैं

Algo Trading के फायदे :-

यह स्टॉक मार्केट की एक आधुनिक माने जाने वाली सेवाओं मेसी एक मानी जाती हैं

असीमित स्टॉक डेटा को ट्रैक करना

एल्गो ट्रेडिंग की मदद से स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को और भी आसान और सुलभ बना सकते हैं साथ ही स्टॉक मार्केट में लिस्टेड सभी कंपनीयों के स्टॉक को ट्रेक करना और उनकी सभी जानकारियां जैसे उनके चार्ट, समय के मुताबिक प्राइसिंग की डिटेल्स आदि जैसे डेटा को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं

कोई मानव निर्भरता नहीं

मानव निर्भरता यानि एल्गो ट्रेडिंग के इस्तेमाल से हमें खुदको एकदम फ्री बना सकते हैं एल्गो ट्रेडिंग की मदद से हमें केवल हमारी सिस्टम को आदेश देना है की इस स्टॉक को इस प्राइस पर Buy या Sell करना ताकि उस लिमिट पर CMP आते ही हमारी लिमिट पास हो जाएँगी

एक साथ कई सौदे करें

एल्गो ट्रेडिंग की मदद से हम एकीसाथ कई शेयरों पर सौदेबाजी कर सकते हैं क्योंकि यहाँ पर हमारा कार्य सिर्फ स्टॉक्स की पसंदगी करना है और उनमे एक संभावना प्रगट करनी है ताकि उनके अनुरूप हम हमारी एल्गो ट्रेडिंग की लिमिट को सेट कर सकते हैं जिसके बाद हम उस स्टॉक पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है ताकि हम हमारें कीमती समय को किसी और स्टॉक के लिए निकाल सकते हैं वैसे ही हम मल्टीपल ट्रेड्स को ले सकते हैं

भावनाओं के बिना सौदे करें

एल्गो ट्रेडिंग एक सॉफ्टवेयर पर किसी निश्चित सिस्टम के आदेश पर होता है जिसमे मनुष्य की तरह किसी प्रकार के कोई इमोशन नहीं होते है जिनसे हमने इसको जो भी आदेश दिया होंगा यह ठीक उसी प्रकार ही कार्य करेंगा यानि हमनें किसी स्टॉक पर Buy या Sell की लिमिट सेट की है और यदि उस प्राइस पर CMP आता है तो हमारे शेयर्स अपनेआप Buy या Sell हो जायेंगे

ऐतिहासिक डेटा का उपयोग करके सर्वश्रेष्ठ परीक्षण प्राप्त करें

एल्गो ट्रेडिंग में सबसे अच्छा फ़ीचर जो है वो ये की आप अपने पुरानें एल्गो ट्रेडिंग डेटा को चेक कर सकते है और यह सुनिश्चित कर सकते है की उन सौदों में प्रॉफिट बन रहा है या नहीं ताकि आप उनके अनुरूप अपनी ट्रेडिंग रणनीति बना सकते हैं

एल्गो ट्रेडिंग की मदद से आप अपनी संभावना के मुताबिक की स्टॉक ट्रेडिंग कर सकते है और वो भी आप अपने प्राइसिंग लेवल में कर सकते है, इसका ज्यादा उपयोग उन शेयरों में किया जाता है जिनमें लगातार सर्किट ब्रेकर्स लगते हो जिनमे प्रॉफिट की संभावना प्रगट कर सकते हैं

Algorithmic के बिना सौदे करना :-

पहले जब एल्गो ट्रेडिंग सुविधा नहीं थी तब स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करने के लिए मार्केट खुलने के साथ जब मार्केट ख़त्म होता है तबतक हमें खुद हमारे शेयरों पर निगरानी रखनी पड़ती थी और शेयरों की प्राइसिंग के अनुरूप सौदे लगाने पड़ते थे

एल्गो ट्रेडिंग के बिना एक व्यक्ति के लिए पारंपरिक ऑनलाइन ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 सौदों पर ही ध्यान केन्द्रित कर सकता है, एक व्यक्ति के लिए इनसे ज्यादा का ट्रैक करना मुमकिन नहीं है क्योंकि इस ट्रेडिंग में हमें खुद से ही सबकुछ ट्रेक करना होता हैं और वो भी कुछ पर्टिकुलर स्टॉक्स पर ही ध्यान देना मुमकिन होता है उनसें ज्यादा की सौदेबाजी ट्रैकर को बेध्यान बना सकती हैं जिनसे नुकसानी का भी सामना करना पड़ सकता हैं

पारंपरिक ऑनलाइन ट्रेडिंग के समय हम अक्सर इमोशनली डिसीजन लेते हैं हम यदि किसी स्टॉक को खरीदना चाहते है और उसके लिए किसी नीचें प्राइस पर लिमिट सेट करते है मगर जैसे टारगेट आता है हम उस लिमिट को और नीचें प्राइस पर कर देते है मगर कई बार इनसे उल्टा भी होता है नीचें वाली प्राइस को छुए बिना ही उसमें Up मूवमेंट आ जाता है और हमारी लिमिट वहीं की वहीं रह जाती हैं, शेयरों की बिकवाली करते समय भी हम ठीक इसी प्रकार के निर्णय लेते हैं और हमारें शेयर Sell नहीं हो पाते हैं

एल्गो ट्रेडिंग के बिना इनसे जुड़े किसी भी प्रकार के पुरानें डेटा को प्राप्त नहीं किया जा सकता है जिनसे यह जाहिर सी बात है की हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते की उन सौदों में प्रॉफिट बन रहा है भी या नहीं जिनसे हमारें लिए इनकें बिना ट्रेडिंग करना कुछ हदतक चुनौतीपूर्ण हो सकता हैं

Algo Trading के नुकसान :-

एल्गो ट्रेडिंग एक कम्प्युटर आधारित ट्रेडिंग होतीं है जिसमे यदि सिस्टम ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा होंगा तो सिस्टम की विफलता के कारन अवसर हानि भी हो सकती है साथ ही इसके लिए उसको इस्तेमाल करने की योग्यता होनी आवश्यक हैं वही हमारे देश की बात करे तो अभीतक कुछ गावो में इन्टरनेट की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है जिसकें कारन एल्गो ट्रेडिंग करना बेहद दुर की बात हैं

वैसे तो एल्गो ट्रेडिंग करना बेहद सरल होता है मगर फिरभी कई ट्रेडर्स इसकी लिमिट लगाने में कई गलतियां करतें है जिसके परिणाम स्वरूप कभी उनकीं लिमिटे सबमिट पोजीशन पर चली जाती हैं तो कभी रिजेक्ट हो जाती है जिसके कारन वह अपना ट्रेड नहीं ले पातें, पैरामीटर सही ढंग से परिभाषित नहीं होने पर अल्गोस बुरी तरह विफल हो सकता है

यह एल्गो ट्रेडिंग लिमिट सबमिशन करतें समय किसी प्रकार की गलती की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए यदि लिमिट लगाते समय किसी प्रकार की कोई गलती होती है तो उसके परिणाम स्वरूप पेनल्टी (चार्ज) देना पड़ेंगा

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमनें इस टोपिक (algo trading meaning in hindi) में क्या – क्या सिखा तो Algo Trading यानि Algorithmic Trading को हमने विस्तार से समजा की यह होता क्या है, स्टॉक मार्केट में इसकी क्या पहचान है, इसको शुरू करने के लिए हमें किन – किन बातोँ पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता हैं साथ ही Algo Trading के फायदे, नुकसानीयां और इनकें बिना स्टॉक मार्केट में कैसे ट्रेड लिया जाता हैं जिनमे हमें किन – किन चुनोतियो का सामना करना पड़ सकता हैं तो फिलहाल हमारा यह आर्टिकल यही समाप्त होता हैं, धन्यवाद

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Hello friends, currently I am working in the stock market operating as well as blogging through this wonderful website.

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